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घर में टाइल्स लगवाने से पहले ये बाते जरूर ध्यान में रखे -Tile adhesive or cement mortar

घर में टाइल्स लगवाने से पहले ये बाते जरूर ध्यान में रखे

टाइल लगाने के लिए घर में क्या उपयोग करना चाहिए-

जब अपनी मेहनत के पैसों से अपना घर बनाते हैं और कुछ ही समय बाद आपको पता चलता है की दीवार की टाइलें टूट के गिर रही है फ्लोर की निचे में से आवाज आ रही है और सामने एलिवेशन के टाइल निकाल के गिरने वाली हैं तो दिल अंदर से बहुत दुखता है, तो मैं आपको बताऊंगा की आपको अपने टाइल लगाने के लिए घर में क्या उपयोग करना चाहिए क्या आपको सीमेंट उपयोग करना चाहिए या टाइल एडहेसिव उपयोग करना चाहिएl

Worker making flooring with vinyl tiles

टाइल्स कोई सी भी हो चाहे फ्लोर टाइल हो चाहे दीवाल टाइल हो सीमेंट का उपयोग उसको अपनी जगह पर चिपकाए रहने के लिए किया जाता है तो सीमेंट का में काम टाइल और प्लास्टर वॉल सरफेस के बीच एक मजबूत जोड़ बनाए रखना का होता है ताकि टाइल सालों साल अपनी जगह पर बनी रहे पर दोस्तों समय के साथ टाइल के साइज धीरे-धीरे बढ़ते गए जहां पहले शुरू हुई थी उसके बाद 1’x1’6″, 2’x2’6″और आज की डेट में 4’x8′ फिट की टाइल भी आई हैं तो दोस्तों इतनी बड़ी टाइल आने लगी हैं इतना ज्यादा चेंज हो गया है टाइल के साइज में लेकिन आज की डेट में भी लोग वही पुराना सीमेंट वाला तरीका इसको चिपकने में उपयोग कर रहे हैं जो की बहुत बड़ी गलती है अगर आप टाइल लेने जाते हैं तो आज की डेट में किसी भी शोरूम के अंदर तो आप देखते हैं की टाइल्स की क्वालिटी कितनी ज्यादा इंप्रूव हो गई है टाइल आज की डेट में लग्जरी हो गई है बल्कि आज की डेट में कुछ कुछ टाइल्स तो ग्रेनाइट से भी ज्यादा अच्छी लगती है तो इतना कुछ चेंज तो हो गया है टाइल्स के अंदर क्वालिटी में भी और जैसा मैंने बताया अभी भी आज की डेट में भी ठेकेदार लोग सीमेंट का ही उपयोग कर रहे हैं उसको चिपकने में जिसकी वजह से इन टाइल के अंदर हलो नेस हो जाति है विग बॉन्डिंग रहती हैl

अब टाइम के साथ जो टाइल की क्वालिटी इंप्रूव हुई है साइज इंप्रूव हुआ है इसी वजह से इनको लगाने में भी काफी दिक्कत आने लगी है जैसे टाइल लग जाने के बाद होलोनेस मतलब टाइल का खाली ले जाना क्योंकि सीमेंट अच्छी पकड़ वहां पर नहीं बना पता है पूरे से नहीं फेल पता है और जब सीमेंट सुख जाता है ना दोस्तों तो वहां पर छोटे-छोटे होल्स बन जाते हैं जिसकी वजह से जब आप चलते हैं टाइल के ऊपर तो आपको आवाज़ आती है टाइल में से कुछ भारी सामान आप टाइल के ऊपर रखते हैं तो टाइल वो टूट जाति है और जो वाल टाइल लग रही है उनके लगाने की कुछ महीना या सालों बाद उनका दीवार से निकलकर गिर जाना लोगों को लगता है की सीलन की वजह से वो निकल के गिर रही है परन्तु वो ऐसा नहीं है टाइल्स की क्वालिटी इतनी इंप्रूव हो गई है लेकिन लगाने का तरीका आज भी वही पुराना है सीमेंट से तो इन्हीं सब समस्याओं को देखते हुए दोस्तों समाधान के तोर पर रॉफ्टटायर्ड एडहेसिव को बनाया गया है, राफ्ट टायर्ड एडहेसिव एक रेडीमेड मोर्टार है जिसमें सीमेंट स्टोन ईपॉक्सी पॉलीमर और कुछ केमिकल मिक्सर होता हैl

यह एक पाउडर फॉर्म में आता है जिसको पानी के साथ मिक्स करके आसानी से लगाया जाता है राफ्ट टायर्ड एडहेसिव और सीमेंट मोर्टार दोनों के कुछ फायदा और नुकशान है मैं दोनों का तुलना करूंगा और आपको बताऊंगा की आपके घर की टाइल्स के लिए अच्छा कौन सा हैl

पहले बात करता हूं मैं सीमेंट मोर्टार की तो जो सीमेंट मोर्टार जो है दोस्तों उसकी फायदा ये है की ये आसानी से आपको मिल जाता है आप किसी भी बिल्डिंग मटेरियल दुकान पे जाए और आपको यह तुरंत मिल जाएगा अगर नुकसान की बात करें तो टाइल में होने वाले सीमेंट और रेती का जो मसाला है उसका सही रेश्यो में हो उसके लिए हमें मिस्त्री के ऊपर ही निर्भर रहना पड़ता है मसाला सही से तैयार किया गया हो सही मात्रा में इसके अंदर पानी मिलाया गया हो इसके लिए भी हमें मिस्त्री और लेबर के ऊपर निर्भर रहना पड़ता है और इसके लिए लेबर का जानकर होना बहुत जरूरी है आपका जो रेती है आपका जो सीमेंट है इसकी क्वालिटी अच्छी है की नहीं है इसके लिए भी हमें मटेरियल सप्लायर के ऊपर निर्भर रहना पड़ता है अब जब फ्लोर की टाइलिंग होती है ना उसके अंदर बहुत सारा मोटा मसाला दाल देते है जब उसके ऊपर टाइलिंग की जाति है जो की करीबन 40mm से 50mm मोटाई तक पहुंच जाता और जिसकी वजह से आपके घर के स्ट्रक्चर के ऊपर डेड लोड बढ़ता है और जो डेड लोड होता है यह आपकी बिल्डिंग को कमजोर ही करता हैl कई बार बड़े साइज वाली टाइल्स पर सीमेंट मोटर है अपनी पकड़ पुरी जगह नहीं बना पता है जिससे टाइल में आवाज की प्रॉब्लम आने लगती है और कुछ भी भारी सामान आप उसके ऊपर रखेंगे तो टूटने की संभावना टाइल की बहुत ज्यादा बाढ़ जाति है दोस्तों जो वाल टाइल होती है वहां पर आपका ठेकेदार क्या करता है की पहले प्लास्टर होगा और प्लास्टर के ऊपर सीमेंट का पेस्ट है वो टाइल को चिपका देते हैं लेकिन समय के साथ-साथ जब सीमेंट सूखता है तो वो श्रिंक हो जाता है और श्रिंक होने के करण कुछ ही टाइम बाद टाइल्स का जो पकड़ है वो कमजोर हो जाता है और धीरे-धीरे वो समय के साथ-साथ वहां से उखाड़ना शुरू कर देती है आपको लगता है की सीलिंग की वजह से वो गिर रही है परन्तु वो ऐसा नहीं है क्योंकि सीमेंट श्रिंक हो गया है  पूरा सुख चुका है और इसलिए उसका पकड़ काफी कमजोर हो गया और वो नीचे टूटकर गिर रही हैl

टाइल एडहेसिव के फायदे और नुकशान-

टाइल एडहेसिव के फायदे और नुकशान के बारे में बात कर लेते हैं तो पहले बात करते हैं इसके फायदे के बारे में बड़ी साइज की जो टाइल्स है जो बड़े साइज टाइल्स है उनके लिए बहुत ही सूटेबल होता है टाइल एडहेसिव टाइल और सीमेंट प्लास्टर के बीच में बहुत ही मजबूत पकड़ बनती है, जिससे टाइल के गिरने की समस्या ना के बराबर हो जाति हैl एडेसिव एक रेडी मिक्स मोर्टार है इसके अंदर बस आपको पानी मिलाना है और इसको उपयोग करना है तो इसमें ऐसा नहीं है कुछ रेसिओ आपको रेती का देखना पड़ेगा ये रेती की क्वालिटी देखनी पड़ेगी या किसी बिल्डिंग मटेरियल वाले के ऊपर निर्भर होना पड़ेगा या मिस्त्री के ऊपर निर्भर होना पड़ेगा इसको इस्तेमाल करना बहुत ही आसन है क्योंकि सब कुछ मिक्स होता है इसके अंदर पहले से ही बस पानी डालो और इसको लगाना शुरू कर दो टाइल्स पे तो उसके बाद आपको पानी तराई करने की भी कोई जरुरत नहीं पड़ती है तो आपका पानी भी बच जाता है दोस्तों अगर हम नुकशान की बात करें टाइल आदेसिव की तो उसकी नुकसान ये है की इसको बहुत ही अच्छे प्लास्टर के ऊपर ही लगाना जरूरी है क्योंकि अगर प्लास्टर का लेवल सही नहीं होगा तो टाइल आदेसिव को इस्तेमाल करना आपको बहुत मुश्किल बढ़ जाएगा क्योंकि जो परत होती है वह 5mm से 6mm तक पतला परत होती है बहुत ज्यादा सीमेंट मोर्टार की तरह मोटी लेयर नहीं होती डेड लोड नहीं बढाती बिल्डिंग को हल्का ही रखती है और प्लास्टर आपका अच्छे से ही करना हो दीवार के ऊपर टाइल आदेसिव से आप ये नहीं कर सकते की आप स्लोप दे रहे हैं फ्लोर को तो स्लोप आपको पहले ही प्लास्टर में कर लेना है RCC से और उसके बाद टाइल अडेसिव का उपयोग करना है क्योंकि अगर आप स्लोप भी टाइल अडेसिव से बनाएंगे तो ये आपको बहुत महंगा पड़ जाएगाl

तो अगर आपका RCC का काम जमीन पे सही हो रखा है और दीवार का प्लास्टर अच्छे से हो रखा है तो उसको उसे करना आसन रहेगा वरना बहुत मुश्किल रहेगा इसको उपयोग करना और ये महंगा भी पढ़ सकता है तो अब हम जान चुके हैं की आपको अपने घर में टाइल्स अडेसिव का उपयोग करना है अब आपकी बिल्डिंग में डेड लोड भी नहीं बढ़ेगा श्रिंकेज की प्रॉब्लम जो सीमेंट मोर्टार में आई थी वो इसमें नहीं आएगी तो भविष्य में आपकी टाइल्स के अंदर से आवाज नहीं आएगी और ना ही उसका टूटने का कल डर रहेगा कुछ भी हैवी मटेरियल उसके ऊपर रखना के बाद चाहे आपकी एक्सटीरियर टाइल सामने एलिवेशन में चाहे इंटीरियर हो वॉलपेपर टाइल और आपके लिए बेस्ट है अब आप बेफिक्रा होकर महंगी से महंगी टाइल अपने घर में लगा सकते हैं बिना इस चीज से डरे हुए की कल वो टाइल टूट जाएगी या बॉन्डिंग कमजोर होके दीवार से गिर जाएगी दोस्तों मुझे उम्मीद यह आपको समझ में आई होगीl

13 बातें जाने बिना घर का कम आप स्टार्ट मत कर लेना / Points to remember before starting house construction

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एक ठेकेदार आपको पागल बनाता है और अपना पैसा कमाने के चक्कर में आपका नुकसान कर देता है तो अगर आप घर बनाने जा रहे हैं या फिर आप सिविल इंजीनियरिंग के स्टूडेंट हैं तो ये पोस्टआपके लिए बहुत जरूरी हैl

Building construction in India

1- खुदाई यानी आपकी जो ग्राउंड लेवल से खुदाई होगी फूटिंग के लिए वो कितनी रहनी चाहिए तो अगर आप ग्राउंड फ्लोर बना रहे हैं तो उसके खुदाई की चौड़ाई पता रहनी चाहिए 4 फिट और ग्राउंड प्लस एक या दो  बना रहे हैं तो इसका चौड़ाई पांच फिट होनी चाहिए ग्राउंड लेवल से बहुत सारे ठेकेदार जल्दी करते हैं की तीन फिट कर लेते हैं इससे बाद में उनको बहुत दिक्कत आने वाली है क्योंकि घर की मजबूती जो है फाउंडेशन से बनती है तो इस बात को जरूर ध्यान रखेंl

2- फुटिंग की जाली जो आपकी फूटिंग जाली की सरिया के बीच का गैप है वो 6 इंच रहना चाहिए सेंटर से सेंटर,बहुत सारे लोग गैप को बड़ा के 9 इंच भी कर देते हैं जिससे फूटिंग की जो जाली है फूटिंग मेष है वो बहुत कमजोर हो जाती हैl

3- फूटिंग बार अब फूटिंग में जो जाली है उसके अंदर बाहर कितना मोटा सरिया डालना है यानी सरिया का साइज क्या रहेगा तो सरिया का साइज रहेगा 12mm  बाकी आपकी ड्राइंग पे भी डिपेंड करता है लेकिन स्टैंडर्ड साइज आपको 12mm रखना है इसमें कुछ ठेकेदार गलती कर देते हैं उसको 8mm या 10mm भी कर लेते हैं या 8mm और 10mm का इसमें जाल बना लेते हैं उससे भी आपके घर के कमजोर होने के बहुत सारे चांसेस हैंl

4- अगला पॉइंट है कालम बार जो फूटिंग से कालम निकलता है आपका उसमें आपको 12mm का सेट रखना है 4 का अगर आप खाली ग्राउंड फ्लोर बना रहे हैं और 12mm का सेट रखना है आपको छह का अगर आप ग्राउंड प्लस एक बना रहे हैं तो

5-आपको फूटिंग में और कालम आपका उसके अंदर सीमेंट और रेती का जो रेसिओ कितना रखना है तो उसके अंदर m-20 कंक्रीट मिक्स रेसियो रहेगा तो जिसके अंदर एक बैग सीमेंट का रहेगा 1.5 बैग रेती का रहेगा और तीन बैग आपके गिट्टी के रहेंगे इसमें भी बहुत सारे लोग गलती कर देते हैं और रेसियो को ऊपर नीचे कर देते हैं जिसकी वजह से बाद में घर का कमजोर होने की बहुत सारी संभावनाएं बढ़ जाति हैl

13 बातें जाने बिना घर का कम आप स्टार्ट मत कर लेना-

Construction workers working at construction site.

6-अगला पॉइंट है बाहर से प्लिंथ बीम जो आपकी प्लिंथ बीम में उसके अंदर आपको कम से कम  12mm के 4 सरिया का सेट रखना है अगर आप ग्राउंड फ्लोर बना रहे हैं अगर ग्राउंड प्लस वन बना रहे हैं तो 6 सरिया का सेट रखना है इसमें बहुत सारे लोग गलती कर देते हैं 8mm और 10mm का लगा देते हैं जिसकी वजह से प्लिंथ बीम बहुत कमजोर हो जाति हैl क्योंकि फाउंडेशन का मामला है आप इसको कमजोर नहीं कर सकते फाउंडेशन को कमजोर करेंगे तो पूरा घर ही कमजोर हो जाएगा तो अगर आप खाली ग्राउंड फ्लोर बना रहे हैं तो 12mm के 4 सेट डालें और अगर आप ग्राउंड प्लस 1 या 2 बना रहे हैं तो 12mm का 6 सेट डालें और साथ ही साथ 16mm के 2 का सेट जो की ऊपर नीचे रहेंगेl

7- एग्रीकल्चर लैंड में किस तरह की फूटिंग करनी चाहिए तो इसका उत्तर है पाइलिंग अगर आपकी एग्रीकल्चर वाली लैंड है तो वहां आपको नॉर्मल फुटिंग नहीं करनी है मैं आपको पीलिंग फूटिंग करने की सलाह दूंगा l

8-थिकनेस ऑफ DPC होता है आपका डैम्प प्रूफ कोर्स इसका बेसिकली काम होता है की आपके घर में सीलन जो नीचे से आई है उसको रोकने का तो थिकनेस ऑफ डीसी आपको ढाई सेमी या फिर 1 इंच रखनी है इससे ज्यादा भी रख सकते हैं बट इससे कम आपको नहीं रखना हैl

9-अगला पॉइंट है मोटाई ऑफ छत यानी जो आपका लेटर है जो छत है उसकी मोटाई कितनी होनी चाहिए तो उसकी काम से कम  125mm या फिर पांच इंच इससे ज्यादा आप कर सकते हो लेकिन इससे कम आपको मोटाई नहीं रखती है, क्योंकि इससे लेंटर बहुत कमजोर हो जाएगा और बाद में इसमें से सीपेज की प्रॉब्लम भी आ सकती है और लेटर टूट भी सकता है कमजोर होने के करण तो लेटर को कम से कम मोटाई 125mm की रखनी हैl

10- कम से कम कितने मोटा सरिया उपयोग करनी है छत में यानी जो आपकी छत है जो आपका लेटर है उसके अंदर कम से कम   कितना मोटा सरिया डाल सकते हैं तो सबसे कम जो साइज है उसके अंदर वो 8MM और खाली 8MM भी आपको नहीं डालना है 8MM और 10MM का मेन बार और 8MM में डिस्ट्रीब्यूशन बार का सेट होना चाहिए वो आपके अंदर के लिए सुरक्षित हैl ज्यादा से ज्यादा डायमीटर वाले सरिया जो आपका छत जो आपकी स्लैब है उसके अंदर सबसे ज्यादा साइज आप कितना उपयोग कर सकते है तो उसका सिंपल सा फॉर्मूला है 1 / 8 x छत की मोटाई मतलब  1/8 को आपको गुना करना है करना जो भी आपके छत की मोटाई है उससे उदाहरण 150mm  है या 5″ है उससे आप गुना कर लीजिए जो भी आता है वो आप ज्यादा से ज्यादा उपयोग कर सकते है उससे ज्यादा उपयोग करेंगे तो आपके छत के लिए आपके लेटर के लिए वो सरिया बहुत भारी हो जाएगा और आपकी लेंटर की लोड बाढ़ जाएगा तो यह भी नहीं है की आपको बहुत हैवी चीज उपयोग करनी है अपनी मकान के अंदर हर चीज को सिमित में उपयोग करना है और टेक्निकल करेक्ट होना चाहिए हर चीज तभी आपका मकान मजबूती से बना रहेगा सालों सालl

काफी लोगों के दिमाग में धारणा होती है की हम मोटे से मोटा सरिया लगाएंगे तो मकान ज्यादा मजबूत बनेगा परन्तु ऐसा नहीं होता है मकान भारी होकर भी टूट जाता है तो इस बात का आपको जरूर ध्यान रखना है जैसे आपने कहावत सुनी होगी की नमक भी ज्यादा खाओ तो वो भी शरीर के लिए हानिकारक है तो ज्यादा भी सब कुछ खराब है और कम भी खराब है बराबर होना चाहिएl

11- वेट ऑफ स्टील अगर आप जानना चाहते हैं की एक फिट सरिया के अंदर कितना किलो वजन है तो उसका सामान्य  सा सूत्र है DXD/533 जिसमें D जो है सरिया की मोटाई हैl उदाहरण 10mm का सरिया ये है तो वजन डाल के आपका सीधा आ जाएगा की एक फिट में इतना किलो सरिया का वजन हैl

12- सीढी इसके बारे में यानी चढ़ाव की हाइट कितनी हनी चाहिए तो ये होगी आपकी 6 इंच जो आपका प्लेट है जो आपकी प्लेट है उसकी लेंथ कितनी हनी चाहिए वो हनी चाहिए कम से कम 10 इंच और जो आपकी चौड़ाई है स्टेप की यानी सीडी की जो चौड़ाई है वो होनी चाहिए कम से कम 3′ अगर इससे कम रहेगा तो कुछ भी आपको ऊपर से नीचे उतारने में या सामान को या खुद ऊपर से नीचे चढ़ने में बहुत दिक्कत होने वाली है क्योंकि घर के अंदर बुजुर्ग लोग भी रहते हैं जिन्हें सीडी उपयोग करने में बहुत दिक्कत आएंगे और बाद में आप सोचेंगे की मेरा पैसा वेस्ट हो गया हैl

Senior man (80s) climbing staircase.

13- छत की उचाई यानी हमारे फ्लोर लेवल से हमारी छत की उचाई कितनी होनी चाहिए तो 11 फिट 3 इंच क्योंकि आजकल हम लोग फाल सीलिंग भी करते हैं तो उसका स्पेस भी उसमें छूट जाता है तो 11 फिट 3 इंच आपको हाइट कम से कम रखना ही हैl इससे कम करेंगे तो आपको बहुत दिक्कत आ सकती है घर में सफोकेशन भी बाढ़ जाता है हाइट अगर कम रहती है छत की तोl

घर में किचन बनाते समय रखें इन 10 बातों का ध्यान/ Kitchen Specification

घर में किचन बनाते समय रखें इन 10 बातों का ध्यान-

जी नमस्कार अगर आप अपने किचन बनवा रहे हैं तो वह 10 ऐसी बातें जो आपको ध्यान रखनी है जिससे की बाद में आपका लाखों का नुकसान ना हो कि कई बार वह घर बनाते हैं और बहुत सारी चीजें मिस कर देते हैं और वह चीजें बाद हमको बहुत नुकसान करती है क्योंकि अगर आप इसको तोड़ने पर उतर आते हैं बाद में तो उसमें पर लाखों खर्च भी आ सकता है क्योंकि दिनोदिन कंस्ट्रक्शन का रेट बढ़ते जा रहे हैं तो आपको इन बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है ताकि आपके लाखों बच सकें तो चलिए आइए शुरू करते हैं और जानते हैं किचन में ऐसा क्या कारण है कि बाद में आपको कोई समझ आता है-

वास्तु के अनुसार किचन की जगह आपके अग्निकोण में होना चाहिए-

1-वास्तु के अनुसार किचन की जगह आपके अग्निकोण में होना चाहिए,अग्नि कोण पर आपकी किचन का होना बहुत शुभ माना जाता हैl तो जरूरी यह है कि आपकी किचन दक्षिण पूर्व की तरह ही हो अब हम बात करेंगे किचन के साइज के बारे में

2-तो जो किचन का साइज है वह 8’x 10′ होना चाहिए मिनिमम साइज 6′ भी कर सकते हैं छह से सात फीट में भी आपकी अच्छी किचन निकल जाती है और अगर आपके पास जगह बहुत ही कम है तो अपने किचन को आप ओपन ही रखें दीजिये किचन घर में एक बहुत बड़ा रोल प्ले करती है तो जरूरी यह है कि किचन इस तरह बनी हो कि आप या आपके पार्टनर बिना किसी परेशानी से आराम से कुकिंग कर सकेl

3-आगे हम बात करेंगे आपके किचन का स्लाइड है उसकी हाइट आप तीन फिट रखें फ्लोर से और हाईट को आप अपने पार्टनर के अनुसार थोड़ा एडजेस्ट भी कर सकते हैंlअगर आपके पार्टनर के ही ज्यादा यानी 5′ या इनसे ज्यादा है तो आप किचन की प्लेट को 3’6″ कर सकते हैं अगर आपके पार्टनर की जो हाइट 5′  से कम है तो हाईट को 3′ ही रखेंl काफी बार लोग इस बात पर ध्यान नहीं देते हैं और बाद में उनको नुकसान सहना पड़ता है और उनके पार्टनर को कुछ भी कटिंग करते वक्त बहुत परेशानी होती है तो इस चीज का ध्यान रखना चाहिएl

4-हम बात करेंगे किचन के रैक के बारे में तो जो  किचन के नीचे वाले रैक है वह बड़े होने चाहिए और ऊपर वाले रैक छोटे होने चाहिए नीचे वाले रैक को अपने किचन के फ्लोर आपको से चार इंच हाइट पर रखना है क्योंकि आप किचन को मॉडल किचन  बनवाएंगे तो उसमें लकड़ी या फाइबर लगाएंगे तो जरूरी है कि पानी से टच ना हो और वह खराब ना हो क्योकि लकड़ी खराब हो जाती है और फाइबर भी कुछ टाइम के बाद खराब हो जाता है तो कैबिनेट को बचाकर रखें पानी से और उसके लिए आप चार इंच हाइट रखें अपने कैबिनेट की काफी लोग क्या करते हैं कि कैबिनेट की साइज से डिसाइड नहीं कर पाते हैं और उनका जो कैबिनेट है वह जमीन से टच कर होता है धीरे धीरे कैबिनेट फ्लोरो से टच कर होता है वह धीरे-धीरे पानी लगने कारण खराब होते रहते हैं तो इस चीज का आपको ध्यान रखना है कि आपका कैबिनेट है उसकी हाइट फ्लोर से 4 इंच उपर हो

5-अब हम बात करेंगे शिंक फ्लोर के बारे में की शिंक सही लगी है या नही उसके नीचे का जो फ्लोर है उसको आपको किचन फ्लोर से 2 इंच नीचे रखना है क्योंकि किचन में काफी टाइम आपका पानी में काम भी रहता है तो जरूरी है कि आपका जो पानी है किचन से अच्छे से ड्रेन हो जाए तो ड्रेनेज अच्छा रखने के लिए आपको शिंक के नीचे के फ्लोर की जो हाइट है वह किचन की कोट 2 इंच नीचे रखना है

6-अब हम बात करेंगे किचन में वेंटिलेशन के बारे में तो किचन के अंदर प्रॉपर वेंटिलेशन होना बहुत जरूरी है अगर आप अगर तीनों साइड से बंद है तो आप छत के ओपन कटेरिया से भी वेंटिलेशन निकाल सकते हैं या फिर किचन के अंदर चिमनी लगाएं और एक विंडो हो तो बहुत ही अच्छी बात है तो अगर विंडो नहीं है तो चिमनी को जरूर लगा लें किसी अच्छी कंपनी की चिमनियां आप ले सकते हैं क्योंकि देखिए किचन में अगर आप सफाई नहीं रखेंगे तो किचन में जो काम होता है उसकी वजह से चिकनाई किचन में जम जाती है पेण्ट खराब हो जाता है आपका  कैबिनेट खराब हो जाते हैं और साफ-सफाई रखनी बहुत जरूरी किचन के अंदर क्योंकि किचन एक ऐसी जगह जहां पर खाना बन रहा है तो उसका साफ रखना बहुत जरूरी हैl

7-दोस्तों तो अब हम बात करेंगे विंडो के प्लेसमेंट के बारे में जो आपके किचन में आपको विंडो लगानी है वह कहां लगानी है वो आपको पहले ही डिसाइड करना है किचन बनाते समय विंडो का ध्यान नहीं रखते हैं और बाद में उसे शिंक के ऊपर बना देते हैं विंडो को और शिंक की नल एक ही जगह हो जाती है और फिर आपको शिंक की पॉजिशन चेंज करनी पड़ जाती है तो पहले ही  डिसाइड करें तो अगर आप विंडो को शिंक के ऊपर बनानां है तो एक फिट छोड़ के रखें बीच में शिंक के नल लग सके और विंडो खुल सके और प्लंबर का काम सही से हो सकेl

8-हम बढ़ते हैं अगले पार्ट की तरफ वह है इलेक्ट्रिक स्विच वह भी आपको प्री डिसाइड करने पढेंगे कि किचन में आपको गीजर लगाना है शिंक के साथ या फिर चिमनी लगानी है एक मिक्सचर का स्विच और फिर नार्मल लाइट कि स्विच लगा रहे हैं तो मान कर चलें कि आपके दो स्विच बोर्ड और चार प्लग तो किचन में होने चाहिए और वह कहां लगाना है वह पहली डिसाइड कर लें क्योंकि बाद में  इलेक्ट्रिक काम होता है तो बहुत प्रॉब्लम होती है इलेक्ट्रिशियन आपको खुद बोलते हैं यहां पर लगने वाला और आपको चाहिए कि मुझे है लगाना है तो बहुत दिक्कत आ जाती है तो पहले डिसाइड कर लें आपको कहां स्विच लगवाना हैl

9- अगला पॉइंट की तरफ बढ़ते हैं यह किचन में टाइल लगानी या नहीं लगानी चाहिए, लगवानी चाहिए तो कहां लगाने चाहिए तो टाइल किचन की फ्लोर पर नहीं लगानी चाहिए क्योकि भारी सामान यहां पर यूज होता है और यंहा पर टाइल के ऊपर बर्तन गिर जाते हैं इस वजह से टाइल टूट जाती है तो बाद में आपको सेम टाइप टाइल नहीं मिल पाती बाद में 2 साल बाद अगर आप अलग टाइप लगाएंगे तो वह अलग ही दिखती है और मजा नहीं आता देखने में चाहे किचन कितनी ही अच्छी बनी हो तो आप मार्बल लगाए किचन में जो रेकमेंड करूंगा और जो टाइल आपको लगानी है वह कैबिनेट टॉप के ऊपर और रैक के  बीच में लगाएं और वहां पर डार्क  वाली टाइल लगवाना है जो में रेकमेंड करूंगा क्योंकि अगर डार्क टाइल लगवाते हैं तो वह जल्दी गन्दी नहीं होती है जो लाइट टाइल को लगते है वह टाइल्स पर जल्दी गंदगी चिपक जाती है तो इस बात का जरूर ध्यान रखेl

10-अगर आप किचन में फ्रीज रखने वाले हैं तो पहले ही डिसाइड कर लेंगे फ्रिज की पॉजिशन कहां होने वाली है उस हिसाब से वंहा पर आप जगह छोड़ दें प्रॉपर और वास्तु के अनुसार जो इसका पोजीशन है वह पश्चिम ही अच्छा माना जाता है तो इस बात का ध्यान रखें पहले सब कुछ फ्री डिसाइड करके रखे तो आपके लिए बहुत फायदेमंद होगाl आपको काउंटर टॉप जो है उस पर डार्क कलर ग्रेनाइट लगवाए अगर आप लगवाना चाहते हैं तो क्योकि वह जल्दी से गंदा नहीं होता और बाद में आपको रेड कलर के ग्रेनाइट से होने वाली प्रॉब्लम को झेलना नहीं पड़ेगा दोस्तों इन चीजों का ध्यान रखें आपके लाख रुपए बच सकते हैंl

घर बनाते समय ये गलतिया भूलकर भी न करे/ घर बनाते समय किन बातो का ध्यान रखना चाहिए

घर बनाते समय किन बातो का ध्यान रखना चाहिए-

घर बनाते समय ये गलतिया भूलकर भी न करे,

घर बनाते समय किन बातो का ध्यान रखना चाहिए-

जी हाँ दोस्तों  आज की आर्टिकल में मैं आपको  नया घर बनाने से पहले चीजों की जानकारी देना चाहता हु की किन बातों का ध्यान रखना चाहिए जिससे आपको बाद में पछताना ना पड़े तो आज की आर्टिकल में मैं आपको सारी डिटेल बताने वाला हूं कि घर बनाने से पहले किन बातों का ध्यान रखने से आपको बाद में पछताना न पड़ेl

इंसान का सपना होता है अपनी मेहनत की कमाई से वह घर बनाता है पर कुछ जानकारी के अभाव में उस घर में कुछ कमियां आ जाती है जिसे बाद में ठीक नहीं जा सकता जिसके बारे में बात करेंगेl

RCC- कॉलम –

कभी भी घर बनाते हैं तो वह RCC- कॉलम वाला ही बनाना चाहिए जो आजकल सारे जो घर बने हैl

कमरे का पावर बटन-

आपको ध्यान रखना चाहिए कमरे का पावर बटन गेट पर लगाना चाहिए, जिससे किआप घर में अगर कोई इंस्ट्रूमेंट या फिर कोई फैन लाइट है यह कुछ भी चालू हो तो अगर आप बाहर जा रहे दो तीन चार पांच घंटे के लिए जा रहें हैं तो आप वहां से उसे बंद कर सकते हैं तो यह जरूर ध्यान रखिए कि हमारा जो यह लगाना चाहिए

सूरज की रोशनी लाने के लिए उपाय करें-

आपको याद रखना चाहिए नए घर में सूरज की रोशनी लाने के लिए उपाय करें क्योकि यह बहुत महत्वपूर्ण है घर के अंदर ऐसी एक जगह हो जहां से बाहर की रोशनी आयेl अगर हमारे घर में सूरज की रोशनी में न आये तो हमें दिन भर लाइट जलानी पड़ेगी जिससे की बहुत ज्यादा बिजली का बिल बढ़ जाएगा और घर में रहने से घर का माहौल भी अच्छा नहीं रहता हैl अगर आपके घर में अच्छा सा नैचुरल लाइट अगर आती है तो उससे दोस्तों बहुत फायदा होता है और घर में जो में वातावरण भी अच्छा रहता है घर में खुशहाली बनी रहती है वास्तु के हिसाब से यह बात कही गई है और अब नए घर में सूरज कि रोशनी घर के अंदर लाने के लिए दूसरा उपाय खिड़की दरवाजे के ऊपर चौखट में रोशनदान जरूर लगाएl

दीमक की दवाई जरूर डालना –

नया घर बनाते समय आपको याद रखना है की दीमक की दवाई जरूर डालना कई बार घर तो अच्छा बन जाता हैl लेकिन  घर के अंदर नीचे से अगर दीमक घर में अंदर घुस जाए तो हमारे सारे फर्नीचर और नीव वह अंदर से खराब कर देंगे आपको बाहर नजर भी नहीं आएगा और जब सारा नुकसान हो जाएगा तब आपके ध्यान में आएगा तो इस बात का जरूर ध्यान रखिए जब भी आप घर बनाए तो यह दीमक की दवाई जिसको एंटर ट्रीटमेंट कहा जाता है टेक्निकल लैंग्वेज में फ्लोर के निचे जरूर डालना  है, जिससे भविष्य में आपको दीमक से परेशानियां कम होंगीl

वाटर प्रूफिंग का जरूर कराएं-

आपको याद रखना है की पानी के टैंक और आरसीसी की छत में वाटर प्रूफिंग का जरूर कराएं यदि इन दोनों में से किसी एक में पानी रिसने लगा तो बड़ी समस्या हो जाएगी और दोस्तों बाद मैं आपको बहुत ज्यादा पैसे खर्च करना पड़ेगा l

पाइपलाइन कनेक्शन चेक-

 ध्यान रखें जब भी हम घर बनाएंगे उसमें पानी के टैंक है,जैसे वह पाइपलाइन की फिटिंग हो जाने पर आपको एक बार टंकी में पानी  भर के कनेक्शन चेक कर लेना जरूरी है

अंदर वाले दरवाजा के  लॉक –

नया घर बनाते समय घर के अंदर वाले दरवाजा के  लॉक को बच्चों के पहुंच से ऊपर लगाए क्योकि घर के अंदर जो दरवाजा अंदर से बच्चे लॉक देगा तो वह छोटे बच्चे खोल नहीं पायेगा इसीलिए आपको नीचे ना रखकर ऊपर रखे तो यह बात जरूर ध्यान रखना चाहिएl

 

घर के लिए महत्वपूर्ण वास्तु टिप्स (Vastu Tips for Home)

vastu for home
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घर के लिए महत्वपूर्ण वास्तु टिप्स (Vastu Tips for Home)

हमारे जीवन में वास्तु का बहुत ही अधिक प्रभाव होता है

(Vastu has a great influence in our lives) गैरे कार्यक्षेत्र आदमी दशा-दिशा लें हमारे भाग्य और सकारात्मक सोच को बेहद गहरे तौर पर प्रभावित करती है आज इस ब्लॉग  के माध्यम से हम कुछ ऐसे छोटे और सरल इस खास वास्तु उपाय बताएंगे जिनको अपनाकर आप अपने आस-पास के वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा को न केवल बढ़ा सकते हैं बल्कि अपने हुए भाग्य को भी चढ़ा सकते हैं आइए जानते हैं यह उपाय स्तुति पहला हमें कभी भी घर की सजावट में काले रंग का प्रयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि वास्तु शास्त्र में काले रंग को अशुभ माना जाता है इससे घर का माहौल तनावपूर्ण व निराशा जनक खो जाता है दूसरा यह घर में लगा पर्दा कहीं से कट या फट जाए तो उसे तुरंत ही हटाकर नया पता लगाना चाहिए क्योंकि घर में कटे फटे पैरों के होने से दरिद्रता आती हैl

घर के सौहार्दपूर्ण वातावरण को बनाए रखने के लिए घर में सात्विक व हल्के रंग स्थानों से सजावट करनी चाहिए घर के ड्राइंगरूम में सोफासेट को हमेशा दक्षिण पश्चिम दिशा की ओर रखें TV को पश्चिम दिशा में रखें समय से पर्दों को धोना चाहिए क्योंकि इसे नकारात्मक उर्जा घर में सजावट के लिए पोस्टर खरीदते वक्त हमेशा ध्यान रखें किसी प्रकार की हिंसा यह अपराधों के चित्र नहीं रखना चाहिए क्योंकि इससे घर में अशांति अति है, परिवार की फोटो फ्रेम है तो उसे पश्चिम दिशा में लगाएं इससे परिवार के सदस्यों में मधुरता और आपसी प्रेम करता है कि पूर्व व दक्षिण दिशा की और ताजे फूल रखने से घर के सदस्यों का मन शांत एवं प्रसन्न रहता हैl

घर में पूजा घर व पूर्व दिशा की ओर बनाना चाहिए क्योंकि पूर्व दिशा अपने देवताओं का निवास होता है समान घर के फर्श में स्वास्थ्य देवी-देवता शंकर पुस्तक परिणाम तथा पशु-पक्षी की आकृति नहीं बनानी चाहिए ऐसा करने से घर के सदस्यों का स्वास्थ्य खराब हो सकता है और इससे आप मानसिक रोगी भी बन सकते हैंl कमरे में एक ही रंग होना चाहिए वास्तु के हिसाब से कमरे में अलग-अलग रंग होना अशुभ होता है कमरे की दीवार टूटी हुई नहीं होनी चाहिए उस कमरे में रहने वाले व्यक्ति पर गलत प्रभाव पड़ता है, घर के मुख्य प्रवेश द्वार में प्रतिमा रखने से घर में नकारात्मक नहीं आती अपने घर में सजावट के लिए एक मछली भी रख सकते हैं यह सिर्फ आपके घर की सुंदरता को बढ़ाते हैं वास्तु दोषों को दूर करते हैं इसलिए उसे घर में रखना बहुत शुभ माना गया हैl

घर में बच्चों या बड़ों का स्टडी रूम पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए इसे बच्चों का मन पढ़ने में अधिक लगता है और बच्चे के स्मरण शक्ति बढ़ती है, घर में कभी भी कम रोशनी नहीं रखनी चाहिए इसलिए घर में सदैव अधिक रोशनी देने वाले लाइट और बल्ब लगाने चाहिएl

घर की किचन में कभी भी काले रंग के फनी चेहरे या टाइल्स नहीं लगाने चाहिए और हमें कभी भी उत्तर दिशा की ओर नहीं सोना चाहिए इसके अलावा हम किसी भी दिशा में सो सकते हैं, घर की पूर्व दिशा में उगते हुए सूरज की तस्वीर लगानी चाहिए इससे घर में शांति रहती है पर घर को सकारात्मक उर्जा मिलती है विश्व नवविवाहित जोड़े की फोटो को सदैव घर की उत्तर दिशा या उत्तर दक्षिण की ओर में लगाना चाहिए इससे उन्हें प्रेम बढ़ता हैl

 

20’X33′ House Plan/ House Plan/ Home Plan

20'X33' House Plan

20’X33′ House Plan घर का नक्शा –

20'X33' House Plan
20’X33′ House Plan

घर के इस नक़्शे में –

  • 1- पोर्च (9’6″x6’4.5″)
  • 1- हॉल/ भोजन कक्ष (8’1.5″x16’9″)
  • 2- बैडरूम (8’x10′), (10’x10′)
  • 1- रसोई (7’x8′)
  • 1- कॉमन टॉयलेट (8’x4’4.5″)

घर का यह नक्शा दक्षिण मुखी हैl जिसकी सामने की चौड़ाई 20′ और गहराई 33′ हैl सामने में पोर्च है, पोर्च के बाद 3”6″ की गली से होते हुए सीधे हॉल में प्रवेश करते हैl  हॉल से ही दोनों बैडरूम की दरवाजा है और रसोई का और टॉयलेट का सभी का दरवाजा हॉल से ही हैl

क्या दक्षिण मुखी घर अच्छा होता है?
दक्षिणी एक्सपोज़र वाले घरों को दिन के उत्कृष्ट घंटों के दौरान धूप से लाभ होता है और अंदरूनी हिस्सों को व्यवस्थित रूप से गर्म करने में मदद मिल सकती है। यह ठंडे क्षेत्रों में विशेष रूप से फायदेमंद हो सकता है क्योंकि इससे कृत्रिम हीटिंग सिस्टम की आवश्यकता कम हो जाती है, जिससे ऊर्जा दक्षता में सुधार होता है।

दक्षिण मुखी घर की ये योजनाएँ महत्वपूर्ण पहलुओं पर विचार करती हैं जैसे कि प्रवेश द्वार, खिड़कियां और मुख्य कमरों की नियुक्ति, सभी वास्तु शास्त्र के अनुरूप हैं। सही दक्षिणमुखी घर की वास्तु योजना के साथ, आप एक ऐसा घर बना सकते हैं जो सुंदर दिखता है और आपके और आपके परिवार के लिए खुशहाली और सफलता को बढ़ावा देता है।

1. क्या दक्षिण-पश्चिम की ओर मुख वाले घर में पर्याप्त रोशनी आती है?

उत्तर: दक्षिण-पश्चिम मुखी घर की योजना में पूरे दिन पर्याप्त धूप मिल सकती है। चूँकि सूर्य पूर्व से उगता है और पश्चिम में अस्त होता है, इसलिए दक्षिणमुखी घर में दोपहर के समय अधिकतम सूर्य की रोशनी होती है।  

20'X33' House Plan
20’X33′ House Plan

In this Plan of the house –
1- Porch (9’6″x6’4.5″)
1- Hall/Dining Room (8’1.5″x16’9″)
2- Bedroom (8’x10′), (10’x10′)
1- Kitchen (7’x8′)
1- Common Toilet (8’x4’4.5″)

This Plan of the house is south facing. Its front width is 20′ and depth is 33′. There is a porch in the front, after the porch one enters the hall directly through a 3”6″ lane. There are doors to both the bedrooms from the hall itself. And all the doors of kitchen and toilet are from the hall.

Is a south facing house good?
Homes with southern exposure benefit from sunlight during excellent hours of the day and can help systematically heat interiors. This can be particularly beneficial in cold regions as it reduces the need for artificial heating systems, thereby improving energy efficiency.

These south facing house plans consider important aspects such as the placement of entrances, windows and main rooms, all in line with Vastu Shastra. With the right south facing home Vaastu plan, you can create a home that looks beautiful and promotes prosperity and success for you and your family.

1. Does a south-west facing house get enough light?

Answer: A south-west facing house plan can get adequate sunlight throughout the day. Since the sun rises in the east and sets in the west, a south-facing house receives maximum sunlight during the afternoon.

30’X58′ House Plan / House Plan

30'X58' House Plan

30’X58′ House Plan घर का नक्शा –

30'X58' House Plan
30’X58′ House Plan

घर के इस नक़्शे में –

  • 1- पार्किंग (14’4.5″x20′)
  • 1- बैठक (13’9″x14’4.5″)
  • 1- भोजन कक्ष (14’1.5″x12’4.5″)
  • 2- बैडरूम (14’x15′), (14’1.5″x13′)
  • 1-  रसोई (8’x10′)
  • 1- स्टोर (6’x10′)

घर का यह नक्शा दक्षिण मुखी है जिसकी चौड़ाई 30′ और गहराई 58′ हैl इसमें सबसे पहले पार्किंग आती है पार्किंग के बाद फिर बैठक रूम पार्किंग के बाजु में सीडी और गार्डन  एरिया के लिए जगह छूटा हुआ हैl बैठक रूम के बाद फिर भोजन कक्ष है जंहा से दोनों बैडरूम और रसोई के लिए दरवाजा है स्टोर रूम और कॉमन टॉइलेट का दरवाजा भी भोजन कक्षा से हैl पीछे तरफ का रूम अटैच्ड हैl

क्या पश्चिम मुखी द्वार वास्तु के लिए अच्छा होता  है या नहीं ?
वास्तु में, घर की दिशा उसकी समग्र ऊर्जा और उसमें रहने वालों पर प्रभाव को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जबकि प्रत्येक दृष्टिकोण का महत्व है, वास्तु शास्त्र के अनुसार, पश्चिम मुखी घर को अक्सर एक उत्कृष्ट विकल्प माना जाता है ।

पश्चिम मुखी घर में क्या क्या नुकसान हो सकता है?

ठंड के दी दिनों में पश्चिम मुखी कमरों को गर्म करने में अधिक खर्च हो सकता है । आपके घर के सामने के कमरे-अर्थात् वास्तु परंपरा के अनुसार शयनकक्ष, बैठक कक्ष और स्नानघर-सुबह और दोपहर के कुछ समय में प्राकृतिक रोशनी से वंचित रहेंगे।

30'X58' House Plan
30’X58′ House Plan

In this Plan of the house –
1- Parking (14’4.5″x20′)
1- Living Room (13’9″x14’4.5″)
1- Dining Room (14’1.5″x12’4.5″)
2- Bedroom (14’x15′), (14’1.5″x13′)
1- Kitchen (8’x10′)
1- Store (6’x10′)

This plan of the house is south facing, width is 30′ and depth is 58′. First of all, there is parking. After parking, then living room. There is space left for CD and garden area next to the parking. After living room, then there is dining room. There is a door to both the bedrooms and kitchen, the door to the store room and common toilet is also from the dining room. The room at the back is attached.

Is west facing door good for Vaastu or not?
In Vastu, the direction of a house plays an important role in determining its overall energy and effect on its occupants. While each viewpoint has its importance, according to Vastu Shastra, a west facing home is often considered an excellent choice.

What are the disadvantages of a west facing house?

It may cost more to heat west-facing rooms during cold winter days. The front rooms of your house—that is, the bedroom, living room, and bathroom as per Vastu tradition—will be deprived of natural light during parts of the morning and afternoon.

 

35’x76’House Plan / House Plan

35'x76'House Plan

35’x76’House Plan घर के नक्शा –

35'x50'House Plan
35’x76’House Plan

घर के इस नक़्शे में – 

  • पार्किंग (17’x14′)
  • 1- काम्प्लेक्स (16’x4′)
  • खुला एरिया (28’x10′)
  • 1- बैठक (12’x12′)
  • 2- बैडरूम अटैच्ड (12’x16)
  • 1- बैडरूम (12’x12′)
  • 1- हॉल (16’x23’6″)
  • 1- भोजन कक्षा (12’x12′)
  • 1- रसोई (9’x14′)
  • 1- स्टोर (6’x7’1.5″)

घर का यह नक्शा पश्चिम मुखी है जिसकी चौड़ाई 35′ और गहराई 76′ हैl जिसमे सबसे पहले काम्प्लेक्स है, और बाजु में  पार्किंग हैl उसके बाद अंदर की तरफ खुला एरिया है और उसी में सीडी बना हुआ है निचे में कॉमन टॉयलेट हैl ओपन एरिया के बाद बैठक रूम हैl बैठक रूम के बाद हॉल है, हॉल से ही तीनो बैडरूम और भोजन कक्ष की दरवाजा हैl फिर भोजन कक्ष में जाने के बाद रसोई का दरवाजा हैl इसके बाद रसोई से वाश एरिया और स्टोर रूम का दरवाजा हैl पीछे तरफ और जगह है जिसके लिए पीछे जाने के लिए भी दरवाजा दिया गया हैl

क्या पश्चिम मुखी वास्तु के लिए अच्छा है?

वास्तु में, घर की दिशा उसकी समग्र ऊर्जा और उसमें रहने वालों पर प्रभाव को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जबकि प्रत्येक दृष्टिकोण का महत्व है, वास्तु शास्त्र के अनुसार, पश्चिम मुखी घर को अक्सर एक उत्कृष्ट विकल्प माना जाता है 
35'x50'House Plan
35’x50’House Plan

In this Plan of the house –
Parking (17’x14′)
1- Complex (16’x4′)
Open Area (28’x10′)
1- Living Room (12’x12′)
2- Bedroom Attached (12’x16)
1- Bedroom (12’x12′)
1- Hall (16’x23’6″)
1- Dining Class (12’x12′)
1- Kitchen (9’x14′)
1- Store (6’x7’1.5″)

This plan of the house is west facing, whose width is 35′ and depth is 76′. First of all, there is the complex, and there is parking on the side. After that, there is an open area inside and there is a CD built in it. There is a common toilet below the open area. After the living room, there is the hall. From the hall, there is a door to the three bedrooms and the dining room. Then after going to the dining room, there is a door to the kitchen. After this, from the kitchen, there is a door to the wash area and store room. There is more space at the back. For which a door has also been provided to go back

Is west facing good for Vaastu?

In Vastu, the direction of a house plays an important role in determining its overall energy and effect on its occupants. While each viewpoint has its importance, as per Vastu Shastra, a west facing house is often considered an excellent choice

29’6″x54’10″House Plan-ghar ka naksha

29'6"x54'10" House Plan

29'6"x54'10" House Plan
29’6″x54’10” House Plan

29’6″x54’10” घर के इस प्लान में –

  • 1- बैठक रूम (9’2″x11’2″)
  • 1- पूजा (4’8″x4’6″)
  • 1- रसोई (8’4″x10’6″)
  • 1- स्टोर (8’4″x5’4″)
  • 1- हॉल (10’7″x16′)
  • 1- भोजन कक्षा (9’3″x12′)
  • 2- बैडरूम अटैच्ड  (10’7″x11′)
  • 1- बैडरूम (10’3″x10’8″)

यह नक्शा पश्चिम मुखी हैl जिसकी सामने की चौड़ाई 29’6″ और गहराई 54’10” हैl जिसमे सामने पार्किंग और गार्डनिंग के लिए खुला जगह हैl इस घर में सबसे पहले बैठक रूम है इसके बाद हॉल हैl हॉल के दरवाजा के सामने एक छोटा सा पूजा रूम हैl फिर अंदर की तरफ जाने से दोनों बैडरूम की दरवाजा है और भोजन कक्ष भी है, जंहा से रसोई के लिए प्रवेश द्वार हैl

क्या पश्चिम दिशा का मुख वास्तु के लिए अच्छा है?
वास्तु में, घर की दिशा उसकी समग्र ऊर्जा और उसमें रहने वालों पर प्रभाव को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जबकि प्रत्येक दृष्टिकोण का महत्व है, वास्तु शास्त्र के अनुसार, पश्चिम मुखी घर को अक्सर एक उत्कृष्ट विकल्प माना जाता है

29'6"x54'10" House Plan
29’6″x54’10” House Plan

In this 29’6″x54’10” house plan –
1- Living Room (9’2″x11’2″)
1- Pooja (4’8″x4’6″)
1- Kitchen (8’4″x10’6″)
1- Store (8’4″x5’4″)
1- Hall (10’7″x16′)
1- Dining Class (9’3″x12′)
2- Bedroom Attached (10’7″x11′)
1- Bedroom (10’3″x10’8″)

This Plan is west facing. Its front width is 29’6″ and depth is 54’10”. In which there is open space in front for parking and gardening. The first thing in this house is the living room, followed by the hall. There is a small space in front of the door of the hall. There is a puja room. Then going inside, there are doors to both the bedrooms and also the dining room, from where there is an entrance to the kitchen.

Is west direction good for Vaastu?
In Vastu, the direction of a house plays an important role in determining its overall energy and effect on its occupants. While each approach has its importance, according to Vastu Shastra, a west facing home is often considered an excellent choice.

15’x30′ House Plan -House Plan-

15'x30' House Plan

15’x30′ House Plan- 15’x30′ घर का नक्शा –

15'x30' House Plan
15’x30′ House Plan

15’x30′ House Planइस घर के नक़्शे में –

  • 1- बैठक (13’6″x9′)
  • 1- रसोई (10’x5′)
  • 1- बैडरूम (10’x9′)
  • 1- टॉयलेट- बाथरूम (3’6″x7′)

यह घर का नक्शा 15’x30′ में बना हुआ है, जिसमे सामने की चौड़ाई 15′ और गहराई 30′ की हैl सामने पार्किंग और सीडी के लिए 6′ का जगह छोड़ा हुआ हैl फिर पार्किंग के बाद हॉल में प्रवेश करते है हॉल के बाद किचन बना हुआ हैl और किचन के बाद फिर बैडरूम बनाया गया है और बाजु में ही टॉयलेट- बाथरूम बनाया गया है इस तरिके से यह घर का नक्शा बनाया गया हैl

15'x30' House Plan
15’x30′ House Plan

In the Plan of this house –
1- Living Room (13’6″x9′)
1- Kitchen (10’x5′)
1- Bedroom (10’x9′)
1- Toilet- Bathroom (3’6″x7′)

 

This house plan is made in 15’x30′, in which the front width is 15′ and depth is 30′.space is left in front for parking and CD. Then after parking, enter the hall. After the hall The kitchen has been built and after the kitchen, a bedroom has been built and toilet and bathroom have been built next to it. This is how the plan of the house has been made.