(BUILDING A HOUSE) घर बना रहे है तो इसके लिए निर्माण लागत औसत लागत लगभग 1,500 रुपये प्रति वर्ग फीट आती है. महंगे मटेरियल के साथ माडर्न घरों के लिए यह करीब 2,000 रुपये प्रति वर्ग फीट खर्च बैठती है।
विभिन्न प्रकार के रिपोर्टों से पता चला है कि अधिकतर लोग प्लॉट लेकर घर बनवाना पसंद करते हैं. रिसर्रेच से पता चला है कि रेसिडेंशियल प्लॉट की डिमांड बहुत बढ़ी है. यह बिल्कुल ठीक है कि आज के समय में प्लॉट खरीदना आसान है। लेकिन, इस पर घर बनवाना आसान नहीं है. सबसे बड़ी चुनौती निर्माण लागत को कम से कम करने की है।अगर समझदारी से कंस्ट्रक्शन कराया जाए तो काफी अधिक बचत की जा सकती है
आर्किटेक्ट और ठेकेदार भी इस बात के लिए सहमति जताते हैं कि छोटी-छोटी कार्य को सही तरीके से करके निर्माण लागत में 12%-15% की बचत की जा सकती है या फिर कारपेट एरिया को 15% तक बढ़ाया जा सकता है।
सवाल यह उठता है कि आप निर्माण लागत में कितनी बचत कर सकते हैं? यह निर्माण के लिए उपलब्ध जगह पर निर्भर करता है. वैसे तो कंस्ट्रक्शन कॉस्ट अलग-अलग जगह में अलग-अलग हो सकती है। परंतु, घर बनाने में औसत लागत लगभग 1,500 रुपये प्रति वर्ग फीट आती है महंगे साजो-सामान के साथ मॉडर्न घरों के लिए यह करीब 2,000 रुपये प्रति वर्ग फीट खर्च बैठती है। वहीं पर,अगर बहुत ही बुनियादी चीजों से काम चला सकते हैं तो यह लागत 1,200 रुपये प्रति वर्ग फीट तक आ सकती है।
इस तरीके से अगर आप 2,000 वर्ग फीट में घर बनवाने की सोच रहे हैं तो कंस्ट्रक्शन का बजट लगभग 30 लाख रुपये तक आ सकती है। इसमें 12%-15% की बचत मतलब है कि 3.6 लाख रुपये से 4.5 लाख रुपये आपके हाथ में रहेंगे। ऐसे में निर्माण लागत को कम करने के लिए कुछ आसान से टिप्स दिए गए है। आइए, यहां देखते हैं-
घर बना रहे हैंतो फ्लाई-ऐश ईंट या ब्लाक का उपयोग करें:-
घर बना रहे है तो आप मिट्टी के ईंट के स्थान पर आप फ्लाई-ऐश ईंट का भी उपयोग कर सकते है। यह आपको 7 से 10 रुपये में उपलब्ध हो जाएगी जबकि मिट्टी के ईंट के लिए 10 से 12 रुपये प्रति ईंट खर्च करने पड़ सकते है। फ्लाई-ऐश ईंट या ब्लाक से बनी दीवार पे मोटा प्लास्टर करने की भी आवश्यकता नहीं पढ़ती है। इससे लेबर का खर्च भी बचता है। साथ ही मटेरियल भी कम लगती है। आप इससे बनने दिवार पर आप पुट्टी लगवाकर पेंट भी करवा सकते हैं। इससे मटेरियल और लेबर दोनों का खर्च कम लगता है। यह निर्माण लगात घटाने में सहायता करता है।
1.घर बना रहे हैंतो सही प्लॉट का करे चुनाव :-
(BUILDING A HOUSE) घर बना रहे है तो आपको ऐसा प्लॉट खरीदने की कोशिश करनी चाहिए जो समतल और सड़क के लेवल पर हो.अगर प्लॉट ऊबड़-खाबड़ या पथरीला है तो इसमें अलग से खर्च बढ़ जाएगी प्लॉट को बराबर कराने में अलग से मटेरियल खर्च होगा जो इसकी कंस्ट्रक्शन लागत को और बढ़ाएंगे।
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घर बना रहे हैंतोअच्छा आर्किटेक्टऔर ठेकेदार से सलाह ले :-
घर बना रहे है तो अच्छे आर्किटेक्ट की सेवाएं लेने में पैसा भी अधिक लगता है. लेकिन, कंस्ट्रक्शन लागत में आपको काफी बचत होती है। अच्छे आर्किटेक्ट उपलब्ध जगह का बेहतर से बेहतर इस्तेमाल करते हैं. इससे निर्माण लगत में बचत होती है. इसी तरह घर का पूरा काम खत्म करके चाबी पकड़ाने वाले ठेकदार अमूमन कंस्ट्रक्शन कॉस्ट का लगभग 10 फीसदी चार्ज करते हैं।
क्या कंस्ट्रक्शन की जिम्मेदारी खुद लेकर आपको यह खर्च बचाना चाहिए? अगर आपके पास समय है तो आप ऐसा कर सकते हैं। लेकिन, इस बात को भी याद रखें कि पूरा 10 फीसदी खर्च नहीं बचा सकते है क्योंकि आपको जबरदस्ती एक सब-कॉन्ट्रैक्टर रखना पड़ेगा और यदि यह काम आप खुद करने की योजना बना रहे हैं तो डिजाइन को सिंपल रखें।
BUILDING A HOUSE स्टैंडर्ड डिजाइन के साथ जाएं
आपके दिमाग में किसी बहुत खूबसूरत घर का ख्याल हो सकता है लेकिन, इसे बनवाने में लागत भी बहुत आएगा। अच्छा यही रहेगा कि आप आमतौर पर उपयोग होने वाले सामान्य स्ट्रक्चर के साथ ही बनाये यह मजबूत होता है और वजन भी झेल पाता है. चमक-धमक वाले स्ट्रक्चर आंखों को अच्छा दीखता हैं. लेकिन, इनमें मजबूती बहुत ही कम होती है।
BUILDING A HOUSE बड़े पैमाने पर स्थानीय जगह से खरीदारी करे:-
BUILDING A HOUSE घर बनाने के लिए लागत घटाने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि कच्चे माल की खरीददारी स्थानीय स्तर पर की जाए। चाहे वह सीमेंट, ईंट हों या दरवाजे, पल्ले और खिड़कियां. एक जगह से खरीदने पर सस्ता तो पढ़ता है लेकिन, यह देख लेना चाहिए कि इन्हें स्टोर करने का पर्याप्त इंतजाम है या नहीं है।
घर बना रहे हैं तो उम्र से जुड़ी हुई लागत का ध्यान रखें :-
कम लागत में (BUILDING A HOUSE) घर बना रहे है इसका उद्देश्य ये नहीं है कि उसकी गुढ़वता के साथ समझौता किया जाए। घर बनवाने में सिर्फ शुरुआती लागत का नहीं, बल्कि पूरी समय इस पर आने वाले खर्च को ध्यान में रखने की जरूरत है। यह करीब 30-50 साल की होती है। आर्किटेक्ट की मदद से ऐसा मटीरियल का चुनाव करे जो लंबे समय तक चल सके। साथ ही साथ वह बहुत महंगा भी ना हो, यह आपको आने वाले भविष्य में रिपेयर या रिप्लेसमेंट की लागत को घटाने में मदद करेगा।