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वास्तु टिप्स :- कौन से महीनों में घर बनाना शुभ होता है । NEW HOUSE (1नया घर) बना रहे हो तो ये जरुर पढ़े-

कौन से महीनों में घर बनाना शुभ होता है नया घर (NEW HOUSE)

अपना खुद का एक नया घर (NEW HOUSE) बनाकर उसमें सुखी-सुखी अपने परिवार के साथ जीवन यापन करना प्रत्येक व्यक्ति का एक सपना होता है। परन्तु कई बार अपनी इच्छा के अनुसार से घर बना तो लेते है लेकिन उसके जब उस घर में रहने लगते है तो बाद में लोग उसमें सुकून की जिंदगी नहीं बीता पाते। कभी किसी की स्वास्थ्य ठीक नहीं रहती तो उसको लेकर परेशानियां। तो कभी घर में कलह-क्लेश की स्थिति बनी रहती है। परन्तु आप जानते हैं ऐसा क्यों होता है?

नया घर (NEW HOUSE) बनाने से पहले जाने क्या कहता है शास्त्र-

नया घर (NEW HOUSE) बनाने से पहले जाने क्या कहता है शास्त्र
नया घर (NEW HOUSE) बनाने से पहले जाने क्या कहता है शास्त्र

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर माना जाये तो घर निर्माण के लिए कुछ महीनों को शुभ वहीं कुछ महीनों को गृहारंभ के लिए अशुभ भी माना गया है। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति भूलवश वर्जित महीना में अपने घर का निर्माण कार्य शुरू करता है तो उस नया घर ( NEW HOUSE ) में कभी बरकत नहीं रहती है। तो आइए हम आपको इस पोस्ट में जानकारी देंगे कि किन महीनों में नया घर का निर्माण करना शुभ रहेगा और किन महीनों में अशुभ रहेगा।

हिंदू धर्म के अनुसार पुरे वर्ष भर के 12 महीनों में से 5 ही महीनों को नया घर का निर्माण शुरू करने के लिए शुभ माना गया है और बाकी शेष 5 महीने को अशुभ माना गया है। हिंदी पंचांग में महीनों का जो नाम है वे इस प्रकार है – वैशाख, श्रावण, कार्तिक, मार्गशीर्ष और फाल्गुन। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इन सभी महीनों में नया घर का निर्माण शुरू करने से घर में सभी तरह का सुख आता है।

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अगर बात करें वैशाख महीने की तो ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस महीने में नया घर का निर्माण शुरू करने से धन-धान्य, पुत्र व आरोग्य की प्राप्ति होती है। वहीं अगर बात करें श्रावण महीने की तो ज्योतिष शास्त्र दृष्टि के अनुसार इस महीने में नया घर का निर्माण शुरू करने पर पशु, धन व मित्रों में बढ़ोत्तरी करने वाला माना गया है।

कार्तिक महीने में गृहारंभ कर रहे है तो पुत्र, स्वास्थ्य व धन की प्राप्ति होती है। जबकि मार्गशीर्ष मास में नये घर का निर्माण करने से अच्छे भोजन व धन की प्राप्ति होती है तथा फाल्गुन मास में नये घर का निर्माण करने से धन और सुख की प्राप्ति के साथ-साथ वंश को भी बढ़ाने वाला कहा गया है।

जानकारी के लिए बता दें कि कई धार्मिक ग्रन्थों में नए घर का निर्माण के लिए आषाढ़ के महीने को भी शुभ माना गया है। परन्तु इस महीने में न्या गृहआरम्भ करना पशुओं का विनाश करने वाला होता है।

अब जानते है कि नया घर (NEW HOUSE) किस महीने में निर्माण करना शुभ नहीं माना जाता-

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिस महीने को नया घर बनाने के लिए अशुभ माना गया है वो महीने के नाम हिन्दू पंचांग में इस प्रकार है – ज्येष्ठ,चैत्र,भाद्रपद, आश्विन, पौष और माघ मास में नया घर निर्माण की मनाही की गई है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चैत्र महीने में नया घर निर्माण करने से रोग और शोक की प्राप्ति होने की संभावना रहती है। ज्येष्ठ मास में नया घर बनाना परेशानी व मृत्यु कारक होता है। भाद्रमास में गृहारंभ करने से मित्रों में कमी, दरिद्रता व विनाश की आशंका होती है। आश्विन मास में नया घर बनाना परिवार में कलह व पत्नी का नाश करने वाला होता है। पौष महीने में चोरों का भय व माघ महीने में नया घर बनाना अग्नि का भय बढ़ाने वाला है। ऐसे में इन महीनों में नया घर बनाने के लिए हमेशा बचना चाहिए।

नया घर
नया घर का वास्तु टिप्स

नया घर (NEW HOUSE) बनाते समय की कुछ और महत्वपूर्ण जानकारी –

नए घर निर्माण का पहला चरण नींव खोदना होता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस नींव में यदि धातु का एक सर्प और कलश रख दिया जाये तो यह शुभ होता है. ऐसा माना जाता है कि शेषनाग इस घर की रक्षा करते हैं. ज्योतिष शास्त्र नींव में चांदी का नाग बनाकर रखा जाता है और वहीं पर कलश को क्षीरसागर का प्रतीक माना जाता है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार चौकोन मकान और आयताकार मकान उत्तम माना जाता है।यदि प्लॉट वर्गाकार हो,तो उसमें आगे की जगह छोड़ते हुए पीछे की तरफ मकान बनाना चाहिए। यदि यह आयताकार हो, तो उसमें घर आगे ही बनाना चाहिए। आयताकार मकान की चौड़ाई की उसकी 2 गुनी लम्बाई से अधिक लंबाई नहीं होनी चाहिए। घर के पीछे पहाड़ी, बड़ा पेड़ का होना उत्तम माना जाता है.

घर के लिए महत्वपूर्ण वास्तु टिप्स- https://nkconstruction95.com/vastu-tips-for-home/

कम पैसे में घर बनाने के लिए आईडिया- https://nkconstruction95.com/build-your-house-on-a-small-budget/

महतारी वंदना योजना (Mahtari Vandna Yojna) का लाभ,अब महिलाओं को हर महीने मिलेंगे 1,000 रुपए

महतारी वंदन योजना – छत्तीसगढ़ राज्य मे भी अब महिलाओ को आर्थिक मजबूती प्रदान करने के लिए एक योजना की शुरुआत की जा रही है जिसका नाम महतारी वंदन योजना है। जानकारी के लिए बता दे की इस योजना के अंतर्गत लाभार्थी महिलाओ को प्रत्येक महीने 1 हजार रुपए की राशि प्रदान की जाएगी। अतः इस योजना के अंतर्गत समस्त लाभार्थी महिलाओ के लिए सूची जारी कर दी गई है।

mahtari vandana yojna

आखिर कब आएगी महतारी वंदना योजना Mahtari Vandna Yojna की पहली किस्त

महतारी वंदन योजना के लिए आवेदन भरने की तिथि 5 फरवरी से 20 फरवरी तक रखी गई थी तथा 29 फरवरी तक आपत्तियों का निराकरण भी किया गया है। और इसकी सूची भी जारी कर दी है, ऐसे में इस योजना का पहला चरण समाप्त हो जाने के बाद आवेदक महिलाओं को पहली किस्त जारी होने की इंतजार है। मिली जानकारी के अनुसार बता दे 10 मार्च को इस योजना का पहली किस्त जारी की जाएगी।

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Mahtari Vandna Yojna महतारी वंदना योजना के लिए क्या पात्रता है –

इस योजना के अंतर्गत दिए गए आवश्यक पात्रता को पूरा नही होने पर आवेदक महिलाओं के आवेदन अस्वीकृत कर दिए गए हैं और उन्हें लाभार्थी सूची में भी शामिल नहीं किया गया है।

1-इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक महिला को छत्तीसगढ़ की मूल निवासी होना आवश्यक है, और शादीशुदा महिलाये ही योजना का लाभ ले पाएंगे।

2- इस योजना के अंतर्गत तलाकशुदा, विधवा, और परित्यक्ता के अंतर्गत आने वाली महिलाओं का भी आवेदन शामिल किया गया है।

3-लाभार्थी महिला के पास गरीबी रेखा से नीचे का जीवन यापन करने का प्रमाण पत्र या राशन कार्ड होना चाहिए।

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PM Surya Ghar Yojana: फ्री में बिजली स्कीम के लिए अब रजिस्‍ट्रेशन शुरू, जानें किसको, कैसे और कहां मिलेगा 30-40 हजार रूपए का लाभ

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पीएम सूर्य घर (PM Surya Ghar Yojana)फ्री बिजली योजना के लिए कर रहे हैं आवेदन, पोस्ट ऑफिस में भी जा कर रहे हैं रजिस्ट्रेशन,आवेदक को मिलेगी 78000 रुपये की सब्सिडी। भारत सरकार ने जैसा कि पहले घोषित किया था, प्रधानमंत्री सूर्य घर फ्री बिजली योजना के तहत 1 करोड़ परिवारों को फायदा दिया जाएगा।

आपकी जानकारी के लिए बता दे की सोलर पैनल इंस्टॉल हो जाने के बाद इस योजना के तहत मिलने वाली सब्सिडी आपको दी जाएगी। तो आप भी आवेदन करवा कर इस योजना का लाभ ले सकते हैं।

इस योजना के तहत सब्सिडी (PM Surya Ghar Yojana Subsidy) तब प्रदान की जाएगी, जब आपके घर के छत पर सोलर पैनल स्‍टॉल कर दिया जाएगा.

आज के इस आर्टिकल में जानते हैं की आप कैसे इस योजना का लाभ उठा सकते हैं?

प्रधानमंत्री फ्री बिजली स्‍कीम का रजिस्‍ट्रेशन (PM Free Bijli Scheme Registration) शुरू हो चुका हैl

PM सूर्य घर मुफ्त बिजली स्कीम(PM Surya Ghar Yojana Subsidy) एक सरकारी स्कीम है जिसका मुख्य उद्देश्य भारत देश के घरों को मुफ्त में बिजली प्रदान करना है। यह स्कीम 15 फरवरी, 2024 को देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई थी।इस योजना के तहत,हर परिवारों को अपनी घर की छतों पर सौर पैनल स्थापित करने के लिए सब्सिडी प्रदान की जाएगी। सब्सिडी सौर पैनलों की लागत का लगभग 40% तक कवर करेगी। यह योजना से पूरे भारत में लगभग 1 करोड़ परिवारों को लाभ होने की उम्मीद है। अनुमान यह लगाया जा रहा है कि इस योजना से सरकार को लगभग 75,000 करोड़ रु. रुपये की प्रति वर्ष बचत होगी।

PM Surya Ghar Yojana

शहरी और स्थानीय निकायों तथा ग्राम पंचायतों द्वारा रूफटॉप सौर उर्जा प्रणाली को बढ़ावा दिया जाएगा। उनसे सभी से अनुरोध है कि वे अपने प्रभाव क्षेत्र में सभी को इस योजना के बारे में सूचित करें। पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत एक करोड़ परिवारों को फ्री में बिजली प्रदान करेगी।

पीएम सूर्य घर(PM Surya Ghar Yojana)फ्री बिजली स्कीम 2024 के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करें?

1-पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की आधिकारिक वेबसाइट pmsuryagarh.gov.in
2-अब इसमें मुख्य पृष्ठ पर रजिस्टर विकल्प पर क्लिक करें।
3-आवश्यक चयन करें और आवश्यक जानकारी दर्ज करें।
4-इसके बाद लॉग इन करने के लिए अपना उपभोक्ता नंबर और मोबाइल नंबर दर्ज करें।
5-इसके बाद फिर, “लागू करें” विकल्प चुनें।
6-आवेदकों को अब व्यवहार्यता पर आपके अनुमोदन की प्रतीक्षा करनी होगी।
7-फिर डिस्कॉम में प्लांट लगाने के लिए रजिस्ट्रेशन कराएं।
8-अब नेट मीटर के लिए आवेदन करें और प्लांट डेटा प्रदान करें।
9-इसके बाद फिर बैंक खाते की जानकारी जमा करने के 30 दिन के अंदर आपको सब्सिडी मिल जाएगी.

PM Surya Ghar Yojanaऑफलाइन रजिस्ट्रेशन कैसे करें –

अगर आपको ऑनलाइन प्रक्रिया समझ में नहीं आती है तो आप ऑफलाइन भी इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए अपने नजदीकी डाक घर में जाकर आवेदन करना होगा। इसके साथ ही वहां पर जाकर इससे जुड़ी सब्सिडी की भी पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते है। मिल जानकारी के अनुसार कर्नाटक के पोस्ट ऑफिस में प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत आवेदन शुरू भी की जा चुकी है। तो अगर आप भी ऑफलाइन आवेदन करना चाहते हैं तो आप भी नजदीकी डाकघर में जाकर अपना नाम आवेदन करवा सकते हैं।

PM सूर्य घर फ्री बिजली योजना 2024 के लिए जरुरी दस्तावेज-

1.आवेदकों को निवास प्रमाण पत्र।
2.बिजली का बिल
3.बैंक पासबुक
4.आधार कार्ड।
5.आय प्रमाण पत्र.
6.राशन कार्ड
7.पासपोर्ट साइज फोटो.

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 पात्रता-

1.भारतीय नागरिक होना चाहिए।
2.सोलर इंस्टालेशन के लिए जगह जरूरी है.
3.व्यक्ति की आयु 21 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। 4.वार्षिक वेतन 1.5 लाख रुपये से अधिक नहीं हो सकता।
5.आवेदक के पास सही कागजी कार्रवाई होनी चाहिए।
6.बैंक खाते को अपने आधार कार्ड नंबर से जोड़ना होगा।

PM सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के लाभ-

1-आवेदकों को प्रति माह 300 यूनिट तक फ्री में बिजली प्रदान की जाएगी।
2-शहरवासियों को अब महंगी बिजली बिल भरनी नहीं पड़ेगा।
3-सरकार उन लोगों की मदद के लिए नए विद्युत कनेक्शन भी लगाएगी जिनके पास अपने घरों को रोशन करने के लिए बिजली नहीं है।

घर की छत से पानी टपकती है तो उसकी मरम्मत के लिए क्या करें?-

घर को सीलन से कैसे बचाए

घर छत के रिसाव के कारणों की पहचान करने से लेकर घर के छत के रिसाव को रोकने के लिए विभिन्न तरीकों की जानकारी देने के लिए यह ब्लॉग आपकी छत को अच्छी स्थिति में रखने और आपके घर की छत को पानी से होने वाले नुकसान से बचाने और छत से पानी लीक होने वाली समस्या की मरम्मत करने में मदद करने के लिए सूचित करता है।

घर की टपकती छत आपके लिए एक बुरा सपना हो सकती है। इससे ना केवल आपको और आपके घरवालों को असुविधा होती है, बल्कि अगर इसे नजरअंदाज कर दिया गया तो यह आपके घर को गंभीर नुकसान भी पहुंचा सकता है। इसे तुरंत मरम्मत न की जाए तो पानी के कारण आपके घर की छत को काफी बड़ा नुक्सान होगा तथा फफूंदी का विकास और संरचनात्मक समस्याएं भी हो सकती हैं।


इस ब्लॉग में छत से रिसाव क्या है, इससे होने वाले संभावित नुकसान और छत से रिसाव की मरम्मत कैसे करें। चाहे आप खुद मरम्मत करना चाहते हो या फिर किसी जानकार से करवाना चाहते हों तो, यह आईडिया आपको टपकती छत से निपटने और अपने घर को भविष्य में होने वाले नुकसान से बचाने के लिए आवश्यक जानकारी और उपायो के बारें में जानकारी प्रदान करेगी।

घर की छत से पानी रिसाव के क्या कारण हो सकता हैं?

1) घर की छतो में दरारें पड़ना

घर की छत में दरारें छत के रिसाव का एक सामान्य सा कारण है। ये दरारें विभिन्न कारणों से हो सकती हैं, जैसे उम्र, मौसम या खराब निर्माण। समय के साथ-साथ, धूप, हवा और बारिश के संपर्क में आने से भी छत खराब हो सकती है और उसमें दरार आ सकती है।

इसके अतिरिक्त, घर की छत बनाते समय, छत को सही ढंग से निर्माण नहीं किए जाने के कारन अपेक्षा से पहले दरारें आ सकती हैं । पानी इन् दरारों के जरिए छत की संरचना में घुस जाते हैं, जिससे छत में रिसाव और फफूंदी का विकास हो सकता है। यदि यह बातो को ध्यान न दिया जाए, तो छोटी दरारें बड़ी दरारों में बदल सकती हैं, जिससे और भी बड़ी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। नियमित छत निरीक्षण से दरारों की शीघ्र पहचान करने और छत या छत से रिसाव की उचित मरम्मत करने में मदद मिल सकती है।

घर की छतो में दरारें पड़ना

2) घर की छत का ढलान सही तरीके से न होना

घर की छतो का ढलान सही ना होना भी रिसाव का कारण बन सकता है। छत का ढलान आवश्यक है क्योंकि यह सुनिश्चित करता है कि बारिश का पानी और पिघली हुई बर्फ छत की सतह से दूर नाली या जल निकासी प्रणाली में बह जाए।

यदि छत की ढलान सही नहीं हैं या समतल है, तो पानी छत की सतह पर जमा हो सकता है, जिससे रिसाव और पानी के कारण आपके छत को काफी नुक्सान हो सकता है। यह भारी वर्षा या बर्फबारी वाले क्षेत्रों में विशेष रूप से होता है। इसी तरह, यदि ढलान बहुत अधिक खड़ी है, तो इससे पानी बहुत तेजी से बह सकता है, जिससे गटर ओवरफ्लो हो सकता है और पानी के तेज प्रभाव के कारण नुकसान हो सकता है। यह सुनिश्चित करना कि निर्माण या मरम्मत के दौरान आपकी जो घर की छत है उस पर उचित ढलान हो जो रिसाव को रोकने के लिए महत्वपूर्ण है।

3) टाइल्स से पानी का रिसाव

टाइलें भी घर की छत के लिए एक लोकप्रिय सामग्री है जो कई वर्षों तक चल सकती है। हालाँकि, समय के साथ, मौसम या खराब निर्माण के कारण टाइलें क्षतिग्रस्त हो सकती हैं। जब टाइलें क्षतिग्रस्त या टूट जाती हैं, तो वे पानी को छत की संरचना में घुसने दे सकती हैं। पानी टाइल्छोस के बिच में छोटी-छोटी दरारों से भी रिस सकता है, जिससे पानी के कारण आपके घर की छत को काफी नुक्सान हो सकता हैं और फफूंदीभी बढ़ सकती है। कुछ मामलों में, टूटी हुई टाइलों को आसानी से बदला जा सकता है, जबकि अन्य मामलों में, पूरी छत को बदलने की आवश्यकता हो सकती है।

टाइल्स से पानी का रिसाव

4) छत की अनुचित तरीके से रखरखाव

घर की छत का अनुचित तरीके से रखरखाव भी छत के रिसाव का एक सामान्य कारण है। छत को अच्छी स्थिति में रखने के लिए छत का नियमित रखरखाव, जैसे गटर की सफाई, मलबा हटाना और कही कुछ टुटा तो नहीं हैं इसका निरीक्षण करना महत्वपूर्ण है। नियमित रखरखाव न करने से छत की सतह पर मलबा और पानी जमा हो सकता है, जिससे रिसाव भी हो सकता है। इसके अलावा, छोटी-छोटी समस्याओं को ध्यान नहीं देने से भविष्य में और अधिक गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

5) संक्षारण की वजह

घर की छत के रिसाव का एक और कारण संक्षारण है, विशेषकर धातु की छतों में। धातु की छत सामग्री बारिश, हवा और सूरज जैसे तत्वों के संपर्क में आने के कारण समय के साथ खराब हो सकती है। जंग छत सामग्री को कमजोर कर सकती है और इसे भंगुर बना सकती है, जिससे दरारें और छेद हो जाते हैं जो पानी को छत की संरचना में रिसने देते हैं। इसके अतिरिक्त, जंग के कारण फास्टनरों और अन्य धातु ढीले हो सकते हैं, जिससे और अधिक क्षति और रिसाव के कारण हो सकता है।

6) घर की छतो की उम्र ज्यादा हो जाना

घर की छतो की उम्र बढ़ना छत के रिसाव का एक प्राकृतिक कारण हो सकता है। समय के साथ-साथ, छत सामग्री तत्वों के संपर्क में आने, टूट-फूट जाने और अन्य कारकों के कारण से खराब हो सकती हैं। छत की उम्र बढ़ने के कारण छत सामग्री भंगुर हो सकती है, दरार पड़ सकती है, या अपनी सुरक्षात्मक कोटिंग खो सकती है, जिससे रिसाव और पानी से नुक्सान हो सकता हैं। इसके अतिरिक्त, छत की उम्र बढ़ने से छत सामग्री पानी को रोकने में कम प्रभावी हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप छत की सतह पर पानी जमा हो सकता हैं और रिसाव हो सकता है।

नियमित निरीक्षण और रखरखाव से छत की उम्र बढ़ने के संकेतों की पहचान करने और महत्वपूर्ण क्षति होने से पहले किसी भी समस्या का समाधान करने में मदद मिल सकती है।

घर की छत से पानी का रिसाव को कैसे रोकें?

1) डामर की परत चढ़ाना

घर की छत के रिसाव को रोकने के लिए एक तरीका डामर टाइल्स स्थापित करना या मरम्मत करना है। डामर टाइल्स एक लोकप्रिय छत सामग्री है जो टिकाऊ और थोड़ी सस्ती है। इन्हें लगाना और मरम्मत करना भी आसान है, जिससे ये घर मालिकों के लिए एक लोकप्रिय विकल्प बन जाते हैं। आपकी छत की मरम्मत करने में यहां कुछ कदम दिए गए हैं:

1-सबसे पहले, ये देखे की कही भी कुछ टुटा फूटा तो नहीं हैं

2-इसके बाद, मुड़े हुए शिंगलों को सीधा करें और दोबारा जोड़ें

3-यदि आप घर की छत में साफ दरार देखते हैं तो उसकी मरम्मत के लिए छत सीलेंट का उपयोग करें

4-जो टाइलें टूट फुट गई हो उसे बदल दें

2) दो छतो में एक साथ जोड़

आमतौर पर छत वहा से लीक होता हैं जहां छत के विभिन्न हिस्से मिलते हैं, जैसे कि जहां छत चिमनी से मिलती है या जहां छत के दो हिस्से आपस में मिलते हैं। टपकती हुई छत की जोड़ को ठीक करने के लिए आप इन चरणों का पालन कर सकते हैं:

उन क्षेत्रों का निरीक्षण करें जहां छत की सतहें जुड़ती हैं जैसे चिमनी

क्षेत्र पर पुट्टी चाकू का उपयोग करके छत सीलेंट लगाएं

छत में कीलों का उपयोग करके, क्षेत्र पर चमकती हुई धातु की एक पट्टी बांधेंइसके बाद छत के रिसाव को सील करना शुरू करें। वॉटरटाइट सील स्थापित करने के लिए, फ्लैशिंग के ऊपर छत सीमेंट का एक और कोट लगाएं

3) कंक्रीट मटेरियल की छत

कंक्रीट की छतें एक अलग प्रकार की छत सामग्री है जिसका यदि ठीक तरीके से रखरखाव न किया जाए तो उसमे रिसाव का खतरा हो सकता है। कंक्रीट की छतें प्रबलित कंक्रीट से बनाई जाती हैं और अपनी स्थायित्व और दीर्घायु के लिए जानी जाती हैं। हालाँकि, उनमें दरारें, अनुचित स्थापना और मौसम की स्थिति या प्रभाव से होने वाली क्षति जैसे विभिन्न कारकों के कारण रिसाव हो सकता है। कंक्रीट की छतों की मरम्मत के लिए यहां कुछ चरण दिए गए हैं:


1-रिसाव के स्रोत का निरीक्षण करें और पहचान करेंl
2-मलबे या ढीले कंक्रीट को हटाकर कमजोर ओर नुक्सान हुए जगह को साफ करेंl
3-उस जगह पर सीलेंट या पैचिंग कंपाउंड लगाएंl
4-उस जगह को सूखने के लिए छोड़ देंl\

एक नए घर का निर्माण कैसे करें –https://nkconstruction95.com/new-home-construction-ideas/

1 नए घर का निर्माण कैसे करें/ HOW TO CONSTRUCT NEW HOUSE

घर बनाने का तरीका

अपना नए घर का निर्माण (NEW HOUSE) करना आपके जीवन के सबसे महत्वपूर्ण फैसलों में से एक है। आपका घर ही आपकी पहचान है। इसलिए ये जानना बहुत ही महत्वपूर्ण है कि आपके घर के निर्माण के में क्या क्या किया जाना चाहिए। अपनी मकान निर्माण के दौरान विभिन्न स्टेप हमने इस आर्टिकल में बताएं है जिसको जानना बहुत ही महत्वपूर्ण है, ताकि आप भी अपने नए मकान के निर्माण को प्लान करके उसे ट्रैक कर पाए ।

स्टेप-1:- नए घर का निर्माण (New House) की नींव मजबूत और ठोस रखना है

नए घर का निर्माण के लिए पहला कदम यह है कि घर की नींव मजबूत और ठोस रखना है। सबसे पहले, स्ट्रक्शन साइट से पत्थरों और पेड़ पौधो, कचड़ा को साफ किया जाता है। खुदाई शुरू करने से पहले यह सुनिश्चित करें लेवे कि लेआउट मार्किंग प्लान के अनुसार ही बनाया जा रहा है। आपकी कंस्ट्रक्शन टीम साइट को समतली करेगी, और उसके बाद नींव बिछाने के लिए खड्डा खोदेगी।

कंक्रीट डालने के बाद, इसे सेट होने के लिए समय दें और फिर सेट होने के बाद पूरी तरह से तराई करें। तराई के बाद, वाटरप्रूफिंग और दीमक रोधी उपचार करना भविष्य में घर के लिए बहुत ही अच्छा है। इसके बाद, आपकी टीम को नींव की दीवारों के आसपास के क्षेत्र को मिट्टी से भरना चाहिए।

स्टेप-2:- नए घर का निर्माण (New House)की संरचना बनाना

नए घर का निर्माण की नींव तैयार हो जाने के बाद, अगला कदम घर की संरचना बनाना होता है। इसमें घर की खिड़कियों और दरवाजों के लिए फ्रेम के साथ प्लिंथ, बीम, कॉलम, दीवारें, छत के लिए स्लैब बनाना शामिल है। कमरों को विभाजित किया जाएगा, जो आपको यह दिखाएगा कि आपका नवनिर्मित घर बनने के बाद कैसा दिखेगा। घर के चारों ओर कॉलम बनाने पर ध्यान दें, क्योंकि वे अधिकांश संरचना का भार उठाते हैं। यह घर निर्माण का सबसे महत्वपूर्ण चरण में से है क्योंकि इससे आपके घर की मजबूती और संरचना तय होती है। इसलिए ध्यान रखना कीआपके नए घर के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है।

नए घर का निर्माण (New House) के लिये पाइप और इलेक्ट्रिक सिस्टम का प्लानिंग

आपके नए घर की छत ढलाई होने के बाद, आप प्लंबिंग और इलेक्ट्रिकल सिस्टम लगाना शुरू कर सकते हैं। आप पहले से ही सुनिश्चित कर लेवे कि इलेक्ट्रीकल बोर्ड और स्विच इस तरह से लगें कि आप आसानी से उनका उपयोग कर सकें। प्रदुषण से बचने के लिए सीवेज पाइप हमेशा पेय जल वाले पाइप के नीचे होना चाहिए। छिपे हुए बिजली के काम के लिए, तारों के पाइप के साथ पीवीसी पाइप को प्लास्टर से पहले ही दीवारों के अंदर सेट किया जाता है। यह न केवल सुन्दरता की दृष्टि से आकर्षक है, बल्कि तारों को नमी, तापमान और चूहों आदि जैसे तत्वों से बचाता है। एक बार ऐसा करने के बाद, दीवारों को प्लास्टर किया जाता है।

HOME
HOME

स्टेप-4:-नए घर का निर्माण (New House) दरवाजा और खिड़की का मूल्यांकन करके लगाना

नए घर का निर्माण करते समय जब दीवार पर प्लास्टर हो जाने के बाद, खिड़कियां और दरवाजे लगाएं। खिड़कियां और दरवाजे इन्सुलेशन और वेंटिलेशन प्रदान करते हैं, इसलिए अपने कांट्रेक्टर को बता दे की सही मटेरियल उपयोग करें।

स्टेप-5:- New House को सजाने के लिए घर वाले से और सलाह लेवे –

और अंत में जब आपकी निर्माण करने वाली टीम टाइलें बिछाएगी, तथा बिजली के बोर्ड, अलमारियाँ, किचन काउंटरटॉप्स आदि लगाएगी तो एक बार इन सभी चीजों के लग जाने के बाद, आपके घर को वॉलपेपर से पेंट या प्लास्टर किया जा सकता है।और अपने घर को अच्छे तरीके से सजावट के बारे में अपने परिवार के सदस्यों से सलाह लें।

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घर की सीढ़ियां बनाने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको यह चीजें जरूर पता होनी चाहिए/how to make house Stair

अगर आप अपने घर की सीढ़ियां बनाने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको यह चीजें जरूर पता होनी चाहिए अगर आपको इन चीजों के बारे में पता नहीं होगा तो जाहिर सी बात है आपकी चीज जो है वह अच्छी क्वालिटी के नहीं बन सकती है तो इसी वजह से आप को इस बारे में कुछ ऐसे पॉइंट हो गई जिनके बारे में पहले आपने कभी सुना नहीं होगा पर यह आपके जरूर काम में आ सकते हैं अगर आपने गलत तरीके से सीढ़ियां को बनवा लिया तो आपको चढ़ने-उतरने में बहुत ज्यादा दिक्कत हो सकती है l

सबसे पहला पॉइंट यह आ जाता है जो कि यह है की राइज़र की जो हाइट होती है लोग जो हैं राइज़र की हाइट बहुत ज्यादा बढ़ा देते हैं और आपको यह चीज जरूर ध्यान में रखना चाहिए कि यह जो साइज है इसकी हाइट आपको 6″ से लेकर 7″ ही तक रखनी है उससे जितनी ज्यादा अगर आप रखे जाएंगे उतना आपको उतरने चढ़ने में बहुत ज्यादा दिक्कत होती है तो जैसे कि आपने कुछ जगहें देखा होगा की अगर इस्टेप की हाईट बहुत ज्यादा है तो सिर्फ चार-पांच सीढी चढ़ने के बाद ही आपको थोड़ा सा ऑनकफर्टेबले महसूस होने लगता है अब बात करते हैं अगले स्टेप का ऊपरी हिस्सा है जहां पर आप अपना पैर रखते हो उसे ट्रैक कहा जाता है तो इस स्टेप का साइज यह होना चाहिए तो 10″ लेकर बार 12″ होना चाहिए जिससे कि आपके पैर जो है आराम के साथ उस अरे पर आ सके अब इसका क्या कारण होता है अगर आप ट्रैड थोड़ा साइज में कम है ऐसे वक्त में आपका पैर जो है कॉर्नर पर आ सकता है और जिसकी वजह से उसका पैर फिसल सकता है तो इस वजह से ट्रेड की जो साइज होगी वह

आपको 10″ से लेकर 12″ इसे करनी चाहिए जो कि एक कंफरटेबल साइज होती है दोस्तों बात यह होती है की लोगो के पास जगह कम होती है जिससे राइजर की हाईट बहुत ज्यादा बढ़ा देते हैं l

सिडिया के स्लैब की चौड़ाई आपको कम से कम 5″ से लेकर 6″तक रखनी चाहिए अगर हम बात करते हैं जीने में आपका कौन सा स्टील इस्तेमाल करना है तो आपको 10mm से लेकर 12mm का सरिया है उसका इस्तेमाल करना चाहिएl

अब बहुत सारे लोगों को यह सवाल आता है कि हमें जीना किस डायरेक्शन में रखना चाहिए ने क्लॉकवाइज डाइरैक्शन में या
फिर एंटीक्लॉक डाइरैक्शन में अब बहुत बार यह देखा जाता है कि डाइरैक्शन जो है वह खास करके रेकमेंड की जाती है वह है  क्लॉकवाइज इसका सिंपल रीजन होता है अगर आपकी सीढी क्लाकवाइज डायरेक्शन में है ऐसे वक्त में आपकी हैंड रेलिंग है आपके राइट साइड में आती है जिसका सपोर्ट लेकर आपको चढ़ने उतरने में आसानी होती है तो यह मुख्य कारण होता है जिसकी वजह से स्टेयरकेस को क्लॉकवाइज डाइरैक्शन में दिया जाता है l
बीच में यह जो पोर्शन आप देख रहे हैं इसे मिड लैंडिंग कहा जाता है अब इसका इस्तेमाल सबसे पहले चीज तो यह होती है कि डाइरैक्शन चेंज करने के लिए और कोई बुजुर्ग व्यक्ति है तो उन्हें थोड़ा-बहुत रेस्ट करने के लिए इस्तेमाल होता हैl
हमारे यहां पर सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली रेलिंग ss की रेलिंग है क्योंकि यह दिखने में अच्छी दिखती है इसके साथ जंक कोई दिक्कत नहीं है अगर यह चीज जरूर ध्यान रखिएl
आपको पता होगा जनरल जो घर होते हैं उनमें जो सीढी होती है उसकी चौड़ाई तीन फीट से लेकर साढ़े तीन फीट तक होती है अगर आपके यहां पर जगह बहुत ही ज्यादा कम है और आपको कम जगह में जीना बनवाना है तो ऐसे वक्त में 2’6″ में आप जगह ले सकते हैं अब 2’6″ की जगह में सिर्फ एक ही व्यक्ति ऊपर जा सकता है और नीचे आ सकता है l

भूकंप से बचने वाले घर का निर्माण कैसे करें

कॉलम के बीच की दूरी

आप ग्राउंड फ्लोर फर्स्ट और सेकंड फ्लोर इन तीनों में से किसी भी ऊंचाई का घर बना रहे हो तो आपको फाउंडेशन के लिए साइज  की लंबाई चौड़ाई और गहराई क्या रखनी चाहिए और भूकंप रोधी फाऊंडेशन हमें किस तरह से बनाना चाहिए

Building construction in India

तो चलिए सबसे पहले हम आपको यह दिखाते हैं कि हमें भूकंपरोधी फाऊंडेशन किस तरह से बनाना चाहिए और उसके बाद हम यह देखेंगे कि ग्राउंड फ्लोर फर्स्ट सेकंड और थर्ड एक फ्लोर के लिए हमें फाउंडेशन की लंबाई चौड़ाई और गहराई क्या रखनी चाहिए घर का फाऊंडेशन बनाते समय सब पहले कॉलम के लिए खुदाई काम किया जाता है यानि कि फाउंडेशन की खुदाई की जाती है फाऊंडेशन खुदाई कंप्लीट

होने के बाद यानी कि फाउंडेशन के लिए गड्ढा खोदने के बाद पी सी सी करते हैं और कुछ लोग इस इतना करके कुछ इस तरीके से फाउंडेशन की तली में एक मिसाल देते हैं और कुछ लोग फाउंडेशन की निचे में बड़े-बड़े पत्थर भी डाल देते हैं बड़ा वाला पत्थर जो होता है वह फाउंडेशन की निचे में पूरी तरह से बिठा दिया जाता है तो यहां पर प्रश्न उठता है कि फाउंडेशन की निचे में हमें पी सी सी

करना चाहिए या हमें ईंट रखना चाहिए या फिर बड़े-बड़े पत्थर की लेयर हमें फाउंडेशन के निचे में बिठा देना चाहिए इन तीनों में क्या अच्छा है तो यहां पर यह इंजीनियरिंग की नजर से देखें इंजीनियरिंग की दृष्टि से देखें तो इंजीनियरिंग कहती है कि फाउंडेशन के निचे में हमें 3 सेंटीमीटर का पी सी सी करना चाहिए और उसके बाद फाउंडेशन बनाना चाहिए तो इंजीनियरिंग भी यही कहती है कि फाउंडेशन की निचे में जो सबसे बेस्ट है वह आपका पी सी सी वर्क हैl तो अपना घर टेक्निकल रूल को फॉलो करते हुए बनाना चाहते हैं तो आप फाउंडेशन की निचे

में 3 सेंटीमीटर की मोटाई में पी सी सी वर्क कराकर उसके बाद फिर फाउंडेशन करवाइये कर अब यहां पर प्रश्न उठता है कि फाउंडेशन के निचे ईंट लगाना या फिर बड़ा पत्थर लगाना सही है या नहीं तो यहां पर यह सिविल इंजीनियरिंग की दृष्टि से देखें तो बिल्कुल सही नहीं है क्योंकि सिविल इंजीनियरिंग यही कहता है कि फाउंडेशन के निचे में हमें पी सी सी वर्क करना चाहिए ना कि हमें इस तरीके से बड़ा पत्थर भी नहीं रखना चाहिए

बड़े-बड़े पत्थर बिछाकर फाउंडेशन बनाना सही है या नहीं कि यह जानने के लिए हम अपने एरिया में ऐसे मिस्त्रियों के पास गए जो पिछले 20 साल से घर बना रहे हैं और उनसे बात किया तो घर बनाते समय फाऊंडेशन के निचे में कुछ इस तरीके से ईंट या फिर कुछ इस तरीके से पत्थर रखे जाते हैं और उन्होंने मुझे ऐसे घर बताएं और दिखाएं भी जिनका फाऊंडेशन कुछ इस तरीके से ईंट व पत्थर की लेयर डालकर बनाया गया है और उन घरों में 15 से 20 साल होने के बाद भी अभी तक कोई प्रॉब्लम नहीं है तो

फाउंडेशन के निचे में इस तरीके से ईंट लगाने से या फिर कुछ इस तरीके बड़े-बड़े पत्थर बिछाने से यदि कोई दिक्कत नहीं आ रही है तो इंजीनियरिंग पढ़ने के बाद मैं यह नहीं कह सकता कि घर का फाऊंडेशन बनाते समय कुछ इस तरीके से ईंट या फिर इस तरीके से पत्थर लगाना गलत है क्योंकि यह सिविल इंजीनियरिंग हमें यह कहती है कि फाउंडेशन की निचे में हमें कुछ इस तरीके से पी सी सी वर्क करना चाहिए तो 20 से 30 साल पुराने घर जिनका फाऊंडेशन कुछ इस तरीके से एक डालकर बनाया गया है या फिर कुछ इस तरीके से

बड़े पत्थर की लेयर डालकर फाऊंडेशन बनाया गया है और वह घर बीस से पच्चीस साल होने के बाद भी अभी सही सलामत है उनमें किसी भी तरह की दिक्कत नहीं आ रही है तो इसका मतलब यही हुआ कि घर का फाऊंडेशन बनाते समय पी सी सी करते हैं तो यह बहुत अच्छा है और यह आप कुछ इस तरीके से ईंट बिठाकर फाऊंडेशन बनाते हैं तो भी अच्छा है और यदि आप एग्रीगेट डालते हैं तो भी अच्छा है किन्तु भाई सिविल इंजीनियरिंग यही कहती है कि आप फाउंडेशन की निचे में पी सी सी वर्क  किया जाये तो सबसे अच्छा रहेगा l 

अब चलिए हम बात कर लेते हैं कि ग्राउंड फ्लोर फर्स्ट सेकंड फ्लोर यदि इन तीनों में से हमें किसी भी ऊंचाई का घर बनाना है तो फाउंडेशन के लिए खुदाई करेंगे तो उसकी लंबाई, चौड़ाई और गहराई क्या रखना है और क्या होनी चाहिए यानि कि फाउंडेशन एक्सकैवशन की लम्बाई चौड़ाई और उचाई हमें क्या रखनी चाहिए तो यदि आप ग्राउंड फ्लोर और फर्स्ट फ्लोर इन दोनों में से किसी भी ऊंचाई का घर बना रहे हो यानी कि यह ग्राउंड फ्लोर बना रहे हो या फिर फर्स्ट फ्लोर बना रहे हो इन दोनों में से यदि आप किसी भी ऊंचाई का घर बना रहे हो तो आपको फाऊंडेशन की जो लंबाई चौड़ाई और गहराई यानी कि फाउंडेशन की लम्बाई चौड़ाई और उचाई जो है एक समान रखनी है यानि कि बराबर रखनी है

घर बनाने से पहले क्या क्या ध्यान में रखना चाहिए

घर बनाने का तरीका

 

घर-बनाने-से-पहले-क्या-क्या-ध्यान-में-रखना-चाहिए.
घर-बनाने-से-पहले-क्या-क्या-ध्यान-में-रखना-चाहिए.

हमें रहने के लिए सर के ऊपर एक छत जरूरी है इसी को ध्यान में रखते हुए, घर बनाने का तरीका मतलब कि घर कैसे बनेगा तो हमारे जितने भी दोस्त है चाहे वह शहर रहे हो छोटे से छोटे गांव में रहे हो उन सबके लिए और आपकी भाषा में शुद्ध हिंदी में लेकर आ रहा हूं घर बनाने का तरीका l हर किसी का सपना होता है वह अपना एक घर होना चाहिए लोग सालों साल की मेहनत की कमाई से अपना घर बनाता है और जो अपना घर में जो रहने में मजा है वह बाहर आपके किराये के घर नहीं है इसलिए उस सपने को पूरा करने के लिए हम आपको स्टेप बाय स्टेप बताएंगे कि वह घर कैसे बनेगा जिससे आप एकदम सीख सकते हैं कि घर कैसे बनाना है और जब भी कोई घर बनाना शुरू करेंगे तो उस समय कोई भी कांट्रेक्टर मिस्त्री आपको कुछ अलग चीज ना बता देंl

पहला मेरा जमीन यह सबसे महत्वपूर्ण चीज है कोई जमीन हम कहां ले रहे हैं अब ऐसा ना हो कि मैं घर बनाने के इच्छा  है लेकिन जमीन गांव में ले लिए शहर से दूर हट कर ले लिए जहां पर न तो बिजली की सुविधा है ना ही दुकान है ना ही सब्जी मिल रहा हैl जहां सब्जी का दुकान या मार्केट जाने के लिए हमें 10 किमी पैदल जाना पड़ता है ऐसा ना करना जमीन का चयन जो है सबसे महत्ववूर्ण है आपको हम और बताएं किस तरह जमीन लेना अब है कि यह तो हो गया जमीन की नपाई जहां पर जमीन ली है वह सबसे जरूरी है कि को आपको जमीन का रजिस्ट्री कर ले और हो सके तो आप अमीन को बुलाकर के जमीन की नपाई कर ले और वहां पर जो है टेम्पररी बाऊंडरी बना दीजिए तो इतना आपका जमीन है और उसी जमीन के अंदर आपको घर बनाना है  उसमें कितना रूम निकलेगा क्या होगा क्या क्या रिक्वायरमेंट है उस रिक्वायरमेंट के अनुसार से तैयारी हमें करना है अब इसके लिए आप इंजीनियर आर्किटेक्ट संपर्क कर सकते हैं अपने से बनाने बैठे जाएगा तो अनाप-शनाप बन जाएगा तो नक्शा की तैयारी करवाना है आपको और उसके अनुसार यह तो ठीक है जमीन खरीद लिए नक्शा तैयार हो गया l

अब यह है कि जरूरी कागज सबसे इंपोर्टेंट चीज है अगर आपका वह जमीन नगर पालिका नगर निगम में आ रहा है तो सबसे पहले आप उसको इंजीनियरो से बात करके उसको अप्रूवल करवा लेते हैं और जो डोक्यूमेंट्री काम है अगर आप किसी कॉन्ट्रैक्टरों काम जरूरी कार्य जो भी काम आपका होता है सब आप उन्हें करवा लीजिए एग्रीमेंट करवा लीजिए और फिर घर का काम स्टार्ट कर दीजिये

30’X40′ में घर का नक्शा /1200 SQFT में घर / House Plan.

30'x40' House Plan

 

30’X40′ में घर का नक्शा ,घर के इस नक़्शे में –

  • 1- पार्किंग (10’x18′)
  • 1- हॉल (14’4.5″x13’9″)
  • 1- रसोई / भोजन  कक्ष (18’1.5″x7’9″)
  • 3- बैडरूम (10’x12′)

यह घर की चौड़ाई 30′ है और गहराई 40′ हैl जिसमे सबसे पहले पार्किंग अति है उसके बाद फिर हॉल आती है, हॉल में ही सीडी हुए एक कॉमन लेट- बाथ दिया गया हैl फिर और अंदर जाने से खुला रसोई और भोजन कक्ष है वही से ही तीनो बैडरूम का दरवाजा दिया गया है और वही पास फिर लेट बाथ भी है उसके पीछे हवा आने जाने के लिए बिच में जगह छोड़ा हुआ हैl

15 कॉलम के साथ इस घर को बनाया जा सकता हैl बात करेंगे कॉलम का साइज का तो आप यहां इस कॉलम को 9’x9′ का रखा जा सकता हैl और इसमें 4 सरिया का उपयोग कर सकते हैl सरिया का साइज का बात किया जाए तो 12mm का सरिया का इस्तेमाल यहां पर किया जा सकता है अब जानते हैं इसके रिंग के बारे में तो इसके रिंग को 8mm का इस्तेमाल किया जा सकता है इस रिंग को 6′ की सेंटर सेंटर इसका दुरी रख सकते हैl

30'x40' House Plan
30’x40′ House Plan

In this Plan of the house –

1- Parking (10’x18′)
1- Hall (14’4.5″x13’9″)
1- Kitchen/Dining Room (18’1.5″x7’9″)
3- Bedroom (10’x12′)

The width of this house is 30′ and depth is 40′. In which first of all there is parking lot, after that comes the hall, a common bath is given in the hall itself. Then going inside, there is open kitchen and dining room. There are doors to all three bedrooms and there is also a late bath next to it, with a space left behind it for ventilation.

his house can be built with 15 columns. If we talk about the size of the columns, then you can keep this column of 9’x9′ and 4 bars can be used in it. If we talk about the size of the bars, then it will be 12mm. The rebar can be used here. Now let us know about its ring. Its ring can be used of 8mm. The center distance of this ring can be kept at 6′.

घर में टाइल्स लगवाने से पहले ये बाते जरूर ध्यान में रखे -Tile adhesive or cement mortar

घर में टाइल्स लगवाने से पहले ये बाते जरूर ध्यान में रखे

टाइल लगाने के लिए घर में क्या उपयोग करना चाहिए-

जब अपनी मेहनत के पैसों से अपना घर बनाते हैं और कुछ ही समय बाद आपको पता चलता है की दीवार की टाइलें टूट के गिर रही है फ्लोर की निचे में से आवाज आ रही है और सामने एलिवेशन के टाइल निकाल के गिरने वाली हैं तो दिल अंदर से बहुत दुखता है, तो मैं आपको बताऊंगा की आपको अपने टाइल लगाने के लिए घर में क्या उपयोग करना चाहिए क्या आपको सीमेंट उपयोग करना चाहिए या टाइल एडहेसिव उपयोग करना चाहिएl

Worker making flooring with vinyl tiles

टाइल्स कोई सी भी हो चाहे फ्लोर टाइल हो चाहे दीवाल टाइल हो सीमेंट का उपयोग उसको अपनी जगह पर चिपकाए रहने के लिए किया जाता है तो सीमेंट का में काम टाइल और प्लास्टर वॉल सरफेस के बीच एक मजबूत जोड़ बनाए रखना का होता है ताकि टाइल सालों साल अपनी जगह पर बनी रहे पर दोस्तों समय के साथ टाइल के साइज धीरे-धीरे बढ़ते गए जहां पहले शुरू हुई थी उसके बाद 1’x1’6″, 2’x2’6″और आज की डेट में 4’x8′ फिट की टाइल भी आई हैं तो दोस्तों इतनी बड़ी टाइल आने लगी हैं इतना ज्यादा चेंज हो गया है टाइल के साइज में लेकिन आज की डेट में भी लोग वही पुराना सीमेंट वाला तरीका इसको चिपकने में उपयोग कर रहे हैं जो की बहुत बड़ी गलती है अगर आप टाइल लेने जाते हैं तो आज की डेट में किसी भी शोरूम के अंदर तो आप देखते हैं की टाइल्स की क्वालिटी कितनी ज्यादा इंप्रूव हो गई है टाइल आज की डेट में लग्जरी हो गई है बल्कि आज की डेट में कुछ कुछ टाइल्स तो ग्रेनाइट से भी ज्यादा अच्छी लगती है तो इतना कुछ चेंज तो हो गया है टाइल्स के अंदर क्वालिटी में भी और जैसा मैंने बताया अभी भी आज की डेट में भी ठेकेदार लोग सीमेंट का ही उपयोग कर रहे हैं उसको चिपकने में जिसकी वजह से इन टाइल के अंदर हलो नेस हो जाति है विग बॉन्डिंग रहती हैl

अब टाइम के साथ जो टाइल की क्वालिटी इंप्रूव हुई है साइज इंप्रूव हुआ है इसी वजह से इनको लगाने में भी काफी दिक्कत आने लगी है जैसे टाइल लग जाने के बाद होलोनेस मतलब टाइल का खाली ले जाना क्योंकि सीमेंट अच्छी पकड़ वहां पर नहीं बना पता है पूरे से नहीं फेल पता है और जब सीमेंट सुख जाता है ना दोस्तों तो वहां पर छोटे-छोटे होल्स बन जाते हैं जिसकी वजह से जब आप चलते हैं टाइल के ऊपर तो आपको आवाज़ आती है टाइल में से कुछ भारी सामान आप टाइल के ऊपर रखते हैं तो टाइल वो टूट जाति है और जो वाल टाइल लग रही है उनके लगाने की कुछ महीना या सालों बाद उनका दीवार से निकलकर गिर जाना लोगों को लगता है की सीलन की वजह से वो निकल के गिर रही है परन्तु वो ऐसा नहीं है टाइल्स की क्वालिटी इतनी इंप्रूव हो गई है लेकिन लगाने का तरीका आज भी वही पुराना है सीमेंट से तो इन्हीं सब समस्याओं को देखते हुए दोस्तों समाधान के तोर पर रॉफ्टटायर्ड एडहेसिव को बनाया गया है, राफ्ट टायर्ड एडहेसिव एक रेडीमेड मोर्टार है जिसमें सीमेंट स्टोन ईपॉक्सी पॉलीमर और कुछ केमिकल मिक्सर होता हैl

यह एक पाउडर फॉर्म में आता है जिसको पानी के साथ मिक्स करके आसानी से लगाया जाता है राफ्ट टायर्ड एडहेसिव और सीमेंट मोर्टार दोनों के कुछ फायदा और नुकशान है मैं दोनों का तुलना करूंगा और आपको बताऊंगा की आपके घर की टाइल्स के लिए अच्छा कौन सा हैl

पहले बात करता हूं मैं सीमेंट मोर्टार की तो जो सीमेंट मोर्टार जो है दोस्तों उसकी फायदा ये है की ये आसानी से आपको मिल जाता है आप किसी भी बिल्डिंग मटेरियल दुकान पे जाए और आपको यह तुरंत मिल जाएगा अगर नुकसान की बात करें तो टाइल में होने वाले सीमेंट और रेती का जो मसाला है उसका सही रेश्यो में हो उसके लिए हमें मिस्त्री के ऊपर ही निर्भर रहना पड़ता है मसाला सही से तैयार किया गया हो सही मात्रा में इसके अंदर पानी मिलाया गया हो इसके लिए भी हमें मिस्त्री और लेबर के ऊपर निर्भर रहना पड़ता है और इसके लिए लेबर का जानकर होना बहुत जरूरी है आपका जो रेती है आपका जो सीमेंट है इसकी क्वालिटी अच्छी है की नहीं है इसके लिए भी हमें मटेरियल सप्लायर के ऊपर निर्भर रहना पड़ता है अब जब फ्लोर की टाइलिंग होती है ना उसके अंदर बहुत सारा मोटा मसाला दाल देते है जब उसके ऊपर टाइलिंग की जाति है जो की करीबन 40mm से 50mm मोटाई तक पहुंच जाता और जिसकी वजह से आपके घर के स्ट्रक्चर के ऊपर डेड लोड बढ़ता है और जो डेड लोड होता है यह आपकी बिल्डिंग को कमजोर ही करता हैl कई बार बड़े साइज वाली टाइल्स पर सीमेंट मोटर है अपनी पकड़ पुरी जगह नहीं बना पता है जिससे टाइल में आवाज की प्रॉब्लम आने लगती है और कुछ भी भारी सामान आप उसके ऊपर रखेंगे तो टूटने की संभावना टाइल की बहुत ज्यादा बाढ़ जाति है दोस्तों जो वाल टाइल होती है वहां पर आपका ठेकेदार क्या करता है की पहले प्लास्टर होगा और प्लास्टर के ऊपर सीमेंट का पेस्ट है वो टाइल को चिपका देते हैं लेकिन समय के साथ-साथ जब सीमेंट सूखता है तो वो श्रिंक हो जाता है और श्रिंक होने के करण कुछ ही टाइम बाद टाइल्स का जो पकड़ है वो कमजोर हो जाता है और धीरे-धीरे वो समय के साथ-साथ वहां से उखाड़ना शुरू कर देती है आपको लगता है की सीलिंग की वजह से वो गिर रही है परन्तु वो ऐसा नहीं है क्योंकि सीमेंट श्रिंक हो गया है  पूरा सुख चुका है और इसलिए उसका पकड़ काफी कमजोर हो गया और वो नीचे टूटकर गिर रही हैl

टाइल एडहेसिव के फायदे और नुकशान-

टाइल एडहेसिव के फायदे और नुकशान के बारे में बात कर लेते हैं तो पहले बात करते हैं इसके फायदे के बारे में बड़ी साइज की जो टाइल्स है जो बड़े साइज टाइल्स है उनके लिए बहुत ही सूटेबल होता है टाइल एडहेसिव टाइल और सीमेंट प्लास्टर के बीच में बहुत ही मजबूत पकड़ बनती है, जिससे टाइल के गिरने की समस्या ना के बराबर हो जाति हैl एडेसिव एक रेडी मिक्स मोर्टार है इसके अंदर बस आपको पानी मिलाना है और इसको उपयोग करना है तो इसमें ऐसा नहीं है कुछ रेसिओ आपको रेती का देखना पड़ेगा ये रेती की क्वालिटी देखनी पड़ेगी या किसी बिल्डिंग मटेरियल वाले के ऊपर निर्भर होना पड़ेगा या मिस्त्री के ऊपर निर्भर होना पड़ेगा इसको इस्तेमाल करना बहुत ही आसन है क्योंकि सब कुछ मिक्स होता है इसके अंदर पहले से ही बस पानी डालो और इसको लगाना शुरू कर दो टाइल्स पे तो उसके बाद आपको पानी तराई करने की भी कोई जरुरत नहीं पड़ती है तो आपका पानी भी बच जाता है दोस्तों अगर हम नुकशान की बात करें टाइल आदेसिव की तो उसकी नुकसान ये है की इसको बहुत ही अच्छे प्लास्टर के ऊपर ही लगाना जरूरी है क्योंकि अगर प्लास्टर का लेवल सही नहीं होगा तो टाइल आदेसिव को इस्तेमाल करना आपको बहुत मुश्किल बढ़ जाएगा क्योंकि जो परत होती है वह 5mm से 6mm तक पतला परत होती है बहुत ज्यादा सीमेंट मोर्टार की तरह मोटी लेयर नहीं होती डेड लोड नहीं बढाती बिल्डिंग को हल्का ही रखती है और प्लास्टर आपका अच्छे से ही करना हो दीवार के ऊपर टाइल आदेसिव से आप ये नहीं कर सकते की आप स्लोप दे रहे हैं फ्लोर को तो स्लोप आपको पहले ही प्लास्टर में कर लेना है RCC से और उसके बाद टाइल अडेसिव का उपयोग करना है क्योंकि अगर आप स्लोप भी टाइल अडेसिव से बनाएंगे तो ये आपको बहुत महंगा पड़ जाएगाl

तो अगर आपका RCC का काम जमीन पे सही हो रखा है और दीवार का प्लास्टर अच्छे से हो रखा है तो उसको उसे करना आसन रहेगा वरना बहुत मुश्किल रहेगा इसको उपयोग करना और ये महंगा भी पढ़ सकता है तो अब हम जान चुके हैं की आपको अपने घर में टाइल्स अडेसिव का उपयोग करना है अब आपकी बिल्डिंग में डेड लोड भी नहीं बढ़ेगा श्रिंकेज की प्रॉब्लम जो सीमेंट मोर्टार में आई थी वो इसमें नहीं आएगी तो भविष्य में आपकी टाइल्स के अंदर से आवाज नहीं आएगी और ना ही उसका टूटने का कल डर रहेगा कुछ भी हैवी मटेरियल उसके ऊपर रखना के बाद चाहे आपकी एक्सटीरियर टाइल सामने एलिवेशन में चाहे इंटीरियर हो वॉलपेपर टाइल और आपके लिए बेस्ट है अब आप बेफिक्रा होकर महंगी से महंगी टाइल अपने घर में लगा सकते हैं बिना इस चीज से डरे हुए की कल वो टाइल टूट जाएगी या बॉन्डिंग कमजोर होके दीवार से गिर जाएगी दोस्तों मुझे उम्मीद यह आपको समझ में आई होगीl