कम रूपए में आसानी से घर बना सकते हैं, इसके लिए आपको प्लानिंग सही तरह से करनी होगी।
आजकल बिल्डिंग मैटेरियल्स बहुत ही महंगे होने के कारण घर बनाना बहुत मुश्किल सा हो गया है। कई लोगों के पास जगह होने के बाद लोग घर नहीं बना पा रहे हैं। आज इसमें हम आपको बताने वाले हैं कैसे आप कम से कम रूपए में आसानी से बढ़िया से बढ़िया घर कैसे बना सकते हैं।
कम पैसे में घर कैसे बनाए –
कम से कम पैसे में घर बनाना चाहते हैं तो आपको शुरुआत में एक मंजिल का घर बनाना होगा। इससे खर्च कम हो सकता है। अक्सर लोग जमीन खरीद कर मकान बनाने के लिए ठेका दे देते हैं। ऐसे में खर्च बहुत ज्यादा बढ़ जाता है, इसलिए घर बनाने से पहले योजना बनाना जरूरी हैं।
बिना नक़्शे का घर बिलकुल ना बनाये
बिना नक्शा बनाए हुए घर कभी भी नहीं बनाना चाहिए। कई बार घर मिस्त्री के भरोसे पर बनाते हैं तो घर ऐसा निर्माण हो जाता है कि कुछ समय बाद में उसको तोड़ फोड़ करवाकर सही करवाना पड़ता है, जिससे बजटऔर भी ज्यादा बढ़ जाता हैं।
घर का काम शुरुआत होने के बाद न करें बदलाव
घर का नक्शा बनवाते समय ही आपको अच्छे से नक्शा देखना चाहिए और अपनी सुविधा के अनुसार ही आप अपने घर का नक्शा को बनवाएं । दोबारा निर्माण के समय या निर्माण के बाद बदलाव करने से पैसे बहुत ज्यादा खर्च होता हैं।
मिस्त्री काम के हिसाब से ही रखें
बहुत लोग काफी ज्यादा मिस्त्री रख लेते हैं ऐसे में पैसे बहुत ज्यादा लगता है जिससे खर्च भी ज्यादा हो जाते हैं। अगर आपको सस्ते में घर बनाना है तो आप कम से कम मिस्त्री को रखें और जरुरत के हिसाब से ही मिस्त्री रखें।
घर में लगने वाले सामान खरीदी करते समय 2-4 दुकान में रेट पूछकर करे खरीदी
बता दें कि जब भी आप घर में लगने वाला सामान खरीदने जाते हैं तो मार्केट में आपको सभी समान का रेटअच्छे से पता कर लेना चाहिए। कई बार जल्दबाजी में आप कई समान महंगा खरीद लेते हैं। सामान खरीदते समय आपको अच्छे तरीके से 2-4 दुकान में जाकर समान का रेट पता करना चाहिए उसके बाद ही सामान ख़रीदे।
बिल्डिंग मटेरियल महंगा ना खरीदें
आपको बिल्डिंग मैटेरियल्स सस्ते ही खरीदना चाहिए। महंगी लकड़ी की जगह पर बबूल की लकड़ी का उपयोग कर सकते है, जो की सस्ती होने के साथ मजबूत भी होती हैं। फ्लाई-ऐश ईंट का उपयोग करें, जो की मिट्टी की ईंट से लगभग 4-5 रुपये सस्ती कीमत पर मिल जाएगी।
इन तरीकों को अपना कर आप भी बहुत ही कम पैसों में अपना घर बना सकते हैं।
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आप ग्राउंड फ्लोर फर्स्ट और सेकंड फ्लोर इन तीनों में से किसी भी ऊंचाई का घर बना रहे हो तो आपको फाउंडेशन के लिए साइज की लंबाई चौड़ाई और गहराई क्या रखनी चाहिए और भूकंप रोधी फाऊंडेशन हमें किस तरह से बनाना चाहिए
तो चलिए सबसे पहले हम आपको यह दिखाते हैं कि हमें भूकंपरोधी फाऊंडेशन किस तरह से बनाना चाहिए और उसके बाद हम यह देखेंगे कि ग्राउंड फ्लोर फर्स्ट सेकंड और थर्ड एक फ्लोर के लिए हमें फाउंडेशन की लंबाई चौड़ाई और गहराई क्या रखनी चाहिए घर का फाऊंडेशन बनाते समय सब पहले कॉलम के लिए खुदाई काम किया जाता है यानि कि फाउंडेशन की खुदाई की जाती है फाऊंडेशन खुदाई कंप्लीट
होने के बाद यानी कि फाउंडेशन के लिए गड्ढा खोदने के बाद पी सी सी करते हैं और कुछ लोग इस इतना करके कुछ इस तरीके से फाउंडेशन की तली में एक मिसाल देते हैं और कुछ लोग फाउंडेशन की निचे में बड़े-बड़े पत्थर भी डाल देते हैं बड़ा वाला पत्थर जो होता है वह फाउंडेशन की निचे में पूरी तरह से बिठा दिया जाता है तो यहां पर प्रश्न उठता है कि फाउंडेशन की निचे में हमें पी सी सी
करना चाहिए या हमें ईंट रखना चाहिए या फिर बड़े-बड़े पत्थर की लेयर हमें फाउंडेशन के निचे में बिठा देना चाहिए इन तीनों में क्या अच्छा है तो यहां पर यह इंजीनियरिंग की नजर से देखें इंजीनियरिंग की दृष्टि से देखें तो इंजीनियरिंग कहती है कि फाउंडेशन के निचे में हमें 3 सेंटीमीटर का पी सी सी करना चाहिए और उसके बाद फाउंडेशन बनाना चाहिए तो इंजीनियरिंग भी यही कहती है कि फाउंडेशन की निचे में जो सबसे बेस्ट है वह आपका पी सी सी वर्क हैl तो अपना घर टेक्निकल रूल को फॉलो करते हुए बनाना चाहते हैं तो आप फाउंडेशन की निचे
में 3 सेंटीमीटर की मोटाई में पी सी सी वर्क कराकर उसके बाद फिर फाउंडेशन करवाइये कर अब यहां पर प्रश्न उठता है कि फाउंडेशन के निचे ईंट लगाना या फिर बड़ा पत्थर लगाना सही है या नहीं तो यहां पर यह सिविल इंजीनियरिंग की दृष्टि से देखें तो बिल्कुल सही नहीं है क्योंकि सिविल इंजीनियरिंग यही कहता है कि फाउंडेशन के निचे में हमें पी सी सी वर्क करना चाहिए ना कि हमें इस तरीके से बड़ा पत्थर भी नहीं रखना चाहिए
बड़े-बड़े पत्थर बिछाकर फाउंडेशन बनाना सही है या नहीं कि यह जानने के लिए हम अपने एरिया में ऐसे मिस्त्रियों के पास गए जो पिछले 20 साल से घर बना रहे हैं और उनसे बात किया तो घर बनाते समय फाऊंडेशन के निचे में कुछ इस तरीके से ईंट या फिर कुछ इस तरीके से पत्थर रखे जाते हैं और उन्होंने मुझे ऐसे घर बताएं और दिखाएं भी जिनका फाऊंडेशन कुछ इस तरीके से ईंट व पत्थर की लेयर डालकर बनाया गया है और उन घरों में 15 से 20 साल होने के बाद भी अभी तक कोई प्रॉब्लम नहीं है तो
फाउंडेशन के निचे में इस तरीके से ईंट लगाने से या फिर कुछ इस तरीके बड़े-बड़े पत्थर बिछाने से यदि कोई दिक्कत नहीं आ रही है तो इंजीनियरिंग पढ़ने के बाद मैं यह नहीं कह सकता कि घर का फाऊंडेशन बनाते समय कुछ इस तरीके से ईंट या फिर इस तरीके से पत्थर लगाना गलत है क्योंकि यह सिविल इंजीनियरिंग हमें यह कहती है कि फाउंडेशन की निचे में हमें कुछ इस तरीके से पी सी सी वर्क करना चाहिए तो 20 से 30 साल पुराने घर जिनका फाऊंडेशन कुछ इस तरीके से एक डालकर बनाया गया है या फिर कुछ इस तरीके से
बड़े पत्थर की लेयर डालकर फाऊंडेशन बनाया गया है और वह घर बीस से पच्चीस साल होने के बाद भी अभी सही सलामत है उनमें किसी भी तरह की दिक्कत नहीं आ रही है तो इसका मतलब यही हुआ कि घर का फाऊंडेशन बनाते समय पी सी सी करते हैं तो यह बहुत अच्छा है और यह आप कुछ इस तरीके से ईंट बिठाकर फाऊंडेशन बनाते हैं तो भी अच्छा है और यदि आप एग्रीगेट डालते हैं तो भी अच्छा है किन्तु भाई सिविल इंजीनियरिंग यही कहती है कि आप फाउंडेशन की निचे में पी सी सी वर्क किया जाये तो सबसे अच्छा रहेगा l
अब चलिए हम बात कर लेते हैं कि ग्राउंड फ्लोर फर्स्ट सेकंड फ्लोर यदि इन तीनों में से हमें किसी भी ऊंचाई का घर बनाना है तो फाउंडेशन के लिए खुदाई करेंगे तो उसकी लंबाई, चौड़ाई और गहराई क्या रखना है और क्या होनी चाहिए यानि कि फाउंडेशन एक्सकैवशन की लम्बाई चौड़ाई और उचाई हमें क्या रखनी चाहिए तो यदि आप ग्राउंड फ्लोर और फर्स्ट फ्लोर इन दोनों में से किसी भी ऊंचाई का घर बना रहे हो यानी कि यह ग्राउंड फ्लोर बना रहे हो या फिर फर्स्ट फ्लोर बना रहे हो इन दोनों में से यदि आप किसी भी ऊंचाई का घर बना रहे हो तो आपको फाऊंडेशन की जो लंबाई चौड़ाई और गहराई यानी कि फाउंडेशन की लम्बाई चौड़ाई और उचाई जो है एक समान रखनी है यानि कि बराबर रखनी है
हमें रहने के लिए सर के ऊपर एक छत जरूरी है इसी को ध्यान में रखते हुए, घर बनाने का तरीका मतलब कि घर कैसे बनेगा तो हमारे जितने भी दोस्त है चाहे वह शहर रहे हो छोटे से छोटे गांव में रहे हो उन सबके लिए और आपकी भाषा में शुद्ध हिंदी में लेकर आ रहा हूं घर बनाने का तरीका l हर किसी का सपना होता है वह अपना एक घर होना चाहिए लोग सालों साल की मेहनत की कमाई से अपना घर बनाता है और जो अपना घर में जो रहने में मजा है वह बाहर आपके किराये के घर नहीं है इसलिए उस सपने को पूरा करने के लिए हम आपको स्टेप बाय स्टेप बताएंगे कि वह घर कैसे बनेगा जिससे आप एकदम सीख सकते हैं कि घर कैसे बनाना है और जब भी कोई घर बनाना शुरू करेंगे तो उस समय कोई भी कांट्रेक्टर मिस्त्री आपको कुछ अलग चीज ना बता देंl
पहला मेरा जमीन यह सबसे महत्वपूर्ण चीज है कोई जमीन हम कहां ले रहे हैं अब ऐसा ना हो कि मैं घर बनाने के इच्छा है लेकिन जमीन गांव में ले लिए शहर से दूर हट कर ले लिए जहां पर न तो बिजली की सुविधा है ना ही दुकान है ना ही सब्जी मिल रहा हैl जहां सब्जी का दुकान या मार्केट जाने के लिए हमें 10 किमी पैदल जाना पड़ता है ऐसा ना करना जमीन का चयन जो है सबसे महत्ववूर्ण है आपको हम और बताएं किस तरह जमीन लेना अब है कि यह तो हो गया जमीन की नपाई जहां पर जमीन ली है वह सबसे जरूरी है कि को आपको जमीन का रजिस्ट्री कर ले और हो सके तो आप अमीन को बुलाकर के जमीन की नपाई कर ले और वहां पर जो है टेम्पररी बाऊंडरी बना दीजिए तो इतना आपका जमीन है और उसी जमीन के अंदर आपको घर बनाना है उसमें कितना रूम निकलेगा क्या होगा क्या क्या रिक्वायरमेंट है उस रिक्वायरमेंट के अनुसार से तैयारी हमें करना है अब इसके लिए आप इंजीनियर आर्किटेक्ट संपर्क कर सकते हैं अपने से बनाने बैठे जाएगा तो अनाप-शनाप बन जाएगा तो नक्शा की तैयारी करवाना है आपको और उसके अनुसार यह तो ठीक है जमीन खरीद लिए नक्शा तैयार हो गया l
अब यह है कि जरूरी कागज सबसे इंपोर्टेंट चीज है अगर आपका वह जमीन नगर पालिका नगर निगम में आ रहा है तो सबसे पहले आप उसको इंजीनियरो से बात करके उसको अप्रूवल करवा लेते हैं और जो डोक्यूमेंट्री काम है अगर आप किसी कॉन्ट्रैक्टरों काम जरूरी कार्य जो भी काम आपका होता है सब आप उन्हें करवा लीजिए एग्रीमेंट करवा लीजिए और फिर घर का काम स्टार्ट कर दीजिये
यह घर की चौड़ाई 30′ है और गहराई 40′ हैl जिसमे सबसे पहले पार्किंग अति है उसके बाद फिर हॉल आती है, हॉल में ही सीडी हुए एक कॉमन लेट- बाथ दिया गया हैl फिर और अंदर जाने से खुला रसोई और भोजन कक्ष है वही से ही तीनो बैडरूम का दरवाजा दिया गया है और वही पास फिर लेट बाथ भी है उसके पीछे हवा आने जाने के लिए बिच में जगह छोड़ा हुआ हैl
15 कॉलम के साथ इस घर को बनाया जा सकता हैl बात करेंगे कॉलम का साइज का तो आप यहां इस कॉलम को 9’x9′ का रखा जा सकता हैl और इसमें 4 सरिया का उपयोग कर सकते हैl सरिया का साइज का बात किया जाए तो 12mm का सरिया का इस्तेमाल यहां पर किया जा सकता है अब जानते हैं इसके रिंग के बारे में तो इसके रिंग को 8mm का इस्तेमाल किया जा सकता है इस रिंग को 6′ की सेंटर सेंटर इसका दुरी रख सकते हैl
The width of this house is 30′ and depth is 40′. In which first of all there is parking lot, after that comes the hall, a common bath is given in the hall itself. Then going inside, there is open kitchen and dining room. There are doors to all three bedrooms and there is also a late bath next to it, with a space left behind it for ventilation.
his house can be built with 15 columns. If we talk about the size of the columns, then you can keep this column of 9’x9′ and 4 bars can be used in it. If we talk about the size of the bars, then it will be 12mm. The rebar can be used here. Now let us know about its ring. Its ring can be used of 8mm. The center distance of this ring can be kept at 6′.
जब अपनी मेहनत के पैसों से अपना घर बनाते हैं और कुछ ही समय बाद आपको पता चलता है की दीवार की टाइलें टूट के गिर रही है फ्लोर की निचे में से आवाज आ रही है और सामने एलिवेशन के टाइल निकाल के गिरने वाली हैं तो दिल अंदर से बहुत दुखता है, तो मैं आपको बताऊंगा की आपको अपने टाइल लगाने के लिए घर में क्या उपयोग करना चाहिए क्या आपको सीमेंट उपयोग करना चाहिए या टाइल एडहेसिव उपयोग करना चाहिएl
टाइल्स कोई सी भी हो चाहे फ्लोर टाइल हो चाहे दीवाल टाइल हो सीमेंट का उपयोग उसको अपनी जगह पर चिपकाए रहने के लिए किया जाता है तो सीमेंट का में काम टाइल और प्लास्टर वॉल सरफेस के बीच एक मजबूत जोड़ बनाए रखना का होता है ताकि टाइल सालों साल अपनी जगह पर बनी रहे पर दोस्तों समय के साथ टाइल के साइज धीरे-धीरे बढ़ते गए जहां पहले शुरू हुई थी उसके बाद 1’x1’6″, 2’x2’6″और आज की डेट में 4’x8′ फिट की टाइल भी आई हैं तो दोस्तों इतनी बड़ी टाइल आने लगी हैं इतना ज्यादा चेंज हो गया है टाइल के साइज में लेकिन आज की डेट में भी लोग वही पुराना सीमेंट वाला तरीका इसको चिपकने में उपयोग कर रहे हैं जो की बहुत बड़ी गलती है अगर आप टाइल लेने जाते हैं तो आज की डेट में किसी भी शोरूम के अंदर तो आप देखते हैं की टाइल्स की क्वालिटी कितनी ज्यादा इंप्रूव हो गई है टाइल आज की डेट में लग्जरी हो गई है बल्कि आज की डेट में कुछ कुछ टाइल्स तो ग्रेनाइट से भी ज्यादा अच्छी लगती है तो इतना कुछ चेंज तो हो गया है टाइल्स के अंदर क्वालिटी में भी और जैसा मैंने बताया अभी भी आज की डेट में भी ठेकेदार लोग सीमेंट का ही उपयोग कर रहे हैं उसको चिपकने में जिसकी वजह से इन टाइल के अंदर हलो नेस हो जाति है विग बॉन्डिंग रहती हैl
अब टाइम के साथ जो टाइल की क्वालिटी इंप्रूव हुई है साइज इंप्रूव हुआ है इसी वजह से इनको लगाने में भी काफी दिक्कत आने लगी है जैसे टाइल लग जाने के बाद होलोनेस मतलब टाइल का खाली ले जाना क्योंकि सीमेंट अच्छी पकड़ वहां पर नहीं बना पता है पूरे से नहीं फेल पता है और जब सीमेंट सुख जाता है ना दोस्तों तो वहां पर छोटे-छोटे होल्स बन जाते हैं जिसकी वजह से जब आप चलते हैं टाइल के ऊपर तो आपको आवाज़ आती है टाइल में से कुछ भारी सामान आप टाइल के ऊपर रखते हैं तो टाइल वो टूट जाति है और जो वाल टाइल लग रही है उनके लगाने की कुछ महीना या सालों बाद उनका दीवार से निकलकर गिर जाना लोगों को लगता है की सीलन की वजह से वो निकल के गिर रही है परन्तु वो ऐसा नहीं है टाइल्स की क्वालिटी इतनी इंप्रूव हो गई है लेकिन लगाने का तरीका आज भी वही पुराना है सीमेंट से तो इन्हीं सब समस्याओं को देखते हुए दोस्तों समाधान के तोर पर रॉफ्टटायर्ड एडहेसिव को बनाया गया है, राफ्ट टायर्ड एडहेसिव एक रेडीमेड मोर्टार है जिसमें सीमेंट स्टोन ईपॉक्सी पॉलीमर और कुछ केमिकल मिक्सर होता हैl
यह एक पाउडर फॉर्म में आता है जिसको पानी के साथ मिक्स करके आसानी से लगाया जाता है राफ्ट टायर्ड एडहेसिव और सीमेंट मोर्टार दोनों के कुछ फायदा और नुकशान है मैं दोनों का तुलना करूंगा और आपको बताऊंगा की आपके घर की टाइल्स के लिए अच्छा कौन सा हैl
पहले बात करता हूं मैं सीमेंट मोर्टार की तो जो सीमेंट मोर्टार जो है दोस्तों उसकी फायदा ये है की ये आसानी से आपको मिल जाता है आप किसी भी बिल्डिंग मटेरियल दुकान पे जाए और आपको यह तुरंत मिल जाएगा अगर नुकसान की बात करें तो टाइल में होने वाले सीमेंट और रेती का जो मसाला है उसका सही रेश्यो में हो उसके लिए हमें मिस्त्री के ऊपर ही निर्भर रहना पड़ता है मसाला सही से तैयार किया गया हो सही मात्रा में इसके अंदर पानी मिलाया गया हो इसके लिए भी हमें मिस्त्री और लेबर के ऊपर निर्भर रहना पड़ता है और इसके लिए लेबर का जानकर होना बहुत जरूरी है आपका जो रेती है आपका जो सीमेंट है इसकी क्वालिटी अच्छी है की नहीं है इसके लिए भी हमें मटेरियल सप्लायर के ऊपर निर्भर रहना पड़ता है अब जब फ्लोर की टाइलिंग होती है ना उसके अंदर बहुत सारा मोटा मसाला दाल देते है जब उसके ऊपर टाइलिंग की जाति है जो की करीबन 40mm से 50mm मोटाई तक पहुंच जाता और जिसकी वजह से आपके घर के स्ट्रक्चर के ऊपर डेड लोड बढ़ता है और जो डेड लोड होता है यह आपकी बिल्डिंग को कमजोर ही करता हैl कई बार बड़े साइज वाली टाइल्स पर सीमेंट मोटर है अपनी पकड़ पुरी जगह नहीं बना पता है जिससे टाइल में आवाज की प्रॉब्लम आने लगती है और कुछ भी भारी सामान आप उसके ऊपर रखेंगे तो टूटने की संभावना टाइल की बहुत ज्यादा बाढ़ जाति है दोस्तों जो वाल टाइल होती है वहां पर आपका ठेकेदार क्या करता है की पहले प्लास्टर होगा और प्लास्टर के ऊपर सीमेंट का पेस्ट है वो टाइल को चिपका देते हैं लेकिन समय के साथ-साथ जब सीमेंट सूखता है तो वो श्रिंक हो जाता है और श्रिंक होने के करण कुछ ही टाइम बाद टाइल्स का जो पकड़ है वो कमजोर हो जाता है और धीरे-धीरे वो समय के साथ-साथ वहां से उखाड़ना शुरू कर देती है आपको लगता है की सीलिंग की वजह से वो गिर रही है परन्तु वो ऐसा नहीं है क्योंकि सीमेंट श्रिंक हो गया है पूरा सुख चुका है और इसलिए उसका पकड़ काफी कमजोर हो गया और वो नीचे टूटकर गिर रही हैl
टाइल एडहेसिव के फायदे और नुकशान-
टाइल एडहेसिव के फायदे और नुकशान के बारे में बात कर लेते हैं तो पहले बात करते हैं इसके फायदे के बारे में बड़ी साइज की जो टाइल्स है जो बड़े साइज टाइल्स है उनके लिए बहुत ही सूटेबल होता है टाइल एडहेसिव टाइल और सीमेंट प्लास्टर के बीच में बहुत ही मजबूत पकड़ बनती है, जिससे टाइल के गिरने की समस्या ना के बराबर हो जाति हैl एडेसिव एक रेडी मिक्स मोर्टार है इसके अंदर बस आपको पानी मिलाना है और इसको उपयोग करना है तो इसमें ऐसा नहीं है कुछ रेसिओ आपको रेती का देखना पड़ेगा ये रेती की क्वालिटी देखनी पड़ेगी या किसी बिल्डिंग मटेरियल वाले के ऊपर निर्भर होना पड़ेगा या मिस्त्री के ऊपर निर्भर होना पड़ेगा इसको इस्तेमाल करना बहुत ही आसन है क्योंकि सब कुछ मिक्स होता है इसके अंदर पहले से ही बस पानी डालो और इसको लगाना शुरू कर दो टाइल्स पे तो उसके बाद आपको पानी तराई करने की भी कोई जरुरत नहीं पड़ती है तो आपका पानी भी बच जाता है दोस्तों अगर हम नुकशान की बात करें टाइल आदेसिव की तो उसकी नुकसान ये है की इसको बहुत ही अच्छे प्लास्टर के ऊपर ही लगाना जरूरी है क्योंकि अगर प्लास्टर का लेवल सही नहीं होगा तो टाइल आदेसिव को इस्तेमाल करना आपको बहुत मुश्किल बढ़ जाएगा क्योंकि जो परत होती है वह 5mm से 6mm तक पतला परत होती है बहुत ज्यादा सीमेंट मोर्टार की तरह मोटी लेयर नहीं होती डेड लोड नहीं बढाती बिल्डिंग को हल्का ही रखती है और प्लास्टर आपका अच्छे से ही करना हो दीवार के ऊपर टाइल आदेसिव से आप ये नहीं कर सकते की आप स्लोप दे रहे हैं फ्लोर को तो स्लोप आपको पहले ही प्लास्टर में कर लेना है RCC से और उसके बाद टाइल अडेसिव का उपयोग करना है क्योंकि अगर आप स्लोप भी टाइल अडेसिव से बनाएंगे तो ये आपको बहुत महंगा पड़ जाएगाl
तो अगर आपका RCC का काम जमीन पे सही हो रखा है और दीवार का प्लास्टर अच्छे से हो रखा है तो उसको उसे करना आसन रहेगा वरना बहुत मुश्किल रहेगा इसको उपयोग करना और ये महंगा भी पढ़ सकता है तो अब हम जान चुके हैं की आपको अपने घर में टाइल्स अडेसिव का उपयोग करना है अब आपकी बिल्डिंग में डेड लोड भी नहीं बढ़ेगा श्रिंकेज की प्रॉब्लम जो सीमेंट मोर्टार में आई थी वो इसमें नहीं आएगी तो भविष्य में आपकी टाइल्स के अंदर से आवाज नहीं आएगी और ना ही उसका टूटने का कल डर रहेगा कुछ भी हैवी मटेरियल उसके ऊपर रखना के बाद चाहे आपकी एक्सटीरियर टाइल सामने एलिवेशन में चाहे इंटीरियर हो वॉलपेपर टाइल और आपके लिए बेस्ट है अब आप बेफिक्रा होकर महंगी से महंगी टाइल अपने घर में लगा सकते हैं बिना इस चीज से डरे हुए की कल वो टाइल टूट जाएगी या बॉन्डिंग कमजोर होके दीवार से गिर जाएगी दोस्तों मुझे उम्मीद यह आपको समझ में आई होगीl
एक ठेकेदार आपको पागल बनाता है और अपना पैसा कमाने के चक्कर में आपका नुकसान कर देता है तो अगर आप घर बनाने जा रहे हैं या फिर आप सिविल इंजीनियरिंग के स्टूडेंट हैं तो ये पोस्टआपके लिए बहुत जरूरी हैl
1- खुदाई यानी आपकी जो ग्राउंड लेवल से खुदाई होगी फूटिंग के लिए वो कितनी रहनी चाहिए तो अगर आप ग्राउंड फ्लोर बना रहे हैं तो उसके खुदाई की चौड़ाई पता रहनी चाहिए 4 फिट और ग्राउंड प्लस एक या दो बना रहे हैं तो इसका चौड़ाई पांच फिट होनी चाहिए ग्राउंड लेवल से बहुत सारे ठेकेदार जल्दी करते हैं की तीन फिट कर लेते हैं इससे बाद में उनको बहुत दिक्कत आने वाली है क्योंकि घर की मजबूती जो है फाउंडेशन से बनती है तो इस बात को जरूर ध्यान रखेंl
2- फुटिंग की जाली जो आपकी फूटिंग जाली की सरिया के बीच का गैप है वो 6 इंच रहना चाहिए सेंटर से सेंटर,बहुत सारे लोग गैप को बड़ा के 9 इंच भी कर देते हैं जिससे फूटिंग की जो जाली है फूटिंग मेष है वो बहुत कमजोर हो जाती हैl
3- फूटिंग बार अब फूटिंग में जो जाली है उसके अंदर बाहर कितना मोटा सरिया डालना है यानी सरिया का साइज क्या रहेगा तो सरिया का साइज रहेगा 12mm बाकी आपकी ड्राइंग पे भी डिपेंड करता है लेकिन स्टैंडर्ड साइज आपको 12mm रखना है इसमें कुछ ठेकेदार गलती कर देते हैं उसको 8mm या 10mm भी कर लेते हैं या 8mm और 10mm का इसमें जाल बना लेते हैं उससे भी आपके घर के कमजोर होने के बहुत सारे चांसेस हैंl
4- अगला पॉइंट है कालम बार जो फूटिंग से कालम निकलता है आपका उसमें आपको 12mm का सेट रखना है 4 का अगर आप खाली ग्राउंड फ्लोर बना रहे हैं और 12mm का सेट रखना है आपको छह का अगर आप ग्राउंड प्लस एक बना रहे हैं तो
5-आपको फूटिंग में और कालम आपका उसके अंदर सीमेंट और रेती का जो रेसिओ कितना रखना है तो उसके अंदर m-20 कंक्रीट मिक्स रेसियो रहेगा तो जिसके अंदर एक बैग सीमेंट का रहेगा 1.5 बैग रेती का रहेगा और तीन बैग आपके गिट्टी के रहेंगे इसमें भी बहुत सारे लोग गलती कर देते हैं और रेसियो को ऊपर नीचे कर देते हैं जिसकी वजह से बाद में घर का कमजोर होने की बहुत सारी संभावनाएं बढ़ जाति हैl
13 बातें जाने बिना घर का कम आप स्टार्ट मत कर लेना-
6-अगला पॉइंट है बाहर से प्लिंथ बीम जो आपकी प्लिंथ बीम में उसके अंदर आपको कम से कम 12mm के 4 सरिया का सेट रखना है अगर आप ग्राउंड फ्लोर बना रहे हैं अगर ग्राउंड प्लस वन बना रहे हैं तो 6 सरिया का सेट रखना है इसमें बहुत सारे लोग गलती कर देते हैं 8mm और 10mm का लगा देते हैं जिसकी वजह से प्लिंथ बीम बहुत कमजोर हो जाति हैl क्योंकि फाउंडेशन का मामला है आप इसको कमजोर नहीं कर सकते फाउंडेशन को कमजोर करेंगे तो पूरा घर ही कमजोर हो जाएगा तो अगर आप खाली ग्राउंड फ्लोर बना रहे हैं तो 12mm के 4 सेट डालें और अगर आप ग्राउंड प्लस 1 या 2 बना रहे हैं तो 12mm का 6 सेट डालें और साथ ही साथ 16mm के 2 का सेट जो की ऊपर नीचे रहेंगेl
7- एग्रीकल्चर लैंड में किस तरह की फूटिंग करनी चाहिए तो इसका उत्तर है पाइलिंग अगर आपकी एग्रीकल्चर वाली लैंड है तो वहां आपको नॉर्मल फुटिंग नहीं करनी है मैं आपको पीलिंग फूटिंग करने की सलाह दूंगा l
8-थिकनेस ऑफ DPC होता है आपका डैम्प प्रूफ कोर्स इसका बेसिकली काम होता है की आपके घर में सीलन जो नीचे से आई है उसको रोकने का तो थिकनेस ऑफ डीसी आपको ढाई सेमी या फिर 1 इंच रखनी है इससे ज्यादा भी रख सकते हैं बट इससे कम आपको नहीं रखना हैl
9-अगला पॉइंट है मोटाई ऑफ छत यानी जो आपका लेटर है जो छत है उसकी मोटाई कितनी होनी चाहिए तो उसकी काम से कम 125mm या फिर पांच इंच इससे ज्यादा आप कर सकते हो लेकिन इससे कम आपको मोटाई नहीं रखती है, क्योंकि इससे लेंटर बहुत कमजोर हो जाएगा और बाद में इसमें से सीपेज की प्रॉब्लम भी आ सकती है और लेटर टूट भी सकता है कमजोर होने के करण तो लेटर को कम से कम मोटाई 125mm की रखनी हैl
10- कम से कम कितने मोटा सरिया उपयोग करनी है छत में यानी जो आपकी छत है जो आपका लेटर है उसके अंदर कम से कम कितना मोटा सरिया डाल सकते हैं तो सबसे कम जो साइज है उसके अंदर वो 8MM और खाली 8MM भी आपको नहीं डालना है 8MM और 10MM का मेन बार और 8MM में डिस्ट्रीब्यूशन बार का सेट होना चाहिए वो आपके अंदर के लिए सुरक्षित हैl ज्यादा से ज्यादा डायमीटर वाले सरिया जो आपका छत जो आपकी स्लैब है उसके अंदर सबसे ज्यादा साइज आप कितना उपयोग कर सकते है तो उसका सिंपल सा फॉर्मूला है 1 / 8 x छत की मोटाई मतलब 1/8 को आपको गुना करना है करना जो भी आपके छत की मोटाई है उससे उदाहरण 150mm है या 5″ है उससे आप गुना कर लीजिए जो भी आता है वो आप ज्यादा से ज्यादा उपयोग कर सकते है उससे ज्यादा उपयोग करेंगे तो आपके छत के लिए आपके लेटर के लिए वो सरिया बहुत भारी हो जाएगा और आपकी लेंटर की लोड बाढ़ जाएगा तो यह भी नहीं है की आपको बहुत हैवी चीज उपयोग करनी है अपनी मकान के अंदर हर चीज को सिमित में उपयोग करना है और टेक्निकल करेक्ट होना चाहिए हर चीज तभी आपका मकान मजबूती से बना रहेगा सालों सालl
काफी लोगों के दिमाग में धारणा होती है की हम मोटे से मोटा सरिया लगाएंगे तो मकान ज्यादा मजबूत बनेगा परन्तु ऐसा नहीं होता है मकान भारी होकर भी टूट जाता है तो इस बात का आपको जरूर ध्यान रखना है जैसे आपने कहावत सुनी होगी की नमक भी ज्यादा खाओ तो वो भी शरीर के लिए हानिकारक है तो ज्यादा भी सब कुछ खराब है और कम भी खराब है बराबर होना चाहिएl
11- वेट ऑफ स्टील अगर आप जानना चाहते हैं की एक फिट सरिया के अंदर कितना किलो वजन है तो उसका सामान्य सा सूत्र है DXD/533 जिसमें D जो है सरिया की मोटाई हैl उदाहरण 10mm का सरिया ये है तो वजन डाल के आपका सीधा आ जाएगा की एक फिट में इतना किलो सरिया का वजन हैl
12- सीढी इसके बारे में यानी चढ़ाव की हाइट कितनी हनी चाहिए तो ये होगी आपकी 6 इंच जो आपका प्लेट है जो आपकी प्लेट है उसकी लेंथ कितनी हनी चाहिए वो हनी चाहिए कम से कम 10 इंच और जो आपकी चौड़ाई है स्टेप की यानी सीडी की जो चौड़ाई है वो होनी चाहिए कम से कम 3′ अगर इससे कम रहेगा तो कुछ भी आपको ऊपर से नीचे उतारने में या सामान को या खुद ऊपर से नीचे चढ़ने में बहुत दिक्कत होने वाली है क्योंकि घर के अंदर बुजुर्ग लोग भी रहते हैं जिन्हें सीडी उपयोग करने में बहुत दिक्कत आएंगे और बाद में आप सोचेंगे की मेरा पैसा वेस्ट हो गया हैl
13- छत की उचाई यानी हमारे फ्लोर लेवल से हमारी छत की उचाई कितनी होनी चाहिए तो 11 फिट 3 इंच क्योंकि आजकल हम लोग फाल सीलिंग भी करते हैं तो उसका स्पेस भी उसमें छूट जाता है तो 11 फिट 3 इंच आपको हाइट कम से कम रखना ही हैl इससे कम करेंगे तो आपको बहुत दिक्कत आ सकती है घर में सफोकेशन भी बाढ़ जाता है हाइट अगर कम रहती है छत की तोl
जी नमस्कार अगर आप अपने किचन बनवा रहे हैं तो वह 10 ऐसी बातें जो आपको ध्यान रखनी है जिससे की बाद में आपका लाखों का नुकसान ना हो कि कई बार वह घर बनाते हैं और बहुत सारी चीजें मिस कर देते हैं और वह चीजें बाद हमको बहुत नुकसान करती है क्योंकि अगर आप इसको तोड़ने पर उतर आते हैं बाद में तो उसमें पर लाखों खर्च भी आ सकता है क्योंकि दिनोदिन कंस्ट्रक्शन का रेट बढ़ते जा रहे हैं तो आपको इन बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है ताकि आपके लाखों बच सकें तो चलिए आइए शुरू करते हैं और जानते हैं किचन में ऐसा क्या कारण है कि बाद में आपको कोई समझ आता है-
वास्तु के अनुसार किचन की जगह आपके अग्निकोण में होना चाहिए-
1-वास्तु के अनुसार किचन की जगह आपके अग्निकोण में होना चाहिए,अग्नि कोण पर आपकी किचन का होना बहुत शुभ माना जाता हैl तो जरूरी यह है कि आपकी किचन दक्षिण पूर्व की तरह ही हो अब हम बात करेंगे किचन के साइज के बारे में
2-तो जो किचन का साइज है वह 8’x 10′ होना चाहिए मिनिमम साइज 6′ भी कर सकते हैं छह से सात फीट में भी आपकी अच्छी किचन निकल जाती है और अगर आपके पास जगह बहुत ही कम है तो अपने किचन को आप ओपन ही रखें दीजिये किचन घर में एक बहुत बड़ा रोल प्ले करती है तो जरूरी यह है कि किचन इस तरह बनी हो कि आप या आपके पार्टनर बिना किसी परेशानी से आराम से कुकिंग कर सकेl
3-आगे हम बात करेंगे आपके किचन का स्लाइड है उसकी हाइट आप तीन फिट रखें फ्लोर से और हाईट को आप अपने पार्टनर के अनुसार थोड़ा एडजेस्ट भी कर सकते हैंlअगर आपके पार्टनर के ही ज्यादा यानी 5′ या इनसे ज्यादा है तो आप किचन की प्लेट को 3’6″ कर सकते हैं अगर आपके पार्टनर की जो हाइट 5′ से कम है तो हाईट को 3′ ही रखेंl काफी बार लोग इस बात पर ध्यान नहीं देते हैं और बाद में उनको नुकसान सहना पड़ता है और उनके पार्टनर को कुछ भी कटिंग करते वक्त बहुत परेशानी होती है तो इस चीज का ध्यान रखना चाहिएl
4-हम बात करेंगे किचन के रैक के बारे में तो जो किचन के नीचे वाले रैक है वह बड़े होने चाहिए और ऊपर वाले रैक छोटे होने चाहिए नीचे वाले रैक को अपने किचन के फ्लोर आपको से चार इंच हाइट पर रखना है क्योंकि आप किचन को मॉडल किचन बनवाएंगे तो उसमें लकड़ी या फाइबर लगाएंगे तो जरूरी है कि पानी से टच ना हो और वह खराब ना हो क्योकि लकड़ी खराब हो जाती है और फाइबर भी कुछ टाइम के बाद खराब हो जाता है तो कैबिनेट को बचाकर रखें पानी से और उसके लिए आप चार इंच हाइट रखें अपने कैबिनेट की काफी लोग क्या करते हैं कि कैबिनेट की साइज से डिसाइड नहीं कर पाते हैं और उनका जो कैबिनेट है वह जमीन से टच कर होता है धीरे धीरे कैबिनेट फ्लोरो से टच कर होता है वह धीरे-धीरे पानी लगने कारण खराब होते रहते हैं तो इस चीज का आपको ध्यान रखना है कि आपका कैबिनेट है उसकी हाइट फ्लोर से 4 इंच उपर हो
5-अब हम बात करेंगे शिंक फ्लोर के बारे में की शिंक सही लगी है या नही उसके नीचे का जो फ्लोर है उसको आपको किचन फ्लोर से 2 इंच नीचे रखना है क्योंकि किचन में काफी टाइम आपका पानी में काम भी रहता है तो जरूरी है कि आपका जो पानी है किचन से अच्छे से ड्रेन हो जाए तो ड्रेनेज अच्छा रखने के लिए आपको शिंक के नीचे के फ्लोर की जो हाइट है वह किचन की कोट 2 इंच नीचे रखना है
6-अब हम बात करेंगे किचन में वेंटिलेशन के बारे में तो किचन के अंदर प्रॉपर वेंटिलेशन होना बहुत जरूरी है अगर आप अगर तीनों साइड से बंद है तो आप छत के ओपन कटेरिया से भी वेंटिलेशन निकाल सकते हैं या फिर किचन के अंदर चिमनी लगाएं और एक विंडो हो तो बहुत ही अच्छी बात है तो अगर विंडो नहीं है तो चिमनी को जरूर लगा लें किसी अच्छी कंपनी की चिमनियां आप ले सकते हैं क्योंकि देखिए किचन में अगर आप सफाई नहीं रखेंगे तो किचन में जो काम होता है उसकी वजह से चिकनाई किचन में जम जाती है पेण्ट खराब हो जाता है आपका कैबिनेट खराब हो जाते हैं और साफ-सफाई रखनी बहुत जरूरी किचन के अंदर क्योंकि किचन एक ऐसी जगह जहां पर खाना बन रहा है तो उसका साफ रखना बहुत जरूरी हैl
7-दोस्तों तो अब हम बात करेंगे विंडो के प्लेसमेंट के बारे में जो आपके किचन में आपको विंडो लगानी है वह कहां लगानी है वो आपको पहले ही डिसाइड करना है किचन बनाते समय विंडो का ध्यान नहीं रखते हैं और बाद में उसे शिंक के ऊपर बना देते हैं विंडो को और शिंक की नल एक ही जगह हो जाती है और फिर आपको शिंक की पॉजिशन चेंज करनी पड़ जाती है तो पहले ही डिसाइड करें तो अगर आप विंडो को शिंक के ऊपर बनानां है तो एक फिट छोड़ के रखें बीच में शिंक के नल लग सके और विंडो खुल सके और प्लंबर का काम सही से हो सकेl
8-हम बढ़ते हैं अगले पार्ट की तरफ वह है इलेक्ट्रिक स्विच वह भी आपको प्री डिसाइड करने पढेंगे कि किचन में आपको गीजर लगाना है शिंक के साथ या फिर चिमनी लगानी है एक मिक्सचर का स्विच और फिर नार्मल लाइट कि स्विच लगा रहे हैं तो मान कर चलें कि आपके दो स्विच बोर्ड और चार प्लग तो किचन में होने चाहिए और वह कहां लगाना है वह पहली डिसाइड कर लें क्योंकि बाद में इलेक्ट्रिक काम होता है तो बहुत प्रॉब्लम होती है इलेक्ट्रिशियन आपको खुद बोलते हैं यहां पर लगने वाला और आपको चाहिए कि मुझे है लगाना है तो बहुत दिक्कत आ जाती है तो पहले डिसाइड कर लें आपको कहां स्विच लगवाना हैl
9- अगला पॉइंट की तरफ बढ़ते हैं यह किचन में टाइल लगानी या नहीं लगानी चाहिए, लगवानी चाहिए तो कहां लगाने चाहिए तो टाइल किचन की फ्लोर पर नहीं लगानी चाहिए क्योकि भारी सामान यहां पर यूज होता है और यंहा पर टाइल के ऊपर बर्तन गिर जाते हैं इस वजह से टाइल टूट जाती है तो बाद में आपको सेम टाइप टाइल नहीं मिल पाती बाद में 2 साल बाद अगर आप अलग टाइप लगाएंगे तो वह अलग ही दिखती है और मजा नहीं आता देखने में चाहे किचन कितनी ही अच्छी बनी हो तो आप मार्बल लगाए किचन में जो रेकमेंड करूंगा और जो टाइल आपको लगानी है वह कैबिनेट टॉप के ऊपर और रैक के बीच में लगाएं और वहां पर डार्क वाली टाइल लगवाना है जो में रेकमेंड करूंगा क्योंकि अगर डार्क टाइल लगवाते हैं तो वह जल्दी गन्दी नहीं होती है जो लाइट टाइल को लगते है वह टाइल्स पर जल्दी गंदगी चिपक जाती है तो इस बात का जरूर ध्यान रखेl
10-अगर आप किचन में फ्रीज रखने वाले हैं तो पहले ही डिसाइड कर लेंगे फ्रिज की पॉजिशन कहां होने वाली है उस हिसाब से वंहा पर आप जगह छोड़ दें प्रॉपर और वास्तु के अनुसार जो इसका पोजीशन है वह पश्चिम ही अच्छा माना जाता है तो इस बात का ध्यान रखें पहले सब कुछ फ्री डिसाइड करके रखे तो आपके लिए बहुत फायदेमंद होगाl आपको काउंटर टॉप जो है उस पर डार्क कलर ग्रेनाइट लगवाए अगर आप लगवाना चाहते हैं तो क्योकि वह जल्दी से गंदा नहीं होता और बाद में आपको रेड कलर के ग्रेनाइट से होने वाली प्रॉब्लम को झेलना नहीं पड़ेगा दोस्तों इन चीजों का ध्यान रखें आपके लाख रुपए बच सकते हैंl
जी हाँ दोस्तों आज की आर्टिकल में मैं आपको नया घर बनाने से पहले चीजों की जानकारी देना चाहता हु की किन बातों का ध्यान रखना चाहिए जिससे आपको बाद में पछताना ना पड़े तो आज की आर्टिकल में मैं आपको सारी डिटेल बताने वाला हूं कि घर बनाने से पहले किन बातों का ध्यान रखने से आपको बाद में पछताना न पड़ेl
इंसान का सपना होता है अपनी मेहनत की कमाई से वह घर बनाता है पर कुछ जानकारी के अभाव में उस घर में कुछ कमियां आ जाती है जिसे बाद में ठीक नहीं जा सकता जिसके बारे में बात करेंगेl
RCC- कॉलम –
कभी भी घर बनाते हैं तो वह RCC- कॉलम वाला ही बनाना चाहिए जो आजकल सारे जो घर बने हैl
कमरे का पावर बटन-
आपको ध्यान रखना चाहिए कमरे का पावर बटन गेट पर लगाना चाहिए, जिससे किआप घर में अगर कोई इंस्ट्रूमेंट या फिर कोई फैन लाइट है यह कुछ भी चालू हो तो अगर आप बाहर जा रहे दो तीन चार पांच घंटे के लिए जा रहें हैं तो आप वहां से उसे बंद कर सकते हैं तो यह जरूर ध्यान रखिए कि हमारा जो यह लगाना चाहिए
सूरज की रोशनी लाने के लिए उपाय करें-
आपको याद रखना चाहिए नए घर में सूरज की रोशनी लाने के लिए उपाय करें क्योकि यह बहुत महत्वपूर्ण है घर के अंदर ऐसी एक जगह हो जहां से बाहर की रोशनी आयेl अगर हमारे घर में सूरज की रोशनी में न आये तो हमें दिन भर लाइट जलानी पड़ेगी जिससे की बहुत ज्यादा बिजली का बिल बढ़ जाएगा और घर में रहने से घर का माहौल भी अच्छा नहीं रहता हैl अगर आपके घर में अच्छा सा नैचुरल लाइट अगर आती है तो उससे दोस्तों बहुत फायदा होता है और घर में जो में वातावरण भी अच्छा रहता है घर में खुशहाली बनी रहती है वास्तु के हिसाब से यह बात कही गई है और अब नए घर में सूरज कि रोशनी घर के अंदर लाने के लिए दूसरा उपाय खिड़की दरवाजे के ऊपर चौखट में रोशनदान जरूर लगाएl
दीमक की दवाई जरूर डालना –
नया घर बनाते समय आपको याद रखना है की दीमक की दवाई जरूर डालना कई बार घर तो अच्छा बन जाता हैl लेकिन घर के अंदर नीचे से अगर दीमक घर में अंदर घुस जाए तो हमारे सारे फर्नीचर और नीव वह अंदर से खराब कर देंगे आपको बाहर नजर भी नहीं आएगा और जब सारा नुकसान हो जाएगा तब आपके ध्यान में आएगा तो इस बात का जरूर ध्यान रखिए जब भी आप घर बनाए तो यह दीमक की दवाई जिसको एंटर ट्रीटमेंट कहा जाता है टेक्निकल लैंग्वेज में फ्लोर के निचे जरूर डालना है, जिससे भविष्य में आपको दीमक से परेशानियां कम होंगीl
वाटर प्रूफिंग का जरूर कराएं-
आपको याद रखना है की पानी के टैंक और आरसीसी की छत में वाटर प्रूफिंग का जरूर कराएं यदि इन दोनों में से किसी एक में पानी रिसने लगा तो बड़ी समस्या हो जाएगी और दोस्तों बाद मैं आपको बहुत ज्यादा पैसे खर्च करना पड़ेगा l
पाइपलाइन कनेक्शन चेक-
ध्यान रखें जब भी हम घर बनाएंगे उसमें पानी के टैंक है,जैसे वह पाइपलाइन की फिटिंग हो जाने पर आपको एक बार टंकी में पानी भर के कनेक्शन चेक कर लेना जरूरी है
अंदर वाले दरवाजा के लॉक –
नया घर बनाते समय घर के अंदर वाले दरवाजा के लॉक को बच्चों के पहुंच से ऊपर लगाए क्योकि घर के अंदर जो दरवाजा अंदर से बच्चे लॉक देगा तो वह छोटे बच्चे खोल नहीं पायेगा इसीलिए आपको नीचे ना रखकर ऊपर रखे तो यह बात जरूर ध्यान रखना चाहिएl
घर के लिए महत्वपूर्ण वास्तु टिप्स (Vastu Tips for Home)
हमारे जीवन में वास्तु का बहुत ही अधिक प्रभाव होता है
(Vastu has a great influence in our lives) गैरे कार्यक्षेत्र आदमी दशा-दिशा लें हमारे भाग्य और सकारात्मक सोच को बेहद गहरे तौर पर प्रभावित करती है आज इस ब्लॉग के माध्यम से हम कुछ ऐसे छोटे और सरल इस खास वास्तु उपाय बताएंगे जिनको अपनाकर आप अपने आस-पास के वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा को न केवल बढ़ा सकते हैं बल्कि अपने हुए भाग्य को भी चढ़ा सकते हैं आइए जानते हैं यह उपाय स्तुति पहला हमें कभी भी घर की सजावट में काले रंग का प्रयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि वास्तु शास्त्र में काले रंग को अशुभ माना जाता है इससे घर का माहौल तनावपूर्ण व निराशा जनक खो जाता है दूसरा यह घर में लगा पर्दा कहीं से कट या फट जाए तो उसे तुरंत ही हटाकर नया पता लगाना चाहिए क्योंकि घर में कटे फटे पैरों के होने से दरिद्रता आती हैl
घर के सौहार्दपूर्ण वातावरण को बनाए रखने के लिए घर में सात्विक व हल्के रंग स्थानों से सजावट करनी चाहिए घर के ड्राइंगरूम में सोफासेट को हमेशा दक्षिण पश्चिम दिशा की ओर रखें TV को पश्चिम दिशा में रखें समय से पर्दों को धोना चाहिए क्योंकि इसे नकारात्मक उर्जा घर में सजावट के लिए पोस्टर खरीदते वक्त हमेशा ध्यान रखें किसी प्रकार की हिंसा यह अपराधों के चित्र नहीं रखना चाहिए क्योंकि इससे घर में अशांति अति है, परिवार की फोटो फ्रेम है तो उसे पश्चिम दिशा में लगाएं इससे परिवार के सदस्यों में मधुरता और आपसी प्रेम करता है कि पूर्व व दक्षिण दिशा की और ताजे फूल रखने से घर के सदस्यों का मन शांत एवं प्रसन्न रहता हैl
घर में पूजा घर व पूर्व दिशा की ओर बनाना चाहिए क्योंकि पूर्व दिशा अपने देवताओं का निवास होता है समान घर के फर्श में स्वास्थ्य देवी-देवता शंकर पुस्तक परिणाम तथा पशु-पक्षी की आकृति नहीं बनानी चाहिए ऐसा करने से घर के सदस्यों का स्वास्थ्य खराब हो सकता है और इससे आप मानसिक रोगी भी बन सकते हैंl कमरे में एक ही रंग होना चाहिए वास्तु के हिसाब से कमरे में अलग-अलग रंग होना अशुभ होता है कमरे की दीवार टूटी हुई नहीं होनी चाहिए उस कमरे में रहने वाले व्यक्ति पर गलत प्रभाव पड़ता है, घर के मुख्य प्रवेश द्वार में प्रतिमा रखने से घर में नकारात्मक नहीं आती अपने घर में सजावट के लिए एक मछली भी रख सकते हैं यह सिर्फ आपके घर की सुंदरता को बढ़ाते हैं वास्तु दोषों को दूर करते हैं इसलिए उसे घर में रखना बहुत शुभ माना गया हैl
घर में बच्चों या बड़ों का स्टडी रूम पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए इसे बच्चों का मन पढ़ने में अधिक लगता है और बच्चे के स्मरण शक्ति बढ़ती है, घर में कभी भी कम रोशनी नहीं रखनी चाहिए इसलिए घर में सदैव अधिक रोशनी देने वाले लाइट और बल्ब लगाने चाहिएl
घर की किचन में कभी भी काले रंग के फनी चेहरे या टाइल्स नहीं लगाने चाहिए और हमें कभी भी उत्तर दिशा की ओर नहीं सोना चाहिए इसके अलावा हम किसी भी दिशा में सो सकते हैं, घर की पूर्व दिशा में उगते हुए सूरज की तस्वीर लगानी चाहिए इससे घर में शांति रहती है पर घर को सकारात्मक उर्जा मिलती है विश्व नवविवाहित जोड़े की फोटो को सदैव घर की उत्तर दिशा या उत्तर दक्षिण की ओर में लगाना चाहिए इससे उन्हें प्रेम बढ़ता हैl