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चूहों ने मचा रखा है घरो में आतंक? हमेशा के लिए छुटकारा पाना है, तो ये 5 घरेलु नुस्के आएंगे काम

चूहों ने मचा रखा है घरो में आतंक?

चूहों ने मचा रखा है घरो में आतंक? तो ये 5 घरेलु नुस्के आएंगे काम:-चूहे घर में बिन बुलाए मेहमान की तरह आ जाते हैं, जो सामान की बर्बादी, बीमारी और इंफेक्शन को अपने साथ लेकर आते हैं। यहां आप चूहे को भगाने के जबरदस्त घरेलु नुस्के के बारे में जान सकते हैं।

चूहे गणेश देवता के वाहक माने जाते हैं। इसलिए मंदिरों में पूरे सम्मान और श्रद्धा के साथ लोग इसकी पूजा भी करते हैं। परन्तु, जब यह भगवान के वाहक घर में घुस आते हैं, तो सभी लोग इनके जान के दुश्मन बन जाते हैं। इन्हें घर से भगाने के लिए घर के किनारों में पिंजरा और रोटी में चूहों के लिए जहर मिलाकर रख देते हैं।

यह बात भी सच है कि चूहे घर के सारे सामानों को बर्बाद कर के रख देते हैं। खाने के सामान और डब्बे तक को भी चूहा कुतर कर खा जाते है।घर के सोफे और बिजली के तार भी इनके दांतों से बच नहीं पाते हैं। अपने कीमती सामानों को इस हालत में देखने के बाद कोई भी व्यक्ति का खुद पर काबू खो सकता है। परन्तु, फिर भी चूहे से छुटकारा पाने के लिए उन्हें कोई मारना नहीं चाहता है। इन्हें आप आसानी से बिना पिंजरा और बिना जहर के भी घर से बाहर भगा सकते हैं।

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आज हम आपको चूहे भगाने वाले ऐसे ही रामबाण घरेलु नुस्के के बारे में बता रहे हैं, जिसे उपयोग करने के दूसरे दिन ही आपके घरों से चूहों की विदाई हो जाएगी। यकीन नहीं आ रहा है तो खुद ही एक बार आजमा कर देख सकते है।

चूहों ने मचा रखा है घरो में आतंक? इन घरेलु नुस्के का करें इस्तेमाल, सारे चूहे हो जाएंगे घर से गायब

1.- पेपरमिंट स्प्रे का उपयोग करें।
2.- तंबाकू को बेसन में मिलाकर रखें देवे।
3.- फिटकरी का पावडर बनाकर छिड़काव करें।
4.- लाल मिर्च की पावडर का छिडकाव करके भी चूहे भगा सकते है। 5.- पूजा में इस्तेमाल होने वाला कपूर आपको चूहों से निजात दिलवा सकता है

1.- पेपरमिंट घरेलु नुस्के का स्प्रे करें।

पेपरमिंट स्प्रे का उपयोग करें
पेपरमिंट स्प्रे का उपयोग करें

चूहे को भगाने का एक असरदार घरेलु नुस्का है पेपरमिंट का स्प्रे। इसकी सुगंध चूहों को बिल्कुल भी पसंद नहीं आती है। इसके कारण तुरंत उस जगह को छोड़कर भाग जाते हैं। यदि आपके भी घरों में चूहे ज्यादा हो गए हैं, तो पेपरमिंट को उनके रहने वाले जगह पर छिड़काव कर दें। आप देखेंगे कि सारे चूहे धीरे-धीरे गायब हो जाएंगे।आप चाहें तो पानी में मिलाकर भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।

2.- तंबाकू को बेसन में मिलाकर रखें देवे।

आजकल के समय में तंबाकू का सेवन बहुत ही बढ़ गया है। लेकिन यह स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक होता है। परन्तु, आप घर में चूहे के आतंक से बहुत ही परेशान हैं, तो यह आपके लिए बहुत ही कारगर साबित हो सकता है।

तंबाकू में विभिन्नं प्रकार के नशीले पदार्थ होते हैं। जिससे इसे खाने के बाद चूहें को नशा हो जाता हैं। और वे पानी की तलास में घर से बाहर चले जाते हैं। इसे तंबाकू बेसन और घी मिलकर लड्डू बनाकर उनके ठिकानों पर रख दें। फिर देखें कैसे एक बार में सारे चूहें कैसे गायब होते हैं।

फिटकरी का पावडर बनाकर छिड़काव करें
फिटकरी का पावडर बनाकर छिड़काव करें

3.- फिटकरी का पावडर बनाकर छिड़काव करें।

चूहों को फिटकरी की सुगंध बिल्कुल भी पसंद नहीं होती है। ऐसे में आप फिटकरी का इस्तेमाल भी चूहों को घर से भगाने के लिए कर सकते हैं। ऐसे में आप फिटकरी के पाउडर का घोल बनाकर उनके जगह के पास छिड़क सकते हैं। इसकी सुगंध से चूहे जगह छोड़कर भाग जाएंगे।साथ ही आप फिटकरी के पाउडर को पानी में घोलकर इसका छिडकाव कर सकते हैं।

4.- लाल मिर्च की पावडर का छिडकाव करके भी चूहे भगा सकते है।

लाल मिर्च: रेड चिली पाउडर का उपयोग भी आप चूहों से छुटकारा पाने के लिए कर सकते हैं. इसके लिए आपको लाल मिर्च का पाउडर या फिर इसका घोल बनाकर घर में उन जगहों पर छिड़क सकते हैं जहां चूहों का ज्यादा आना-जाना होता है।

5.- पूजा में उपयोग होने वाला कपूर आपको चूहों से छुटकारा दिलवा सकता है।

पूजा में इस्तेमाल होने वाला कपूर भी आपको चूहों से छुटकारा दिलवा सकता है। इसके लिए आपको स्टोर रूम, किचन और उन स्थानों पर कपूर के टुकड़े रख सकते है, जहां चूहे ज्यादा होते हों। कपूर की सुगंध चूहों को बिल्कुल भी पसंद नहीं आती है इससे उनका दम घुटने लगता है. इस तरीके से कपूर का इस्तेमाल चूहे को घर से भगाने के लिए काफी अच्छा नुस्के हो सकता है।

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घर बना रहे हैं? (BUILDING A HOUSE) इन 5 तरीकों से कम कर सकते हैं निर्माण लागत:-

घर बना रहे हैं

(BUILDING A HOUSE) घर बना रहे है तो इसके लिए निर्माण लागत औसत लागत लगभग 1,500 रुपये प्रति वर्ग फीट आती है. महंगे मटेरियल के साथ माडर्न घरों के लिए यह करीब 2,000 रुपये प्रति वर्ग फीट खर्च बैठती है।

विभिन्न प्रकार के रिपोर्टों से पता चला है कि अधिकतर लोग प्‍लॉट लेकर घर बनवाना पसंद करते हैं. रिसर्रेच से पता चला है कि रेसिडेंशियल प्‍लॉट की डिमांड बहुत बढ़ी है. यह बिल्‍कुल ठीक है कि आज के समय में प्‍लॉट खरीदना आसान है। लेकिन, इस पर घर बनवाना आसान नहीं है. सबसे बड़ी चुनौती निर्माण लागत को कम से कम करने की है।अगर समझदारी से कंस्‍ट्रक्‍शन कराया जाए तो काफी अधिक बचत की जा सकती है

आर्किटेक्‍ट और ठेकेदार भी इस बात के लिए सहमति जताते हैं कि छोटी-छोटी कार्य को सही तरीके से करके निर्माण लागत में 12%-15% की बचत की जा सकती है या फिर कारपेट एरिया को 15% तक बढ़ाया जा सकता है।

सवाल यह उठता है कि आप निर्माण लागत में कितनी बचत कर सकते हैं? यह निर्माण के लिए उपलब्‍ध जगह पर निर्भर करता है. वैसे तो कंस्‍ट्रक्‍शन कॉस्‍ट अलग-अलग जगह में अलग-अलग हो सकती है। परंतु, घर बनाने में औसत लागत लगभग 1,500 रुपये प्रति वर्ग फीट आती है महंगे साजो-सामान के साथ मॉडर्न घरों के लिए यह करीब 2,000 रुपये प्रति वर्ग फीट खर्च बैठती है। वहीं पर,अगर बहुत ही बुनियादी चीजों से काम चला सकते हैं तो यह लागत 1,200 रुपये प्रति वर्ग फीट तक आ सकती है।

इस तरीके से अगर आप 2,000 वर्ग फीट में घर बनवाने की सोच रहे हैं तो कंस्‍ट्रक्‍शन का बजट लगभग 30 लाख रुपये तक आ सकती है। इसमें 12%-15% की बचत मतलब है कि 3.6 लाख रुपये से 4.5 लाख रुपये आपके हाथ में रहेंगे। ऐसे में निर्माण लागत को कम करने के लिए कुछ आसान से टिप्‍स दिए गए है। आइए, यहां देखते हैं-

BUILDING A HOUSE
फ्लाई-ऐश ईंट या ब्लाक का उपयोग करें

घर बना रहे हैंतो फ्लाई-ऐश ईंट या ब्लाक का उपयोग करें:-

घर बना रहे है तो आप मिट्टी के ईंट के स्थान पर आप फ्लाई-ऐश ईंट का भी उपयोग कर सकते है। यह आपको 7 से 10 रुपये में उपलब्ध हो जाएगी जबकि मिट्टी के ईंट के लिए 10 से 12 रुपये प्रति ईंट खर्च करने पड़ सकते है। फ्लाई-ऐश ईंट या ब्लाक से बनी दीवार पे मोटा प्लास्टर करने की भी आवश्यकता नहीं पढ़ती है। इससे लेबर का खर्च भी बचता है। साथ ही मटेरियल भी कम लगती है। आप इससे बनने दिवार पर आप पुट्टी लगवाकर पेंट भी करवा सकते हैं। इससे मटेरियल और लेबर दोनों का खर्च कम लगता है। यह निर्माण लगात घटाने में सहायता करता है।

1.घर बना रहे हैंतो सही प्‍लॉट का करे चुनाव :-

(BUILDING A HOUSE) घर बना रहे है तो आपको ऐसा प्‍लॉट खरीदने की कोशिश करनी चाहिए जो समतल और सड़क के लेवल पर हो.अगर प्‍लॉट ऊबड़-खाबड़ या पथरीला है तो इसमें अलग से खर्च बढ़ जाएगी प्‍लॉट को बराबर कराने में अलग से मटेरियल खर्च होगा जो इसकी कंस्ट्रक्शन लागत को और बढ़ाएंगे।

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2 कॉलम के बीच की दूरी कितना होनी चाहिए ?

घर बना रहे हैंतोअच्‍छा आर्किटेक्‍टऔर ठेकेदार से सलाह ले :-

घर बना रहे है तो अच्‍छे आर्किटेक्‍ट की सेवाएं लेने में पैसा भी अधिक लगता है. लेकिन, कंस्‍ट्रक्‍शन लागत में आपको काफी बचत होती है। अच्‍छे आर्किटेक्‍ट उपलब्‍ध जगह का बेहतर से बेहतर इस्‍तेमाल करते हैं. इससे निर्माण लगत में बचत होती है. इसी तरह घर का पूरा काम खत्म करके चाबी पकड़ाने वाले ठेकदार अमूमन कंस्‍ट्रक्‍शन कॉस्‍ट का लगभग 10 फीसदी चार्ज करते हैं।

क्‍या कंस्‍ट्रक्‍शन की जिम्‍मेदारी खुद लेकर आपको यह खर्च बचाना चाहिए? अगर आपके पास समय है तो आप ऐसा कर सकते हैं। लेकिन, इस बात को भी याद रखें कि पूरा 10 फीसदी खर्च नहीं बचा सकते है क्‍योंकि आपको जबरदस्ती एक सब-कॉन्‍ट्रैक्‍टर रखना पड़ेगा और यदि यह काम आप खुद करने की योजना बना रहे हैं तो डिजाइन को सिंपल रखें।

BUILDING A HOUSE स्‍टैंडर्ड डिजाइन के साथ जाएं

आपके दिमाग में किसी बहुत खूबसूरत घर का ख्‍याल हो सकता है लेकिन, इसे बनवाने में लागत भी बहुत आएगा। अच्‍छा यही रहेगा कि आप आमतौर पर उपयोग होने वाले सामान्य स्‍ट्रक्‍चर के साथ ही बनाये यह मजबूत होता है और वजन भी झेल पाता है. चमक-धमक वाले स्‍ट्रक्‍चर आंखों को अच्‍छा दीखता हैं. लेकिन, इनमें मजबूती बहुत ही कम होती है।

BUILDING A HOUSE बड़े पैमाने पर स्‍थानीय जगह से खरीदारी करे:-

BUILDING A HOUSE घर बनाने के लिए लागत घटाने का सबसे अच्‍छा तरीका यह है कि कच्‍चे माल की खरीददारी स्‍थानीय स्‍तर पर की जाए। चाहे वह सीमेंट, ईंट हों या दरवाजे, पल्‍ले और खिड़कियां. एक जगह से खरीदने पर सस्ता तो पढ़ता है लेकिन, यह देख लेना चाहिए कि इन्‍हें स्‍टोर करने का पर्याप्‍त इंतजाम है या नहीं है।

घर बना रहे हैं तो उम्र से जुड़ी हुई लागत का ध्‍यान रखें :-

कम लागत में (BUILDING A HOUSE) घर बना रहे है इसका उद्देश्य ये नहीं है कि उसकी गुढ़वता के साथ समझौता किया जाए। घर बनवाने में सिर्फ शुरुआती लागत का नहीं, बल्कि पूरी समय इस पर आने वाले खर्च को ध्‍यान में रखने की जरूरत है। यह करीब 30-50 साल की होती है। आर्किटेक्‍ट की मदद से ऐसा मटीरियल का चुनाव करे जो लंबे समय तक चल सके। साथ ही साथ वह बहुत महंगा भी ना हो, यह आपको आने वाले भविष्‍य में रिपेयर या रिप्‍लेसमेंट की लागत को घटाने में मदद करेगा।

PM आवास योजना 2024: नये आवेदन भरना शुरू, नई लिस्ट जारी , ऑनलाइन आवेदन कैसे करें

PM आवास योजना 2024

PM आवास योजना 2024 : PM आवास योजना की शुरुआत देश के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा वर्ष 2015 में लागू किया गया था। इस योजना के माध्यम से देश में रह रहे आर्थिक रूप से कमजोर गरीब परिवारों को 1,20,000 की आर्थिक ससहयोग प्रदान की जाती थी। जिसके माध्यम से वे सभी गरीब परिवार अपने घर बनवा सके। यदि आप सभी आर्थिक रूप से कमजोर गरीब परिवार प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो आपको PM आवास योजना के आधिकारिक वेबसाइट pmayg.nic.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन आवेदन कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ उन सभी आर्थिक रूप से कमजोर गरीब परिवारों को दिया जा रहा है। जिनके पास कच्चे मकान तो है लेकिन वह पक्का मकान बनाने में असमर्थ है। इसके लिए सरकार सीधे बैंक खाते में 1,20,000 रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। यह रुपए गरीब परिवारों के सीधे बैंक खाते में दी जाती है।

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PM आवास योजना 2024:-

PM आवास योजना की शुरुआत देश के आर्थिक रूप से कमजोर गरीब परिवारों के लिए की गई है। जो परिवार खुद का पक्का मकान बनाने में असमर्थ है और उनकी आर्थिक स्थिति बिल्कुल कमजोर है। उन सभी कमजोर गरीब परिवारों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना के माध्यम से उन सभी लोगों को पक्का मकान दिया जाता है। जिसके लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से सरकार के तरफ से ₹1,20,000 रुपए से लेकर ₹1,30,000 तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।

PM आवास योजना 2024 का मुख्य उद्देश्य:-

PM आवास योजना का मुख्य उद्देश्य करोड़ों गरीब परिवारों को मुफ्त में पक्का मकान उपलब्ध करना है। जिन गरीब परिवारों की आर्थिक स्थिति बिल्कुल भी ठीक नहीं है। और वह खुद का पक्का मकान बनाने में असमर्थ हैं। उन सभी आर्थिक रूप से कमजोर गरीब परिवारों को खुद का पक्का मकान के लिए ₹1,20,000 रूपए तक की सहायता प्रदान करना है। ताकि वे सभी करोड़ों गरीब परिवार खुद के पक्के मकान में रह सके।

PM आवास योजना 2024 का लाभ:-

1.-लाभार्थी को 1,20,000 रुपए तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
2.-आर्थिक रूप से कमजोर गरीब परिवारों कोआर्थिक रूप से कमजोर है तो उसे पक्के मकान में रहने की सुविधा दी जाएगी।
3.-पहली किस्त में ₹40,000 सरकार देगी।
4.-दूसरी किस्त के रूप में ₹60,000 सरकार देगी।
5.-फिर आखिरी किस्त ₹20,000 की सहायता दी जाएगी।
6.-ग्रामीण क्षेत्र के आर्थिक रूप से कमजोर परिवार जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है वह लाभ ले सकते हैं।
7.-इस योजना के माध्यम से शहरी एरिया को 1,30,000 रुपए तक की आर्थिक मदद दी जाएगी।

PM आवास योजना 2024 के लिए योग्यताए:-

1.- लाभार्थी भारत का नागरिक होना अनिवार्य है।
2.- लाभार्थी की आयु सीमा 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
3.- आर्थिक रूप से कमजोर गरीब परिवारों के पास कच्चा मकान होना चाहिए।
4.- उनकी आर्थिक स्थिति बिल्कुल कमजोर चाहिए।

PM आवास योजना 2024 के लिए आवश्यक दस्तावेज
PM आवास योजना 2024 के लिए आवश्यक दस्तावेज
PM आवास योजना 2024 के लिए आवश्यक दस्तावेज:-

1.- आधार कार्ड
2.-पैन कार्ड
3.-आय प्रमाण पत्र
4.-निवास प्रमाण पत्र
5.- आयु प्रमाण पत्र
6.-मोबाइल नंबर
7.-आधार कार्ड से लिंक होना चाहिए मोबाइल नंबर
8.-राशन कार्ड

PM आवास योजना 2024 में ऑनलाइन आवेदन कैसे करें:-

PM आवास योजना 2024 में ऑनलाइन आवेदन कैसे करें
PM आवास योजना 2024 में ऑनलाइन आवेदन कैसे करें

अगर आप भी PM आवास योजना में ऑनलाइन आवेदन करना चाहते हैं। तो नीचे दिए गए प्रक्रिया को विस्तार से पढ़कर आसानी से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

1.- सबसे पहले आपको PM आवास योजना के ऑफिसियल website- https://pmayg.nic.in/ पर जाना होगा।
2.- इसके बाद होम पेज पर क्लिक करना होगा।
3.- इसके बाद आपको PM आवास योजना के लिंक पर क्लिक करना होगा।
4.- फिर आपको अपने पंजीकरण option पर क्लिक करना होगा।
5.- फिर आपसे पूछी गई COMPLETE जानकारी दर्ज करना होगा।
6.- इसके बाद अपने सभी Documents को अपलोड करना होगा।
7.- फिर आपको सबमिट के option पर क्लिक करना होगा।
इस तरह से आप आवेदन कर सकते है।

मैं आशा करता हु की आप सभी लोगों को हमारा यह आर्टिकल जरूर पसंद आया होगा। यदि आपको हमारा आर्टिकल पसंद आता है तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूले और आर्टिकल पढ़ने के लिए बहुत- बहुत धन्यवाद।

Tips for Renting a House: किराए के घर लेने से पहले ध्यान देने वाली 10 बहुत ही जरुरी बातें?

Tips for Renting a House

Tips for Renting a House: किराए के घर एक बुनियादी आवश्यकता है आजकल लोग पढ़ाई और नौकरी के सिलसिले में अपने पसंदीदा शहर की ओर जाना चाहते हैंI कोई भी व्यक्ति किसी नए शहर में तुरंत तो अपना घर नहीं बना सकता, लेकिन हर कोई को अपने बजट के अनुसार किराये का घर जरूर लेता है I ऐसे में कुछ ऐसी जरूरी बातों का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी होता है, जिससे बाद में हमें कोई परेशानियाँ का सामना करना नहीं पड़े

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किराए के घर लेना है, तो ये बातें जरुर जान लें

Tips for Renting a House
Tips for Renting a House

1.- आजू-बाजू में बैचलर ( लड़के या लड़की) लोग तो वंहा नहीं रहते , ऐसा इसलिए है क्योकि इनमें अधिकतर स्वतंत्र ख्याल और मॉडर्न जीवनशैली के होते हैं इनकी स्वतंत्रता और खुशी हमेशा फ्लैट में ही रहते है जो आसपास पड़ोसियों के लिए परेशानी का सरदर्द बने रहता है।

2.- जिस सोसायटी में आप मकान किराए पर ले रहे हैं वह आप को स्वीकार कर रहे हैं या नहीं ? अक्सर नॉन वेज खाने वाले या वर्ग विशेष को किराए का मकान मिलना दिक्कत होता है । हालांकि यह गलत है लेकिन रोज रोज की चिक चिक से बेहतर यही है कि यह पहले पता हो।

3.- मकान में बिजली पानी की उचित व्यवस्था है कि नहीं । मकान मालिक आपको क्या-क्या सुविधाएं दे रहा है ।

4.- अस्पताल, बैंक और बच्चे का स्कूल तथा ऑफिस से घर कितना दूर है।

5.- घर के ऊपर से हाई टेंशन लाइन या पास में रेल लाइन तो नहीं है । रेलवे लाइन के करीब घर होना क्या होता है यह किसी को बताने की जरुरत नहीं है रात में सोते समय कर्कश आवाज़ के हॉर्न और धड़ धाड़ाती चलती ट्रेन किसी की भी निंद को हराम कर सकती है ।

6.- घर का मेन्टेन्स किराए में शामिल है कि अलग से देना पड़ेगा यह भी देखना चाहिए। गैस पाइपलाइन है कि नहीं यह भी ध्यान रखें।

7.- किराये के घर को लेने से पहले से पहले यह देख लें कि घर हवादार हो और पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था होI घर वास्तु अनुसार हो, तो और भी बेहतर है। यदि आपके पास में बाइक या कार है, तो पार्किंग की व्यवस्था देख लेंI घर में अगर पहले से ही कुछ तोड़-फोड़ हुआ है, तो ये मकान मालिक को पहले ही बता दें। ऐसा नहीं करने पर बाद में मकान मालिक आपसे इनके पैसे वसूल कर लेगाI

8.- आजकल के समय में बड़े या छोटे शहरों में एजेंट के जरिए ये काम हो रहा है, फिर भी आप मैं मालिक से सीधे बातचीत करके या मिलकर ही मकान की डील फाइनल करेंI घर किराये में लेने से पहले स्वामित्व की जांच अवश्य करवा लें। जिसके वजह से आप किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी से बच सकते हैं

9.- किराये का घर लेने से पहले ये भी देख लें की घर ऐसे लोकेशन पर रहे, जहाँ से बस स्टॉप, मेट्रो नजदीक होI ऐसा न हो कि आपको घर से ऑफिस, स्कूल आने जाने में ही ज्यादा समय लग जाएI इसलिए आप घर, बस स्टॉप या मेट्रो स्टेशन के पास ही लें

किराया घर लेने से पहले आप अपना बजट तय कर लें। कहीं ऐसा ना हो कि अपना पसंदीदा घर के चक्कर में आप अपना बजट ही ख़राब न कर लें। आपने कोई महंगा किराए का घर तो ले तो लिया,लेकिन बाद में पता चला कि आप अपने बाकी के काम उस बजट में नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए बजट तय करें और उस बजट के अनुसार काम करें।

किराए के घर मालिक,परिवार/मेहमानों के आने पर क्या रुख अपनाते है?

कई मकान मालिक ऐसी भी शर्तें रख देते हैं कि घर पर मेहमान नहीं आ सकते. या ज्यादा दिनों तक यंहा नहीं रुक सकते, वगैरह-वगैरह. साथ ही जेंडर वगैरह को देखते हुए भी शर्तें रखी जाती हैं. तो ये शुरुवात में ही पूछ लें कि अगर परिवार से कोई सदस्य आता है, या कोई मेहमान कुछ दिनों के लिए आता है तो क्या मकान मालिक को इससे कोई दिक्कत है?

किराए के घर में रहने के क्या नुकसान हैं?

Tips for Renting a House: किराए के घर में रहने के कोई नुक़सान नहीं है। अगर आपके पास आय ठीक ठाक है तो आप अपनी मन पसंद के घर में रह सकते है । जब दिल किया या माहौल ठीक नहीं लगा, आप अपनी मन पसंद की जगह जा सकते है । किराए पर रहने से जब आप दुसरे जगह घर बदलते है तो दूसरा नई जगह जाकर बसने का अलग ही आनंद मिलता है

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Important Vastu Tips: घर पर ऐसे बनवाए सीढ़ियां होगी खुशियों का आगमन,नहीं तो जिंदगी भर रहेगी 1 परेशानी

2 कॉलम के बीच की दूरी कितना होनी चाहिए ?

कॉलम के बीच की दूरी

बीम पर छत के वजन को सहारा देने के लिए 2 कॉलम के बीच की दूरी एक महत्वपूर्ण रोल निभाता है। कॉलम के बीच की दूरी जितनी ज्यादा होगी, कॉलम का साइज़ उतना ही बड़ा करना पड़ेगा, जिसके चलते सरिया और कंक्रीट की लागत भी अधिक होगी। तो कॉलम के बीच की दूरी इतना ही रखे जो सामान्यतः एक निर्माण के लिए पर्याप्त हो।

दोस्तों 2 कॉलम कि बीच दुरी कितना रख सकते हैं यह सवाल सभी के मन में रहता है की दो कॉलम के बीच हमको कितना दुरी रखना है लोग आजकल गूगल में जाकर के घर का नक्शा डाउनलोड कर लेते है और उसी के अनुसार लोग अपना घर बना लेते है जिसमे न ही कोई कॉलम डिटेल्स रहता और न ही कॉलम का साइज़ ऐसे में हमे क्या करना चाहिए

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2 कॉलम के बिच की दुरी कितना रखे ?

दो कॉलम के बीच की दूरी निर्माण करने का कोई सुनिश्चित नियम नहीं है।भवन का वजन एक महत्वपूर्ण रोल निभाता है। कभी-कभी, घर मालिक को खाली जगह की विशेष मांग होती है। समान्यत:, वास्तुशिल्प इंजीनियर भवन के वजन के आधार पर दो कॉलम के बीच की दूरी सुनिश्चित करते हैं।
आर्किटेक्ट इंजीनियर सुन्दरता संबंधी कारणों से सबसे बड़ी जितना दूरी हो चाहते हैं, जबकि संरचनात्मक इंजीनियर घर की मजबूती के बारे में सोचता हैं।

कंक्रीट कॉलम के बीच अधिकतम और न्यूनतम दूरी क्या है?
कंक्रीट कॉलम के बीच अधिकतम और न्यूनतम दूरी क्या है?

कॉलम को आप कई साइज़ में बनवा सकते है, परन्तु इसके बाद भी कॉलम का साइज कुछ बातो पे निर्भर करता है, जैसा कि घर कितनी मंजिल तक बनेगा। यहां पर कुछ बिंदु निचे दिए है, जो एक सुंदर और दिर्घाऊ कॉलम के लिए बीच की दूरी के तय किये है। –

(1)- (9″×9″ )- 2 कॉलम के बीच दूरी लगभग 10 फीट के आसपास होनी चाहिए (एक मंजिल घर के लिए)
(2)- (9″×12″)- 2 कॉलम के बीच की दूरी लगभग 13′ के करीब होनी चाहिए (जमीनी मंजिल के साथ 1और मंजिल होने के लिए)
(3)- (9″×15″)- 2 कॉलम के बीच दूरी 15′ के आसपास हो (जमीनी मंजिल के साथ़ 2 मंजिल बनाने के लिए)।
(4)- (9″×18″)- 2 कॉलम के बीच दूरी 18 फीट के आसपास होनी चाहिए (जमीनी मंजिल के साथ 4 मंजिल बनाने के लिए)

हम जानते है कि घर की वजन क्षमता के अनुसार घर का कॉलम को सबसे महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। कॉलम घर के सभी वजन को सहन करते हैं, इसलिए कॉलम के बीच की दूरी की उचित गणना करना बहुत ही आवश्यक है। इससे यह तय होगा कि घर टिकाऊ है या नहीं.

बड़े और छोटे घर का निर्माण के आधार पर कॉलम के बीच की दूरी अलग-अलग होती है।

20’x33′ में घर का नक्शा – https://www.youtube.com/watch?v=yKpGZVdJqDE

कंक्रीट कॉलम के बीच अधिकतम और न्यूनतम दूरी क्या है?

अगर आप घर का नक्शा बनाने जा रहे हैं तो 2 कॉलम के बीच की दुरी कितना रख सकते हैं इसके बारे में अगर हम बात करें तो ज्यादा से ज्यादा आपको जो दुरी रखना है वो 13′ से 16′ तक रख सकते है। दो कॉलम के बीच की दुरी आप 16 फीट से ज्यादा नहीं रख सकते

कॉलम को लाइन से सजाने में बेहतर है। दो कॉलम के बीच की दूरी छोटे घरो के लिए 8′-14′ और बड़ी सुविधाओं के लिए 20′-30′ के बीच होती है जहां बड़े कॉलम और खाली जगहों की जरुरत पड़ती है।

सामान्य भवनों के लिए, 16′ की दूरी उपयुक्त है, और अधिकतम दुरी 25′ तक ठीक है, जबकि यह ध्यान देना चाहिए कि दो कॉलम के बीच किसी भी दूरी को रखा जा सकता है, बशर्ते कि घर की सुरक्षा और मजबूती खतरे में न हो। अगर कोई डिज़ाइनर कॉलम के बीच एक लंबी दुरी निर्धारित करना चाहता है, और वजन बड़ा है, तो ऐसे लगाए गए वजन से निपटने के लिए कॉलम का आकार बढ़ाना होगा।

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क्या कॉलम के बीच की दूरी की कोई निश्चित दुरी तय है?

अगर बीम और कॉलम ठीक से डिज़ाइन किए गए हैं और भवन की मजबूती और सुरक्षा को ध्यान में रखकर बनाई गई है, तो दो कॉलम के बीच कितनी भी दूरी पर विचार किया जा सकता है।

कॉलम के बीच की दूरी बढ़ाने से भवन की लागत को कैसे प्रभावित करती है?

कॉलम के बीच दुरी बढ़ाने से घर की लागत में वृद्धि होती है क्योंकि कॉलम की छमता में वृद्धि करने के लिए बड़े भार को सहन करने के लिए बीम की गहराई और कॉलम के आकार में वृद्धि करने की आवश्यकता होती है। इसीलिए, घर में दिए गए भार को झेलने के लिए बड़े कॉलम और बीमों की आवश्यकता होती है।

आम तौर पर, कंक्रीट कॉलम के बीच की दूरी में वृद्धि के लिए बीम की गहराई बढ़ाना पड़ता है और कभी-कभी कॉलम के साइज़ को भी बढ़ाना पड़ता है। इसलिए, डिज़ाइनर को प्लान करना चाहिए जिससे कि बीम और कॉलम दोनों को समतुल्य आकार प्राप्त हो। अनुचित कॉलम खाली जगह में होने के कारण भवन के अंदर की जगह का खराब उपयोग होता है

20’x 40′ में घर कैसे बनाये – https://www.youtube.com/watch?v=gMj8_IgC9_I

Important Vastu Tips: घर पर ऐसे बनवाए सीढ़ियां होगी खुशियों का आगमन,नहीं तो जिंदगी भर रहेगी 1 परेशानी

Vastu Tips

Vastu Tips: सीढ़ियां बनाते समय किसी भी घर या भवन में यदि वास्तु के नियमों का अच्छे से ध्यान देकर बनाया जाए तो उस घर पर रहने वाले सदस्यों के लिए यह कामयाबी एवं सफलता की सीढ़ियां भी बन सकती हैं। आप बस इतना समझ लें कि सीढ़ियों से ही प्राणिक ऊर्जा ऊपरी मंजिल तक पहुचाने का काम करती है

सीढ़ियों की दिशा के साथ-साथ यह भी जरूरी है कि जहां सीढ़ी हो वहां क्या रखना है और क्या नहीं रखना है।सीढ़ी के नीचे कुछ भी बना लेना भी सही नहीं होता। इसलिए जब भी सीढ़ी बनवाने का काम शुरू करें तो एक बार वास्तु को जरुर ध्यान में रखकर बनवाएं।

घर का निर्माण वास्तु के अनुरूप करना चाहिए। वास्तु का पालन करने से घर में खुशियां और समृधि आती है। सीढ़ि किसी भी घर के सदस्यों की उन्नति से संबंध रखती हैं। यह जिंदगी के उतार चढ़ाव से भी संबंध रखती हैं। सीढ़ियों की दिशा के साथ यह भी जरूरी है कि जहां सीढ़ी बना हो वहां क्या रखना है और क्या नहीं रखना है।

वास्तु के नियम के अनुसार सीढ़ियों का स्थापना उत्तर से दक्षिण की ओर तथा पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर करवाना चाहिए। जो लोग पूर्व दिशा की ओर से सीढ़ी बनवा रहे हों उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि सीढ़ी पूर्व दिशा की दीवार से लगी हुई नहीं रखना चाहिए।

घर पर सीढ़ियां गलत बन गई तो क्या करें? 

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Vastu Tips: सीढ़ियां गलत बन गई तो क्या करें ? 

घर पर सीढ़िया बनाते समय पेंट का रंग सफेद रखें। सीढ़ियों के साथ बनने वाली दीवार पर लाल रंग का स्वस्तिक लगा दें। अगर सीढ़ियों के नीचे अनजाने में कुछ गलत निर्माण करा लिया है तो वहां पर तुलसी का एक पौधा लगा देवें तथा सीढ़ियों के नीचे प्रकाश की उत्तम व्यवस्था करें। सीढ़ियों की शुरुआत वाले पहले स्टेप पर और खत्म होने वाले अंतिम स्टेप पर एक हरे रंग का डोरमैट रख सकते है। सीढ़ियों के नीचे पढ़ने-लिखने की वस्तुयें या पुस्तक रख सकते हैं

Vastu Tips: घर पर सीढ़ियों को बनाने का स्थान-

Vastu Tips: सीढ़ी को हमेशा पूर्व या दक्षिण दिशा में बनाना शुभ माना जाता है। ये दिशा सीढ़ी के लिए सबसे उत्तम दिशा होती है इसके अलावा आप सीढ़ी को दक्षिण-पश्चिम के दाई ओर भी बना सकते हो। दिशा के साथ-साथ सीढ़ियों की टूट-फूट पर भी ध्यान देते रहना चाहिए। सीढ़ी अगर टूट फूट होती है तो ये जीवन में उतार-चढ़ाव बनाए रखता है।

सीढ़ियों को यदि आप घुमावदार बनाने की सोच रहे है तो याद रखें सीढ़ी का घुमाव घडी की दिशा जैसे- पूर्व से दक्षिण, दक्षिण से पश्चिम, पश्चिम से उत्तर या उत्तर से पूर्व की ओर ही रखे। सीढ़ियां को हमेशा बाएं से दाईं की तरफ ही मोड़नी चाहिये।सीढ़ी के नीचे में कभी भी पूजाघर और बाथरूम का स्थापना न कराएं। सीढ़ियों के नीचे में कभी भी आप गैस सिलेंडर और जूता का स्टैंड या कबाड़ न रखें।

अच्छे फल की प्राप्ति के लिए ध्यान रखे कि सीढ़ियों की संख्या हमेशा विषम होनी चाहिए जैसे -7 ,9 ,11 ,15 , 17 आदि। सीढ़ियों के प्रारंभ व अंतिम में दरवाज़ा होना वास्तु नियमोंनुसार होता है परन्तु नीचे का दरवाज़ा ऊपर के दरवाज़े के बराबर या थोड़ा से बड़ा बना सकते हो। इसके अलावा एक सीढ़ी से दूसरी सीढ़ी का अंतर 9 इंच सबसे अच्छा माना गया है। सीढ़ियां इस प्रकार बनाये जो कि चढ़ते वक्त मुख पश्चिम अथवा दक्षिण दिशा की ओर हो। और उतरते समय चेहरा उत्तर या पूर्व दिशा की ओर हो।

इन बातों का भी रखें खास ध्यान-

हो सके तो गोलाकार सीढ़ियां नहीं बनवानी चाहिए। यदि जरुरी हो तो,निर्माण इस प्रकार हो कि चढ़ते वक्त व्यक्ति दाहिनी तरफ मुड़ता हुआ जाए।
खुली सीढ़ियां वास्तु अनुसार नहीं होतीं है अतः इनके ऊपर गुमटी बनवाना चाहिए । टूटी-फूटी,असुविधाजनक सीढ़ी अशांति तथा गृह क्लेश उत्पन्न करती हैं।

सीढ़ियों के नीचे का जगह खुला रहना चाहिए ऐसा करने से बच्चों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में मदद मिलती है।
सीढ़ियों के नीचे का स्थान पितरों का स्थान माना गया है इसलिए यहाँ कबाड़ एकत्रित करके न रखें, ऐसा करने से वहाँ निवास करने वालों लोगो को कई तरह के कष्टों का सामना करना पड़ सकता है।

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घर बनाते समय रखें इन सभी बातों का ख़ास ध्यान, घर पर बनी रहेगी सुख-शांति व समृद्धि

घर बनाते समय रखें इन बातों का खास ध्यान

वास्तु शास्त्र भारतीय समाज की बहुत ही पुरानी परंपरा है। घर बनाते समय अगर इसके नियमों का पालन किया जाए तो जीवन सुखमय बन जाता है। वास्तु में दिशाओं का भी बहुत बड़ा महत्व है। यदि घर में गलत दिशा में कोई निर्माण होगा तो उससे परिवार को किसी न किसी तरह की हानि होगी।

घर बनावाते समय अगर वास्तु शास्त्र के कुछ नियमों का पालन किया जाए तो परिवार में सुख-शांति तथा समृद्धि हमेशा बनी रहती है। इसीलिए आईए जानते है घर बनाने से संबंधित कुछ वास्तु टिप्स

घर को हमेशा बड़ा व चौड़ा बनाना चाहिए क्योंकि संकरा व लंबा घर परेशानी का कारण बन सकता है। घर का मुख्य दरवाजा पूर्व के मध्य में न होकर उत्तर पूर्व की ओर या दक्षिण पूर्व की ओर रखना चाहिए।

और घर हमेशा हर तरफ से खुला रहना चाहिए, इसका मतलब यह है कि यह किसी भी अन्य इमारत से सटा हुआ नही होना चाहिए अर्थात दो घरों का दिवार एक दुसरे घरो को जुड़ता हुआ नहीं रहना चाहिए मतलब दोनों घरो की दिवार अलग-अलग होनी चाहिए।

उत्तर दिशा की ओर ही घर के सबसे ज्यादा खिड़की और दरवाजे बनाना चाहिए। घर की बालकनी व वॉश बेसिन भी उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए। वास्तु की माने तो इससे धन की हानि व करियर सम्बंधित आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।

घर बनाते House Construction समय बैडरूम की दिशा ?

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में बैडरूम को दक्षिण पश्चिम या उत्तर पश्चिम की ओर ही बनाना चाहिए तथा स्नान घर को हमेशा पूर्व दिशा की ओर बनाना चाहिए, पूर्व दिशा इसके लिए उचित दिशा मानी जाती है।

घर में बच्चों के पढ़ाई का कमरा पूर्व, उत्तर, या उत्तर-पूर्व दिशा में रखना चाहिए। माना जाता है कि इससे बच्चों के ज्ञान में वृद्धि होती है।

घर बनाते समय रसोई कक्ष की दिशा ?

रसोई बनाने के लिए आग्नेय कोण पूर्व-दक्षिण दिशा को सबसे महत्वपूर्ण दिशा माना जाता है यानि आप जब भी किचन बनाएं तो आग्नेय कोण पूर्व-दक्षिण में ही बनाएं।

घर में मंदिर को वास्तु के अनुसार हमेशा उत्तर पूर्वी की दिशा में बनवाना चाहिए क्योंकि इससे सुख-समृद्धि व शान्ति में वृद्धि होती है।

टॉयलेट की दिशा

घर में टॉयलेट को दक्षिण-पश्चिम और दक्षिण दिशा में होना अच्छा माना जाता है। घर निर्माण का समय यह एक महत्वपूर्ण बातें है जो आपके जीवन को पूरी तरह से सुख, शांति और समृद्धि से भर देती है। इस प्रकार कई महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है जिससे कि आपका घर न केवल दृश्यमंत्र से भरा हो, बल्कि उसमें सकारात्मक ऊर्जा भी बनी रहे।

घरो में प्राकृतिक तत्वों का उपयोग:-

घर निर्माण के दौरान प्रदूषण को कम करने के लिए योजना बनाएं और पर्यावरण संरक्षण का उपयोग करें घर में प्राकृतिक तत्वों का अच्छे तरीके से उपयोग करें जैसे – पौधों, जल और वायु को अच्छी तरह से व्यवस्थित रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है

घर निर्माण के दौरान प्रदूषण को कम करने के लिए योजना बनाएं और पर्यावरण संरक्षण का उपयोग करें

संतुलित रंग से पेंट:

घर की दीवारों को संतुलित और शांति भरे रंगों से पेंट करें जो घर के सदस्यों को सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करते हैं। घर में साफ-सफाई रखें और उसे स्वच्छ रखने का प्रयास करें।सभी सदस्यों के बीच संतुलन का भी ध्यान रखें।

घर बनाते समय उपर दिए गए इन सभी वास्तु टिप्स का पालन करने से घर को शुभ और सकारात्मक ऊर्जा से भरा रह सकता है, जिसके वजह से आपके परिवार को हमेशा सुख-शांति और समृद्धि का आनंद मिलता रहेगा।

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कमरे का आकार: घर में कमरा की साइज कितनी होनी चाहिए?/1. What should be the size of the room?

कमरे का आकार

घर में कमरा रहने या सोने के उद्देश्य से बनाया जाता है। किसी घर में एक कमरे का आकार भौगोलिक स्थिति, सांस्कृतिक और घर के डिजाइन के आधार पर निर्भर करता है। कमरों का आकार क्या होना चाहिए। जैसे शयन कक्ष का आकार, रसोई रूम की आकार, बैठक कक्ष की आकार, भोजन कक्ष का आकार और बाथरूम का आकार।

घर में कई तरह के कमरे होते हैं और सभी का अपना-अपना महत्व होता है। इसलिए, प्रत्येक कमरे का अपना मानक आकार होता है। लेकिन कमरे के मानक आकार का प्लान करते समय कई अन्य कारकों पर भी विचार करना चाहिए।

घर में कमरे का आकार (Room Size) :-

घर में कमरे का आकार (Room Size) अंगूठे के नियम से तय किया गया है। परन्तु यह अलग-अलग देशों में अलग-अलग हो सकता है। लेकिन इस पोस्ट में हम चर्चा करेंगे कि अंगूठे के नियम के हिसाब से कमरे का मानक आकार क्या होना चाहिए। किसी भी घर के कमरे का आकार 3 प्रकार के हो सकते हैं छोटे, मध्यम और बड़े।

छोटे शयनकक्ष का आकार कम से कम 100 वर्ग फुट (10’x10′), मध्यम शयन कक्ष का आकार (12’x 12′) 144 वर्ग फुट और बड़े शयनकक्ष के लिए कम से कम 244 (14’x16′) वर्ग फुट का होना चाहिए। यह छोटे, मध्यम और बड़े बेडरूम के अनुसार मानक बेडरूम आकार (Size) है। यह आपकी जरुरत या आपके जगह पर निर्भर करता है।

घर में रसोई का आकार (Size):-

घर में
घर में

घर में रसोई का आकार छोटे आकार की रसोई के लिए कम से कम 60 वर्ग फुट (10’x 6′), मध्यम आकार (Size) की रसोई के लिए 100 वर्ग फुट (10’x 10′) और बड़ी रसोई के लिए कम से कम 168 वर्ग फुट (12’x14′) होना चाहिए। यह छोटे, मध्यम और बड़े आकार की रसोई का मानक आकार है। यह आपकी जरुरत या रसोई में कितने लोगों के लिए खाना बनेगा इसके अनुसार अलग-अलग हो सकता है।

घर में बैठक (Drawing Room) कक्ष का आकार:-

घर में छोटे आकार के बैठक कक्ष के लिए मानक आकार कम से कम 216 वर्ग फुट (12’x18′) का होना चाहिए, मध्यम आकार के बैठक कक्ष के लिए 352 वर्ग फुट (16’x22′) का होना चाहिए और बड़े बैठक कक्ष के लिए कम से कम 600 वर्ग फुट (20’x 30′) का होना चाहिए। यह छोटे, मध्यम और बड़े आकार के बैठक कक्ष का मानक आकार है। यह आपकी जरुरत या आपके पास कितना जमीन है, उसके उपर निर्भर करता है।

घर में भोजन (Dining Room) कक्ष का आकार:-

भोजन (Dining Room) कक्ष का आकार
भोजन (Dining Room) कक्ष का आकार

छोटे आकार के भोजन कक्ष के लिए कम से कम 120 वर्ग फुट (10’x12′) का होना चाहिए, मध्यम आकार के भोजन कक्ष के लिए (12’x15′) 180 वर्ग फुट होना चाहिए और बड़े भोजन कक्ष के लिए कम से कम (15’x 20′) 300 वर्ग फुट होना चाहिए। यह छोटे, मध्यम और बड़े आकार के भोजन कक्ष के अनुसार भोजन कक्ष का आकार है। यह आपकी जरुरत या आप किस प्रकार का बनवाना चाहते है, उसके अनुसार निर्भर करता है।

स्नान रूम (Bathroom) का आकार:-

घर में छोटे आकार के बाथरूम के लिए आकार कम से कम (6’x6′) = 36 वर्ग फुट का होना चाहिए, मध्यम आकार के बाथरूम के लिए कम से कम (6’x10′)= 60 वर्ग फुट का होना चाहिए और बड़े बाथरूम के लिए कम से कम 96 वर्ग फुट (8’x12′) होना चाहिए। यह आपकी जरुरत या आपके जमीन पर निर्भर करता है। यह छोटे, मध्यम और बड़े आकार के बाथरूम के अनुसार बाथरूम का आकार है।

अतिथि कक्ष (Guest Room) का आकार:-

अतिथि कक्ष का छोटे आकार के लिए कम से कम (10’x12′) = 120 वर्ग फुट होना चाहिए, मध्यम आकार के अतिथि कक्ष (12’x15′) =180 वर्ग फुट का होना चाहिए और बड़े अतिथि कक्ष के लिए कम से कम 300 वर्ग फुट (15’x20′) होना चाहिए। यह आपकी जरुरत या आपके जगह के उपर निर्भर करता है।यह छोटे, मध्यम और बड़े आकार के अतिथि कक्ष के हिसाबसे अतिथि कक्ष का आकार है।

अध्ययन कक्ष (Study Room) का आकार:-

एक छोटे आकार के अध्ययन कक्ष के लिए कम से कम 80 वर्ग फुट मतलब (8’x10′) का होना चाहिए, मध्यम आकार के अध्ययन कक्ष के लिए (12’x15′) 180 वर्ग फुट होना चाहिए और बड़े अध्ययन कक्ष के लिए कम से कम (15’x18′) यानि 270 वर्ग फुट का होना चाहिए। यह आपकी जरुरत या आपके पास कितना जगह है इस पर निर्भर करता है, उसके अनुसार अलग-अलग हो सकता है। यह छोटे, मध्यम और बड़े आकार के अध्ययन कक्ष के अनुसार अध्ययन कक्ष का आकार है।

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Vastu Tips 2024: घर के अंदर कौन सा कलर कराना है शुभ? किस्मत खोल देंगे वास्तु शास्त्र के ये धांसू टिप्स

घर के अंदर कौन सा कलर कराना है शुभ?

Vastu Tips : घर का रंग अगर वास्तु के अनुरूप कराते हैं तो आपके घर में रहने वाले को सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और इसके अलावा आपके किस्मत के दरवाजे भी खुल जाते हैं.

वास्तु के अनुरूप आप घर की दीवारों का कलर करवाते है तो आपको धन की बहुत लाभ होगा. घर को पेंट कराते समय आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि वास्तु के हिसाब से प्रवेश द्वार के पास वाले में कमरे में, लिविंग रूम में, डाइनिंग रूम में, बेडरूम में, किचन में, स्टडी रूम में और बाथरूम में कैसा कलर से पेंट कराना शुभ होगा.

वास्तु शास्त्र का सकारात्मक, नकारात्मक ऊर्जा से संबंध गहरा होता है. अगर आप भी अपने घर को पेंट कराते समय वास्तु को ध्यान में रखते हुए पेंट करायेंगे तो आपको कई तरह के फायदे होंगे.

लिंविंग रूम और डाइनिंग रूम में कौन से कलर से पेंट कराना शुभ होता है ?

कौन सा कलर कराना है शुभ
लिंविंग रूम और डाइनिंग रूम में कौन से कलर से पेंट कराना शुभ होता है ?

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के प्रवेश द्वार के पास वाले रूम को सफेद ,नीला, गुलाबी या हल्का हरा कलर से पेंट करवाना यह बहुत ही शुभ माना जाता है. इसके साथ लिविंग रूम यानी बैठक वाले कमरे में भूरा, हरा, पीला और मटमैला रंग से पेंट कराना वास्तु के अनुसार शुभ है तथा इसके अलावा डाइनिंग रूम में आप हल्का रंग से पेंट करा सकते हैं. वास्तु के अनुसार, डाइनिंग रूम में हल्का हरा, नीला या गुलाबी रंग से पेंट करवाना बहुत शुभ रहेगा.

Vastu Tips: बेडरूम (Bedroom) को कौन सा रंग से पेंट कराएं?

शास्त्र के अनुसार, बेडरूम में हल्का रंग से पेंट करवाना चाहिए. बेडरूम में आप हरा, नीला या गुलाबी रंग से पेंट कर सकते हैं. ये रंग से पेंट कराना बहुत शुभ माना जाता है. वहीं, जिस रूम में बच्चे रहते हैं उस रूम के दीवारों पर हरा, नीला या काला रंग से पेंट करा सकते हैं साथ ही इसके अलावा किचन में आप सफेद रंग से पेंट कराएं जो आपको सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करेगा

स्टडी (Study) रूम में कौन सा कलर से पेंट कराये ?

आप अपने घर के अन्दर स्टडी कक्ष में गुलाबी, नीला, लाल, हरा या हल्का भूरा कलर से पेंटकरवाते हैं तो इससे घर में रहने वाले को सकारात्मक ऊर्जा मिलेगी. ऐसा रंग से पेंट करने से आपका पढ़ाई-लिखाई में मन भी अच्छे से लगेगा. इसके साथ आप पूजा घर में लाल, हरा, काला या गुलाबी रंग से पेंट करा सकते हैं, इससे शुभ फल की प्राप्ति होगी.

हालांकि, कुछ विशेषज्ञ पूजा घर में काला रंग से पेंट कराने को वर्जित मानते हैं. वहीं, बाथरूम में स्लेटी, सफेद, काला और गुलाबी कलर का पेंट करा सकते हैं जो शुभ संकेत है.

घरों की बाहरी दीवारों के लिए बेस्ट रंग ?

आप घर की बाहरी दीवारों पर दिशाओं के अनुरूप कलर पेंट करवाएं। इससे जो भी व्यक्ति आपके घर देखे तो उसके मन में पॉजिटिविटी आ जाये।

जब भी बात घर के बाहरी हिस्से में कलर करवाने की बात होती है तो ऐसे में सफ़ेद कलर से पेंट करवाना सबसे अच्छा माना जाता है। सफ़ेद के अलावा आइवरी या पेल क्रीम रंग भी घर के बाहरी हिस्से पर करवाया जा सकता है। ये ऐसे कलर हैं, जिन्हें घर के बाहरी हिस्से में किसी भी दिशा में करवाया जा सकता है। ये कलर घर के बाहरी पेंट के लिए सबसे अच्छे माने जाते हैं।

उत्तर दिशा में नीला कलर से पेंट करवाएं-

यदि आप अपने घर के बाहरी हिस्से में उत्तर दिशा में पेंट करवा रही हैं तो ऐसे में यहां पर जल तत्व से जुड़ा कलर यानी नीला रंग से पेंट करवाना शुभ माना जाता है। यह रंग आपको धन-धान्य से परिपूर्ण बनाता है। नीला रंग को पानी कलर भी कहा जाता है और उत्तर दिशा के लिए यह रंग सबसे अच्छा है।

पूर्व दिशा को हरे रंग से पेंट करवाए-

अगर आप अपने घर के बाहरी हिस्से में पूर्व दिशा में पेंट करवा रहे हैं तो ऐसे में यहां पर हरा रंग से पेंट करवाना शुभ माना जाता है। यह रंग आपको समाज में प्रतिष्ठा व समृद्धि प्राप्ति कराता है। इसके साथ ही इस रंग से बच्चों के जीवन पर भी पॉजिटिव प्रभाव पड़ता है।

दक्षिण दिशा की दीवाल में लाल रंग से पेंट करवाएं

आप अपने घर के बाहरी हिस्से में दक्षिण दिशा में पेंट करवा रहे हैं तो लाल रंग से पेंट करवाना चाहिए। यह रंग आपको अपने समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति करवाता है। इस रंग से मंगल ग्रह को संतुष्टि मिलती है। वास्तु के अनुसार दक्षिण दिशा में लाल रंग से पेंट करवाने से आपको बहुत लाभ मिलेगा।

पश्चिम दिशा की दीवाल में भूरा रंग से पेंट करवाए –

अगर आप अपने घर के बाहरी हिस्से में पश्चिम दिशा में पेंट करवा रहे हैं तो ऐसे में यहां पर भूरा रंग से पेंट करवाना चाहिए। आप इस दिशा में भूरा या गहरा भूरा रंग से पेंट करवा सकते हैं। इसके साथ, यहां पर मैटेलिक व व्हाइट कलर से पेंट करवाना भी काफी अच्छा माना जाता है। यह दिशा शनि की होती है और इस दिशा की दिवालो में इन रंगों का इस्तेमाल करने से आपको कामकाज व कारोबार में बढ़ोतरी मिलती है।

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घर बनाते समय कॉलम कैसे बनाये और दुरी कितना रखें- https://nkconstruction95.com/how-to-make-columns-while-building-a-house/

घर बनाते समय कॉलम कैसे बनाये और दुरी कितना रखें / 1.How to make columns while building a house and what should be the distance?-

कंक्रीट कॉलम के बीच अधिकतम और न्यूनतम दूरी क्या है?

कॉलम फुटिंग और नीव तीनो एकदूसरे से जुड़ा हुआ भाग होता है, जो मिलकर कंक्रीट का बहुत ही मजबूत निर्माण करता है। इसका स्थापना घर के सारे हिस्से का वजन को एक सामान तरीके से जमीन के अंदर पहुंचने के लिए किया जाता है।

कॉलम का निर्माण कई प्रकार से किया जा सकता है।जिसकी साइज और आकार दोनों अलग अलग रख सकते है, क्योेंकि इसका निर्माण उंचाई और वजन के अधार पर निर्भर रहता है। तो,आइए जानते हैं, कि जब भी घर बनवाए उस समय कॉलम का साइज कितना रखना चाहिए और उस कॉलम में कितनी सरिया डलवानी चाहिए।

आज कॉलम के बारें में जो जानकारी बताने वाले है –

1- कॉलम बनाने के नियम? (Rules For Creating Columns?)
2- कॉलम बनवाते समय किन -किन बातों का ध्यान रखें? (What things should be kept in mind while making a column?)
3- घर बनवाने के लिए कॉलम का साइज क्या रखे ? (What should be the size of column for building a house?)
4- किस तरह बनता है अच्छी साइज का मजबूत कॉलम ?(How to make good sized strong column)
5- कॉलम में सरिया का क्या महत्व है और कितना लगाना चाहिए? (What is the importance of rebar in the column and how much should be installed?)

वास्तु टिप्स :- कौन से महीनों में घर बनाना शुभ होता है-https://nkconstruction95.com/new-house-vastu-tips/

घर की छत से पानी टपकती है तो उसकी मरम्मत के लिए क्या करें?-https://nkconstruction95.com/roof-sealan-reason-why-save/

COLOM (कॉलम)
COLOM (कॉलम)

1- कॉलम बनाने के नियम?

घर का निर्माण करते समय कॉलम की जगह और साइज़ को इस तरह से प्लानिंग करनी चाहिए कि घर का पूरा वजन सामान रूप से प्रत्येक कॉलम पे बराबर बट जाए। ऐसा प्लानिंग न करें कि सारा घर का भार किसी एक कॉलम पे इक्कठा हो जाए। अगर कॉलम देते समय ऐसा होता है, तो कॉलम और घर दोनों टूट सकता है। इसलिए यह ध्यान देना जरूरी है कि घर को बनवाते समय सुंदरता के साथ मजबूती का भी ध्यान में रखकर घर का निर्माण करवाए। कॉलम बनाने के नियम इस प्रकार हैं।-

कॉलम की मजबूती उसमे अन्दर लगने वाले मटेरियल पर भी निर्भर करता है। अगर आपने कॉलम बनवाते समय खराब या नकली सरिया लगाया है या कम या खराब सीमेंट डाला है, तो वह कॉलम अधिक भार नहीं उठा पायेगा। जिसका परिणाम यह होगा कि यह कभी भी टूट सकता है। इसलिए कॉलम को बनवाते समय असली सरिया का ही इस्तेमाल करे और M-20 से कम ग्रैड कंक्रीट का भी उपयोग कभी न करें।

अगर आप अपने कॉलम को मजबूत बनाना चाहते है, तो आप कॉलम में कंक्रीट डालते समय एक बार में 5 फीट से ज्यादा कंक्रीट न डलवाए। कॉलम बनवाने के लिए मोटे सरिये का उपयोग करना भी ठीक नहीं है।अच्छे कॉलम की मोटाई के लिए इंजीनियर और आर्किटेक्ट 12MM से लेकर 25MM तक सरिया डालने की सलाह देते है।

कॉलम में जो रिंग लगे होते हैं उसकी दूरी 6″ से ज्यादा नहीं होनी चाहिए और इसके लिए आप सरिया का साइज़ 8MM से लेकर 10MM तक की मोटाई का उपयोग कर सकते है।

2- कॉलम बनवाते समय किन -किन बातों का ध्यान रखें?

1- कॉलम के लिए सरिया की बंधवाते समय उसे मजबूती से बंधवाये और साथ ही यह ध्यान रखें कि रिंग और सरिया ढीला न बांधे 6″ की दुरी पर ही बांधे।
2- जब कॉलम के लिए सरिया खड़ा किया जाए तो आपके ध्यान में यह रहे कि वह एक दम सीधा हो। इसके लिए साहुल का प्रयोग जरूर करवाए तथा सीधा
हो जाने के बाद उसे चारो तरफ सपोर्ट प्रदान करें।

3- जब भी कॉलम की शटरिंग करे तो शटरिंग के लिए प्लाई का ही उपयोग करे।
4- कवर ब्लॉक का साइज़ कम से कम 25MM का होना चाहिए जिसे जाल के नीचे रखवाए।
5- कॉलम में कंक्रीट करवाते समय वाइब्रेटर का प्रयोग जरुर करवाए।
6- कॉलम में कंक्रीट हो जाने के बाद उसमे कम से कम 12 दिन तक तराई करे।
7- छत के ऊपर सरिया 4 फीट बाहर निकलवाए ताकि उपर की घर बनाते समय उसमे बांध सके।

3- घर बनवाने के लिए कॉलम का साइज क्या रखे ?

घर बनवाने के लिए कॉलम का साइज क्या रखे ?
घर बनवाने के लिए कॉलम का साइज क्या रखे ?

कॉलम को आप कई साइज़ में बनवा सकते है, परन्तु इसके बाद भी कॉलम का साइज कुछ बातो पे निर्भर करता है, जैसा कि घर कितनी मंजिल तक बनेगा। यहां पर कुछ मानक है, जो एक अच्छे और मजबूत कॉलम के बीच की दूरी के लिए सही है। –

(1)- (9″×9″ )- 2 कॉलम के बीच दूरी लगभग 10 फीट के आसपास होनी चाहिए (एक मंजिल घर के लिए)
(2)- (9″×12″)- 2 कॉलम के बीच की दूरी लगभग 13′ के करीब होनी चाहिए (जमीनी मंजिल के साथ 1और मंजिल होने के लिए)
(3)- (9″×15″)- 2 कॉलम के बीच दूरी 15′ के आसपास हो (जमीनी मंजिल के साथ़ 2 मंजिल बनाने के लिए)।
(4)- (9″×18″)- 2 कॉलम के बीच दूरी 18 फीट के आसपास होनी चाहिए (जमीनी मंजिल के साथ 4 मंजिल बनाने के लिए)

4-किस तरह बनता है अच्छी साइज का मजबूत कॉलम ?

आपको यह जानना बहुत ही जरूरी है, कि किस प्रकार से एक अच्छे और मजबूत कॉलम का निर्माण किया जाता है। कॉलम कैसे बनाते हैं, जानने के लिए उसके स्टेप्स को जानना बहुत ही जरुरी है जो कुछ इस प्रकार से हैं-

1.- सबसे पहले जमीन की खुदाई करते है।
2.- फिर कॉलम के लिए फुटिंग बेस तैयार करते है।
3.- कॉलम कितना दूर है और इसमें कितना मजबूत सरिया लगाना है इसका चुनाव करते है।
4.- सरिया बंधायी करना उचिज दूरी देकर।
5.- कॉलम की सरिया को सिधाई में खड़ा करना है और शटरिंग लगाना है।
6.- कॉलम में कंक्रीट डालना है और ध्यान रहे वाइब्रेटर का चलाना भी जरुरी है नहीं तो गैप अ जायेगा।

5- कॉलम में सरिया का क्या महत्व है और कितना लगाना चाहिए?

कॉलम में सरिया का क्या महत्व है और कितना लगाना चाहिए?
कॉलम में सरिया का क्या महत्व है और कितना लगाना चाहिए?

सरिया किसी भी कॉलम का बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, इसके बगैर हम कॉलम निर्माण के बारें में सोंच भी नहीं सकते हैं। कॉलम में मुख्य रूप से सरिया का स्तेमाल इसका साइज़ बनाने के काम में आता है। जिस प्रकार मनुष्य के शरीर में हड्डी होती है ठीक उसी तरह से ही कॉलम में सरिया होता है। जो इसको आकार के साथ-साथ मजबूती भी प्रदान करता है। एक कॉलम में छ सरिया होनी चाहिए वो भी 12MM की अगर आप घर तीन मंजिल तक की बनवा रहे हों तो।

एक घर में स्तंभों के बीच की दूरी- https://columnpost.com/distance-between-columns-in-a-house/

इस पोस्ट का सार –

घर बनाने के लिए कॉलम का प्रयोग घर को मजबूती देने के लिए किया जाता है इसके अलावा यह घर को सुंदरता भी देता है। वहीं कॉलम का एक निश्चित एरिया पर भी निर्भर करता है, इसलिए आप अपना घर को सुंदर और मजबूत बनवाने के लिए एक बार अच्छे इंजिनियर से सलाह जरूर लेंवे।